सीरिया में अब भी कायम है इस्लामिक स्टेट
५ फ़रवरी २०२०राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर नजर रखने वाली अमेरिकी सरकार की एक स्वतंत्र संस्था ने कहा है कि तथाकथित इस्लामिक स्टेट के मुखिया अबु बक्र अल-बगदादी की मौत के बावजूद सीरिया में इस जिहादी संगठन की क्षमता बरकरार है. इस संस्था के साथ साथ अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के एक इंस्पेक्टर जनरल ने भी कहा कि अगर इराक से अमेरिकी सैनिक चले जाते हैं तो जिहादी अपनी गतिविधियों को फिर शुरू कर सकते हैं.
48 वर्षीय बगदादी 2014 से इस्लामिक स्टेट का नेतृत्व कर रहा था और वह दुनिया का सबसे वांछित व्यक्ति था. उसने अपने नेतृत्व में एक "खिलाफत" की घोषणा की थी जिसने एक समय इराक और सीरिया के एक बड़े इलाके पर कब्जा कर लिया था. लेकिन अमेरिका के नेतृत्व में कई साल तक चली लड़ाई में पिछले साल आखिरकार उसका अंत हो गया. उसके बाद यह गुट भूमिगत हो गया और उसने गुरिल्ला रणनीति अपना ली जिससे वह नुकसान करता रहा.
बगदादी के मारे जाने के बाद संगठन ने अबु इब्राहिम अल-हाशिमी अल-कुरैशी को नेतृत्व सौंप दिया, लेकिन अबु इब्राहिम के बारे में कोई भी ज्यादा नहीं जानता. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के इंस्पेक्टर जनरल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बगदादी की मौत से संगठन पर कोई असर नहीं पड़ा.
अमेरिकी केंद्रीय कमांड (सेंटकॉम) से मिली जानकारी का हवाला देते हुए, इंस्पेक्टर जनरल ने कहा कि इस्लामिक स्टेट "अभी भी मजबूत है. उसके नियंत्रण का ढांचा और उसके गुप्त शहरी नेटवर्क बरकार हैं और उसके लड़ाके ग्रामीण सीरिया के ज्यादातर इलाकों में उपस्थित हैं."
रिपोर्ट में कहा गया है कि सेंटकॉम और डिफेन्स इंटेलिजेंस एजेंसी, दोनों ही इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि बगदादी की मौत का "आईएसआईएस की क्षमताओं को कोई तात्कालिक क्षति नहीं पहुंची."
अमेरिका और ईरान के बीच तनातनी पिछले महीने इराक तक पहुंच गई और युद्ध की चिंताओं ने जन्म ले लिया. लेकिन अब वो चिंताएं शांत हो रही हैं. अमेरिका ने ईरान की सेना के शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी को बगदाद में मार गिराया और ईरान ने पलटवार में एक इराकी सैन्य ठिकाने पर हमला कर दिया और दर्जनों अमेरिकी सिपाहियों को घायल कर दिया.
इराक में, सुलेमानी की हत्या के बाद अमेरिकी सैनिकों ने इस्लामिक स्टेट के खिलाफ अपनी गतिविधियां रोक दीं, ताकि इराक में मौजूद लगभग 5,200 अमेरिकियों को बचाने पर ध्यान दिया जा सके.
अमेरिकी नेतृत्व वाला गठबंधन 2014 के बाद से इस्लामिक स्टेट को हराने के लिए इराकी सैनिकों को प्रशिक्षण और हवाई समर्थन दे रहा है. सुलेमानी की मौत के बाद इराक की संसद में अमेरिकी सैनिकों को इराक छोड़ कर चले जाने के निर्देश देने के लिए मतदान भी हुआ. लेकिन अमेरिका ने ऐसा करने से मना कर दिया और इराकी सैनिकों ने जनवरी के अंत में गठबंधन की सेना के साथ मिलकर जिहादी विरोधी अभियान फिर शुरू कर दिए.
इंस्पेक्टर जनरल ने कहा, "ये स्पष्ट नहीं है कि अमेरिकी सैनिक इराक में रह पाएंगे या नहीं और अगर वे रह भी जाएं तो उनकी गतिविधियां पहली जैसी रह पाएंगी या नहीं." लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि, "इराक में अमेरिकी सैनिकों की उपस्थिति के बिना, आईएसआईएस की वापसी हो सकती है."
सीके/एके (एएफपी)
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