फुकुशिमा की मछलियों में विकिरण
२७ अक्टूबर २०१२विज्ञान पत्रिका साइंस की रिपोर्ट में कहा गया है कि फुकुशिमा के पास गहरे समुद्र से पकड़ी गई मछलियों में विकिरण का प्रभाव देखा गया है. रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि विकिरण दुर्घटनाग्रस्त परमाणु संयंत्र से ही हो रहा है.
पत्रिका के मुताबिक टोक्यो इलेक्ट्रिक कंपनी (टेप्को) भी इस बात की पुष्टि नहीं कर पा रही है कि विकिरण रिसाव पूरी तरह बंद हो चुका है. साइंस मैगजीन से टेप्को के प्रवक्ता ने कहा, "टेप्को ऐसी बातें नहीं कह सकती. लेकिन हमने इसकी पुष्टि की है कि प्लांट के आस पास समुद्र के पानी और तटीय जमीन पर विकिरण का स्तर घट रहा है."
अमेरिका के वुड्सहोल ओशियनोग्राफी इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ वैज्ञानिक केन बुएसेलर ने अपने लेख में कहा है कि फुकुशिमा की मछलियों में विकिरण को लेकर हल्का बदलाव देखा गया है. विकिरण कुछ कम हुआ है लेकिन अब भी जारी है. बुएसेलर के मुताबिक, "तथ्य यह है कि ज्यादातर मछलियां अब भी कम मात्रा में सीजियम 134 और सीजियम 137 से दूषित हैं. साल भर पहले यह स्तर बहुत ज्यादा था. इसका मतबल है कि सीजियम आहार श्रृंखला में आ रहा है."
मार्च 2011 में जोरदार भूकंप और फिर आई सूनामी लहरों ने फुकुशिमा दाइची परमाणु संयंत्र को खासा नुकसान पहुंचाया. प्राकृतिक आपदा के बाद संयंत्र के एक हिस्से में आग लग गई. कई महीनों तक संयंत्र से विकिरण रिसता रहा. विकिरण को काबू करने में जापान को खासी मशक्कत करनी पड़ी. बीते साल दिसंबर में सरकार ने कहा कि संयंत्र से विकिरण का रिसाव बंद हो चुका है.
ओएसजे/एएम (रॉयटर्स)