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किसान
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किसान नेताओं की संपत्ति कुर्क करेगी हरियाणा पुलिस
हरियाणा पुलिस ने किसान आंदोलन 2.0 में शामिल किसान नेताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है.
युवा किसान की मौत, 'दिल्ली चलो' दो दिनों के लिए स्थगित
पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर बुधवार को शुभकरण सिंह नाम के 22 साल के एक किसान की मौत हो गई.
बड़ी मशीनें लेकर निकले किसान, आंसू गैस से अफरा-तफरी
सिर्फ पांच फसलों पर एमएसपी के सरकार के प्रस्ताव को ठुकराने के बाद किसानों ने एक बार फिर से अपना प्रदर्शन शुरू कर दिया.
दालों, कपास और मक्का पर एमएसपी देने को तैयार हुई भारत सरकार
किसानों के साथ गतिरोध को खत्म करने के लिए केंद्र ने किसानों के आगे कुछ फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी का प्रस्ताव रखा है.
भारत की हरित क्रांति का वो पहलू, जो हरा-भरा नहीं था
क्या हरित क्रांति के केवल फायदे ही हुए? कई जानकार हरित क्रांति के कुछ बड़े दुष्परिणामों की ओर ध्यान दिलाते हैं.
ईको इंडिया 261: देखिए पूरा एपिसोड
ईको इंडिया के इस एपिसोड में देखिए, महाराष्ट्र के पुणे शहर में चल रहा रेड डॉट अभियान. ज्यादातर सैनेटरी पैड्स गलनशील नहीं होते. वो कचरा बढ़ाते हैं. भारत में हर साल एक लाख टन से ज्यादा इस्तेमाल किए हुए सैनेटरी पैड्स लैंडफिल्स में फेंक दिए जाते हैं. यह पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है. पुणे में शुरू हुआ एक अभियान, पैड्स को सुरक्षित और सस्टेनेबल तरीके से डिस्पोज करने पर जागरूकता फैला रहा है.
यूरोप में भी किसानों ने किया प्रदर्शन, कैसे पेश आईं सरकारें
भारत में किसानों के प्रदर्शनों के प्रति सरकार के रवैये और यूरोप की सरकारों के रवैये में बहुत फर्क नजर आता है.
तंजानिया में मोटे अनाज की खेती करना सिखाएंगे यूपी के किसान
उत्तर प्रदेश के दर्जनों किसान पूर्वी अफ्रीकी देश तंजानिया में किसानों को मोटे अनाज की खेती सिखाएंगे.
एक बार फिर लंबे आंदोलन के लिए कमर कस ली है किसानों ने
किसान आंदोलन 2.0 का घटनाक्रम हूबहू पिछले आंदोलन की तरह आगे बढ़ रहा है.
भारत: कितना असरदार हो सकता है इस बार किसान आंदोलन
पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने एक बार फिर दिल्ली में प्रदर्शन करने की योजना बनाई है.
ईको इंडिया 260: देखिए पूरा एपिसोड
ईको इंडिया के इस एपिसोड में देखिए कैसे महाराष्ट्र के एक सूखाग्रस्त रहने वाले गांव के दिन फिर गए. महाराष्ट्र का आटपाडी गांव पहले “सूखे की जमीन” कहलाता था, लेकिन अब इसकी सूरत बिल्कुल बदल गई है. अब यहां लोगों को पानी की कोई कमी नहीं. गांव में रोजगार पैदा हो रहा है, किसान मुनाफा कमा रहे हैं, भूजल स्तर 1,000 फुट से उठकर 20 फुट पर पहुंच गया है. पानी के न्याय के साथ-साथ सामाजिक न्याय भी हो रहा है.
फ्रांस में 'चारिवारी' से शुरु हुआ विरोध का ऐसा तरीका
फ्रांस के किसानों ने सरकारी नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों से दो हफ्ते तक पेरिस को बेचैन रखा.
रिपोर्ट: बेहतर खाद्य उत्पादन से बच सकते हैं खरबों डॉलर
एक रिपोर्ट के मुताबिक बेहतर खाद्य उत्पादन और उपभोग से सालाना खरबों डॉलर बचाए जा सकते हैं.
जर्मनी में इतनी हड़तालें क्यों हो रही हैं?
