जैश प्रमुख मसूद अजहर नहीं हुआ ब्लैक लिस्ट
१४ मार्च २०१९भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, "हम हर कोशिश करेंगे ताकि हमारे नागरिकों पर हमला करने वाले आतंकवादियों को सजा मिल सके और जनता को न्याय." वहीं भारत ने उन सारे देशों को शुक्रिया किया जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उसके प्रयासों का समर्थन किया.
चीन ने मसूद अजहर को ब्लैक लिस्ट किए जाने के प्रस्ताव पर रोक लगाते हुए कहा कि उसे इस मुद्दे को समझने के लिए वक्त चाहिए. हालांकि इसके पहले अमेरिका ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा था कि उसका रुख क्षेत्रीय स्थिरता एवं शांति के लिए खतरा हो सकता है.
चीन इसके पहले भी मसूद पर प्रतिबंध लगाने वाले तीन प्रस्तावों को रोक चुका है. सुरक्षा परिषद में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से जैश प्रमुख पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पेश किया गया था. अगर यह प्रस्ताव पारित हो जाता तो मसूद को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया जाता और उसकी सारी संपत्ति जब्त कर उस पर ट्रैवल बैन भी लग जाता. मसूद अजहर का संगठन जैश-ए-मुहम्मद साल 2001 से ही संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादी सूची में शामिल है.
14 फरवरी को पुलवामा में अर्धसैनिक बलों के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मुहम्मद ने ली थी. इस हमले में 40 जवान मारे गए थे. हालांकि इस मुद्दे पर राजनीतिक खेमों में भी बयानबाजी तेज हो गई है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए अपने ट्वीट में कहा, "कमजोर मोदी, चीन के शी जिनपिंग से डर गए. एक शब्द भी मुंह से नहीं निकला जब चीन भारत के खिलाफ कदम उठा रहा था."
चीन के इस रुख पर आम जनता का गुस्सा भी टि्वटर पर फूट पड़ा है. यूजर्स चीनी उत्पादों के इस्तेमाल को बंद करने की बात कर रहे हैं. चीन भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है. अगर रिश्तों में तनाव आता है तो उसका असर चीन के मुकाबले भारतीय कारोबार पर अधिक होगा.
एए/आईबी (एएफपी, डीपीए)