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फेटल के दुर्भाग्य में आलोंसो चमके

Priya Esselborn२४ जून २०१२

फरारी के स्पेनिश ड्राइवर फर्नांडो आलोंसो ने यूरोपियन ग्रां प्री जीती. वह इस सत्र के पहले ऐसे ड्राइवर बने हैं जिन्होंने दो रेसें जीत ली है. आलोंसो की जीत सेबास्टियान फेटल की बदकिस्मती की वजह से हुई.

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तस्वीर: dapd

57 चक्कर (लैप) वाली रेस में दो बार फॉर्मूला वन चैंपियन रहे सेबास्टियान फेटल दुर्भाग्यशाली रहे. 2010 और 2011 में इसी ट्रैक पर जीतने वाले फेटल तकनीकी गडबड़ी का शिकार बने. रविवार को उन्होंने सबसे आगे रहते हुए रेस शुरू की. लेकिन 35वें लैंप में अचानक उनकी कार खराब हो गई. इंजन बंद हो गया और फेटल को रेस छोड़नी पड़ी. झल्लाए फेटल टीम के पास पहुंचे तो रेड बुल टीम के बॉस क्रिस्टियान होर्नर ने सांत्वना में उन्हें गले लगा लिया.

फेटल के बाहर होने का फायदा फरारी के फर्नांडो आलोंसो को मिला. दो बार चैंपियन रह चुके आलोंसो ने सीजन की दूसरी रेस जीती. मार्च में उन्होंने मलेशियन ग्रां प्री जीती थी. जीत के साथ स्पेनिश ड्राइवर इस साल की चैंपियनशिप में अंकों के आधार पर सबसे ऊपर हो गए हैं. वहीं रेस पूरी न कर पाने की वजह से फेटल को वेलेंसिया के सारे अंक गंवाने पड़े हैं.


दूसरे स्थान पर लोटस टीम के किमी रेकनन और तीसरे नंबर पर मर्सिडीज के मिषाएल शूमाखर रहे. 2010 में फॉर्मूला वन में वापसी करने के बाद यह पहला मौका है जब शूमाखर टॉप-3 चालकों में आए हैं. शूमाखर सात बार फॉर्मूला वन चैंपियनशिप जीत चुके हैं.

Formel Grand Prix Valencia Siegerehrung
2010 के बाद पो़डियम में पहली बार शूमाखरतस्वीर: Reuters


वेलेंसिया के ट्रैक पर पहली फॉर्मूला वन रेस 2008 में हुई. 5.4 किलोमीटर के इस ट्रैक को कठिन माना जाता है. यहां 25 मोड़ हैं. 11 दाएं हाथ के और 14 बाएं हाथ के मोड़ हैं. ट्रैक में अब तक सबसे तेज स्पीड 323 किलोमीटर प्रति घंटा आंकी गई है. लेकिन इसके बावजूद बहुत ज्यादा मोड़ होने की वजह से वेलेंसिया में ओवरटेक करना बहुत मुश्किल माना जाता है.


इस रेस के बाद फॉर्मूला वन पायलटों का अगला मुकाबला ब्रिटेन में होगा. फॉर्मूला वन के इस सत्र की अब 12 रेसें बची हैं. इनमें पिछले साल शुरू होने वाली इंडियन ग्रां प्री भी है.
ओएसजे/एमजी (एएफपी)

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