जर्मनी में पिछले दिनों कई हड़तालें और विरोध प्रदर्शन हुए जो आगे भी जारी रह सकते हैं. आइए नजर डालते हैं इन प्रदर्शनों पर.
भारत में निर्यात पर बैन से पाकिस्तान को भारी फायदा
पाकिस्तान के चावल का निर्यात इस साल जून तक रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचने की संभावना है.
चांसलर ओलाफ शॉल्त्स की 'खामोशी' से क्यों नाराज है जनता
मौजूदा चांसलर ओलाफ शॉल्त्स जनता के बीच उतने लोकप्रिय नहीं हैं, जितने पूर्व चांसलर रहे हैं. आखिर इसकी क्या वजह है?
अब जर्मनी में कोई किसान क्यों नहीं बनना चाहता
साल-दर-साल, किसानों के लिए अपने पुरखों के नक्शेकदम पर चलना मुश्किल होता जा रहा है. ऐसा क्यों?
फ्रांस: महंगाई कम करने से नाराज किसान कर रहे हैं चक्का जाम
फ्रांस में दो हफ्ते से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी किसानों ने कई जगहों पर सड़कें बंद कर दी हैं.
मंथन का नया एपिसोड
साइंस के खास शो मंथन में इस बार देखिए कैसे दुनियाभर की निगाहें भारत के डिजिटल पेमेंट सिस्टम पर हैं. जानिए दवाइयों के अलावा ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के और क्या तरीके हैं. और आखिर में मिलिए वियतनाम के किसानों से, जो जलवायु परिवर्तन की वजह से खेती के तरीके बदल रहे हैं.
किसान आंदोलन: ट्रैक्टरों ने जाम कर दी जर्मनी की राजधानी
जर्मनी में एक हफ्ते से जारी किसान प्रदर्शन के आखिरी दिन राजधानी बर्लिन में हजारों ट्रैक्टरों ने जाम लगाया.
जर्मनी के किसान इतने नाराज क्यों हैं?
सब्सिडी में प्रस्तावित कटौती को आंशिक रूप से वापस लेने के बावजूद जर्मनी में हजारों किसान प्रदर्शन कर रहे हैं.
डीजल सब्सिडी को लेकर सड़कों पर उतरे जर्मन किसान
जर्मनी के किसान सरकार के खिलाफ देश भर में प्रदर्शन कर रहे हैं. उनके प्रदर्शन का असर व्यापक है.
चुनाव से पहले महिला किसानों को बड़े तोहफे की तैयारी
केंद्र सरकार महिला किसानों का सालाना भुगतान दोगुना करने पर विचार कर रही है. रॉयटर्स ने तीन सूत्रों के हवाले से खबर दी.
जर्मनी: सब्सिडी में कटौती के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन
डीजल सब्सिडी में कटौती की सरकार की योजना के खिलाफ राजधानी बर्लिन समेत जर्मनी के कई शहरों में किसान हड़ताल पर हैं.
मुसीबत में स्पेन के संतरा किसान
अंदालुसिया में पिछले एक साल में यहां लगभग ना के बराबर बारिश हुई है. यह एक बड़ा संकट है, जबकि यहां पर्याप्त गर्मी रहती है. इलाके में इसके विनाशकारी प्रभाव हो रहे हैं. लेकिन किसान और इंजीनियर इसके मुताबिक ढ़लने की कोशिश भी कर रहे हैं.
प्याज निर्यात पर पाबंदी से भारत के पड़ोसी देश परेशान
भारत सरकार ने प्याज की महंगाई को काबू करने के लिए निर्यात पर पाबंदी लगा दी है.
जर्मनी: कृषि सब्सिडी में कटौती करेगी सरकार, किसान नाराज
जर्मनी की गठबंधन सरकार बचत के लिए किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी घटाने की तैयारी कर रही है.
क्या चावल के साथ झींगे भी पैदा किए जा सकते हैं?
जलवायु परिवर्तन के चलते लोग अपनी आदतें जब बदलेंगे, तब बदलेंगे. लेकिन किसानों ने नए रास्ते अपनाने शुरू कर दिए हैं.
