महिलाओं के खिलाफ अपराध: कैसे सुधरेगी दिल्ली की छवि
२ जनवरी २०२३दिल्ली की एक महिला नए साल की नई सुबह नहीं देख पाई. वह नई सुबह देखती उसके पहले उसकी खौफनाक हादसे में मौत हो गई. पीड़ित का नाम अंजलि सिंह बताया जा रहा है और वह रविवार तड़के काम से घर लौट रही थी. अंजलि इवेंट ऑर्गेनाइजर का काम करती थीं. रविवार तड़के उसके स्कूटर की कार से कथित टक्कर हो गई है. मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि उसके बाद वह कार के नीचे फंस गई और कई किलोमीटर तक घिसटती चली गई.
अलग-अलग मीडिया रिपोर्टों में महिला के घिसटने के बारे में कहा जा रहा है कि वह करीब करीब चार किलोमीटर तक कार के नीचे फंसकर घिसटती रही. उस दौरान उसके सिर और पीठ की हड्डियां निकल गईं और मांस भी निकल गया, कपड़े भी फट गए. कार के नीचे फंसी महिला सुल्तानपुर से कंझावाला तक घिसटती रही. पुलिस ने कार में सवार पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार लोगों में क्रेडिट कार्ड कलेक्शन एजेंट, ड्राइवर और राशन की दुकान का मालिक शामिल हैं.
सुप्रीम कोर्ट के बैन के बावजूद बिक रहा है एसिड
"सिर शर्म से झुक गया"
राजधानी दिल्ली में महिला के साथ हुई इस घटना पर समाज में एक नया आक्रोश पैदा हो गया है. खासतौर पर नए साल की शुरूआत के पहले दिन. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल समेत सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर इस घटना की निंदा और आलोचना की है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने लिखा, "कंझावला में हमारी बहन के साथ जो हुआ, वो बेहद शर्मनाक है. मैं उम्मीद करता हूं कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी."
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने भी ट्वीट कर लिखा, "आज सुबह कंझावला-सुल्तानपुरी में हुए अमानवीय अपराध से मेरा सिर शर्म से झुक गया है और मैं ऐसा करने वालों की हैवानियत भरी असंवेदनहीनता से हैरान हूं."
उपराज्यपाल ने कहा है कि वह दिल्ली पुलिस प्रमुख के साथ मिलकर मामले की निगरानी कर रहे हैं और सभी पहलुओं पर गहनता से विचार किया जा रहा है.
इस मामले में दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को समन भेजा है. आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, "यह मामला बेहद भयानक है. इसलिए दिल्ली पुलिस को हाजिरी समन जारी कर रही हूं. पूरा सच सामने आना चाहिए."
मां ने पूछा यह कैसा हादसा
अंजलि की मां ने हादसे पर सवाल उठाया है. उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, "जब मेरा भाई पुलिस स्टेशन पहुंचा तो उसे मेरी बेटी की मौत के बारे में बताया गया. मेरे भाई ने मुझे इसकी सूचना दी. हमारे परिवार में मेरी बेटी ही कमाने वाली थी. उसने इतने सारे कपड़े पहने थे लेकिन उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था, यह कैसा हादसा था."
दिल्ली पुलिस के आउटर जिले के डीसीपी हरेंद्र सिंह ने बताया कि रविवार तड़के करीब 3 बजे कंझावाला इलाके में पुलिस को कॉल मिली थी. कॉल में बताया गया कि एक लड़की निर्वस्त्र हालत में सड़क के किनारे पड़ी है. इस सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची थी.
पुलिस ने इसे हादसा बताया और सुल्तानपुरी थाने में लापरवाही से मौत का केस दर्ज किया.
निर्भया कांड के 10 साल बाद भी भय का माहौल
महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित महानगर
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक केंद्र शासित प्रदेशों में 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की उच्चतम दर दिल्ली में दर्ज की गई थी. पिछले तीन सालों में महिलाओं के खिलाफ हुई हिंसा के मामलों की संख्या साल 2019 में 13,395 से बढ़कर 2021 में 14,277 हुई.
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले सभी 19 महानगरों की श्रेणी में कुल अपराधों का 32.20 फीसदी हैं. एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि साल 2021 में हर दिन दिल्ली में औसतन दो लड़कियों से बलात्कार हुआ.