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सोशल मीडिया पर भारत चीनी रिश्ते

१५ मई २०१५

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चीन दौरा कई मायनों में महत्वपूर्ण है. दोनों देश न सिर्फ एशिया की तेजी से बढ़ती ताकतें हैं बल्कि एक दूसरे की प्रतिद्वंद्वी भी हैं. भारत को तेज विकास का नया मॉडल चाहिए जो चीन हो सकता है.

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तस्वीर: Reuters/K. Kyung-Hoon

शीत युद्ध की समाप्ति के बाद आर्थिक सुधारों और उनका फायदा उठाने के मामले में भारत चीन से पिछड़ता गया है. हीदर चिमंस ने पिछले सालों में भारत और चीन के सकल राष्ट्रीय उत्पादन में आए अंतर का ग्राफिक ट्वीट किया है.

ट्विटर यूजर मयंक सिंह ने ट्वीट किया है कि भारत चीन से विकास के मामले में क्यों पिछड़ रहा है.

मोदी निश्चित तौर पर प्रांतीय नेताओं को विकास के लिए प्रेरित करना चाहते हैं. अपने चीन दौरे पर गुजरात और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों के अलावा छह राज्यपालों और शहरों के मेयरों को चीन दौरे पर साथ ले जाकर मोदी ने एक नई परंपरा की शुरुआत की है. इसका नतीजा प्रांतों की आर्थिक पहलकदमियों को केंद्र के विदेशनैतिक शिकंजे से मुक्त करने के रूप में सामने आ सकता है. एक यूजर पतिशप्त ने मोदी के चीन दौरे को विदेशनीति की नई शुरुआत बताया है.

मोदी के साथ चीन गए प्रतिनिधिमंडल में गुजरात की मुख्यमंत्री के अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस भी हैं. भारतीय नेताओं के लिए चीनी शहरों के विकास के देखना दिलचस्प होगा, जहां शहरों को आधुनिक बनाने और नागरिक सुविधाओं के मामलों में दूरदर्शिता दिखाई जा रही है. देवेंद्र फडनवीस ने अपनी भागीदारी के बारे में ट्वीट किया है.

सोशल मीडिया पर मोदी के हर विदेशी दौरे की तरह चीन दौरे पर टीका टिप्पणियां हो रही हैं. कुछ यूजर मोदी के समर्थन में ट्वीट कर रहे हैं तो कुछ विरोध में टिप्पणियां कर रहे हैं.

इस दौरे ने चीन भारत संबंधों के कुछ छुपे पहलुओं को भी उजागर करने में मदद दी है. मसलन बिछड़ी बहनों के फिर से मिलने की यह कहानी.

चीन के साथ भारत के रिश्तों में सबसे महत्वपूर्ण भारतीय नाम द्वारिकानाथ कोटनिस.

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एमजे/आरआर