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जलवायुसंयुक्त राज्य अमेरिका

हवाई में 1,100 लोग लापता

२३ अगस्त २०२३

दो हफ्ते पहले लगी आग ने अमेरिका के लहाइना कस्बे का नामोनिशान मिटा दिया है. अब बची-खुची हड्डियों से शवों की पहचान की जा रही है.

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लहाइना कस्बा
तस्वीर: Mike Blake/REUTERS

महीने भर पहले अमेरिका के हवाई द्वीप के कस्बे, लहाइना की आबादी 12,000 हजार थी. अब इस कस्बे का नामोनिशान नहीं बचा है. दो हफ्ते पहले लगी भीषण आग ने पूरे कस्बे को खाक कर दिया है. आधिकारिक तौर पर मृतकों की संख्या 115 बताई जा रही है. लेकिन 1,100 लोग अब भी लापता हैं.

अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी (एफबीआई) मृतकों की पहचान के लिए परिवारों से संपर्क कर रही है. पुलिस, रेडक्रॉस और शेल्टर होम्स में लापता लोगों की लंबी लिस्ट है. एफबीआई के स्पेशल एजेंट स्टीवन मेरिल के मुताबिक, "हम सारी सूचियों का एक-दूसरे से मिलान कर रहे हैं, ताकि लापता लोगों के बारे से सही तथ्य सामने आ सकें."

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22 अगस्त तक एफबीआई ने 1,100 लोगों के लापता होने की पुष्टि की. अधिकारियों के मुताबिक यह संख्या बढ़ सकती है. गुम हुए लोगों की पहचान के लिए एक टेलिफोन हॉटलाइन भी बनाई गई है. लोगों से अपील की गई है कि वे अपने लापता रिश्तेदारों के बारे में इस हॉटलाइन पर सूचना दें.

लहाइना, आग से पहले (बाएं) और आग के बाद (दाएं)
लहाइना, आग से पहले (बाएं) और आग के बाद (दाएं)तस्वीर: Maxar Technologies via AP/picture alliance

बचे-खुचे अवशेषों और डीएनए टेस्ट का सहारा

माओई द्वीप के पुलिस प्रमुख जॉन पेलेटियर के मुताबिक, लापता लोगों के परिवारजनों के डीएनए सैंपल जुटाए जा रहे हैं. कोशिश की जा रही है कि ऐसे लोग दुनिया में जहां भी हैं, वहां उनके नमूने लिए जाएं.

राख में मिल रहे मृतकों के अवशेषों की पहचान एक बड़ी चुनौती है. अब तक 115 में से 27 मृतकों की ही पहचान हो सकी है. डीएनए टेस्टिंग कर रही कंपनी की वाइस प्रेसीडेंट जूली फ्रेंच के मुताबिक, परिवारजनों के डीएनए सैंपल के बिना अवशेषों की पहचान करना असंभव होगा. अब तक 104 लोगों के डीएनए सैंपल ही जुटाए जा सके हैं.

लहाइना तक पहुंची शुरुआती आग
लहाइना तक पहुंची शुरुआती आगतस्वीर: Alan Dickar/AP/dpa/picture alliance

मिट गया लहाइना

अमेरिकी मुख्यभूमि से करीब 3,200 किलोमीटर दूर हवाई द्वीप समूह के माओई द्वीप में 8 अगस्त की दोपहर कुछ झाड़ियों में छोटी सी आग लगी. कुछ घंटों के भीतर ही आग विकराल हो गई और तेज हवाओं के कारण लहाइना कस्बे तक पहुंच गई. प्रशांत महासागर के तट पर बसा लाहौना कभी एक मशहूर टूरिस्ट टाउन था. लेकिन आग ने 14 घंटे के भीतर लहाइना को पूरी तरह उजाड़ दिया.

लपटें जब तक शांत हुईं, तब तक लहाइना में 2,200 इमारतें खाक हो चुकी थीं. इनमें से 86 फीसदी रिहाइशी थीं. जान बचाने के लिए ज्यादातर लोग समंदर में उतरे. आग के कारण बिजली और इंटरनेट कनेक्शन भी कट गए. इस वजह से भी कई लोग समय रहते शेल्टरों तक नहीं पहुंच सके. अमेरिका के इतिहास में 100 साल बाद जंगल की आग से इतने बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है.

ओएसजे/एसएम (एएफपी)