अब शहर संवार रहे हैं काम से बाहर हो चुके किसान
अर्बन माली नाम का एक सामाजिक उद्यम ऐसे किसानों के लिए रोजगार के मौके पैदा कर रहे हैं जिनकी खेती-किसानी छूट गई है.
महिला स्वयं सहायता समूहों के किस काम आएंगे ड्रोन
भारत सरकार एक नई योजना शुरू करने जा रही है जिसके तहत महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन उपलब्ध कराए जाएंगे.
पर्यावरण के हिसाब से बन रहे जर्मनी में खेती के उपकरण
जर्मनी में खेती के उपकरणों से रिकॉर्ड मुनाफा होता है. इसकी एक वजह किसानों का पर्यावरण अनुकूल खेती के उपकरणों को अपनाना भी है.
लोगों को देशी बना रहा खाना
कर्नाटक के पारंपरिक खेती करने वाले किसानों का एक समूह पर्यावरण अनुकूल, स्वास्थ्यवर्धक और स्थानीय फसलें और सब्जियां उगा रहा है. इससे न सिर्फ स्थानीय किसानों को फायदा मिल रहा है बल्कि पकवानों में स्थानीयता की भावना भी बढ़ रही है.
किसान पराली जलाने को मजबूर क्यों?
दिल्ली और उसके आसपास के इलाके में बिछी स्मॉग की चादर के लिए बहुत से लोग हरियाणा और पंजाब के खेतों में जलने वाली पराली को जिम्मेदार मानते हैं. लेकिन किसान कहते हैं कि उन्हें मजबूरी में ऐसा करना पड़ता है.
देखिए मंथन का नया एपिसोड
मंथन के इस एपिसोड में देखिए कैसे खेतों में चूहों की समस्या से निपटने के लिए साइप्रस के किसान चूहे मारने वाले जहर की जगह उल्लुओं को काम पर लगा रहे हैं. साथ ही जानेंगे कि अंटार्कटिका जैसे धरती के सबसे सुदूर इलाके के फूड सिस्टम में कैसे पहुंचा माइक्रोप्लास्टिक.
महाराष्ट्र में पानी के न्याय की शानदार पहल
महाराष्ट्र का आटपाडी गांव पहले “सूखे की जमीन” कहलाता था, लेकिन अब यहां लोगों को पानी की कोई कमी नहीं.
कश्मीरी सेब किसानों पर कर्ज बहुत, कमाई नहीं
कश्मीर के सेब किसान आर्थिक समस्याएं झेल रहे हैं. फिर उन्हें सरकार से भी ज्यादा मदद नहीं मिल रही. ऐसे में सेब किसानों के हजारों परिवार मुश्किल से गुजारा कर पा रहे हैं.
भारत में पारंपरिक खेती से मुनाफा कमा रही हैं महिला किसान
खेती-किसानी, पुरुष प्रधान पेशा माना जाता है. महिलाएं खेतिहर मजदूरी का तो काम करती हैं, लेकिन कम ही होता है कि वो खुद किसान हों और खेत की भी मालिक हों. तमिलनाडु और केरल में सक्रिय महिला किसानों के साझा समूह, पारंपरिक तरीकों से खेती करके मुनाफा भी कमा रही हैं और महिला सशक्तिकरण में सराहनीय भूमिका भी निभा रही हैं. साथ ही, खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे रही हैं.
क्यों तीव्र हो रही है मराठा आरक्षण की मांग
महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग की तीव्रता बढ़ती जा रही है.
अमेरिका की सबसे बड़ी नदी की ऐसी हालत कभी नहीं थी
अमेरिका की सबसे बड़ी नदी मिसिसिपी लगातार दूसरे साल गंभीर सूखा झेल रही है. इससे वहां किसानों को बहुत ससमस्याएं आ रही हैं.
किसानों और बीमा कंपनियों की एक साथ मदद करती मौसम ऐप
एक निजी ऐप भारतीय किसानों को उनकी जरूरत के मुताबिक मौसम की पूर्व जानकारी दे रही है. देखिए, यह कैसे संभव हो रहा है.
अपनी बिजली खुद बनाते भारत के गांव
भारत के ग्रामीण इलाकों की ऊर्जा जरूरतें पूरी करने में सौर ऊर्जा जैसे विकल्प बड़े काम आ रहे हैं.
ईको इंडिया 239: देखिए पूरा एपिसोड
ईको इंडिया के इस एपिसोड में देखिए कि तमिलनाडु में मछुआरों की मदद करने और पर्यावरण सुधारने के मकसद से बनाया गया कम्युनिटी रेडियो कैसे सफल हो रहा है. जानेंगे कश्मीर में वुलर झील को फिर से जिलाने के लिए कश्मीरी क्या कोशिशें कर रहे हैं. इटली में मछली पकड़ने के अवैध तरीकों से निपटने के उपाय जानेंगे और आखिरी में आपको बताएंगे कि आपको मिल रहे दूध में क्या मिलावट और खराबी है और इससे बचने के क्या उपाय हैं.
खुशबूदार खसखस लगाने के हैं कई फायदे
केरल में किसान भूस्खलन और मिट्टी के कटाव से बचने के लिए खेतों के इर्दगिर्द सीमायी फसल के तौर पर खसखस उगाते हैं. ये घास मिट्टी को बांधकर रखती है और कटाव रोकने में बहुत मदद करती है. खसखस का बस इतना ही फायदा नहीं है. इसे सुखाकर बहुत सुंदर और टिकाऊ टोकरियां बनती हैं. इसके कारण ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में भी मदद मिल रही है.
चरम मौसम की वजह से बढ़ रहे पूर्वानुमान लगाने वाले कारोबार
मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाले कारोबार से विकसित देशों को ही क्यों हो रहा ज्यादा फायदा?
पोषक और किफायती अजॉला है मवेशियों का आदर्श चारा
पानी में उगने वाला अजॉला मवेशियों के चारे का अच्छा विकल्प हो सकता है. ये तेजी से बढ़ता है और बहुत पोषक और किफायती भी है.
उल्लू कर रहे हैं चूहों से निपटने में किसानों की मदद
खेतों में चूहों की समस्या से निपटने के लिए किसान चूहे मारने का जहर इस्तेमाल करते हैं. इससे ये कीटनाशक ना केवल खाद्य शृंखला का हिस्सा बन जाते हैं, बल्कि पर्यावरण और जैव विविधता को भी नुकसान पहुंचाते हैं. अब साइप्रस में इस समस्या से निपटने के लिए सफेद उल्लुओं को काम पर लगाया गया है. देखिए इसका क्या नतीजा हुआ है.
भेड़ियों को मारे बिना भेड़ों को बचाने की कवायद
स्विटजरलैंड में एक बार फिर भेड़ियों की संख्या बढ़ रही है. पहाड़ी गांवों में भेड़ पालने वाले इनसे बहुत परेशान होते हैं. इनकी मदद के लिए एक एनजीओ के कुछ वालंटियर पूरी रात जागते हैं. नतीजा भेड़ और भेड़िये दोनों सुरक्षित हैं और फल फूल रहे हैं.
बहुत कारगर नहीं भारत का गेहूं-चावल निर्यात बैन
भारत सरकार महंगाई कम करने के लिए लगातार कोशिश कर रही है, लेकिन बढ़ती खाद्य महंगाई हर प्रयास को मात देती दिख रही है.
किसानों की जिंदगी में खुशहाली लातीं मधुमक्खियां
मधुमक्खियां जैव-विविधता के लिए बहुत जरूरी हैं. हालांकि, शहद बनाने वाली मधुमक्खियां अगर जगंली मधुमक्खियों की जगह अपना वर्चस्व स्थापित कर लें तो पर्यावरण के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है. इसलिए खेती में सोच-विचारकर मधुमक्खियों का इस्तेमाल पर्यावरण के हित में है और मधुमक्खी पालकों को भारी मुनाफा भी दे सकता है.
किसानों की जान बचाता, आमदनी बढ़ाता सेरीकल्चर
मराठवाड़ा, महाराष्ट्र के सबसे सूखा प्रभावित इलाकों में से है. यहां किसानों के अपनी जान लेने की घटनाएं सामने आती रही हैं. सूखे का लंबा दौर आर्थिक दुश्वारियों को जन्म देता है. लेकिन यहां के एक गांव में रेशम के कीड़े खुशहाली लाए हैं. सेरीकल्चर से आत्महत्याओं का दौर खत्म हुआ है.
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