जर्मनीः दशक भर में सबसे कम बच्चे पैदा हुए पिछले साल
२ मई २०२४जर्मनी में आबादी का बढ़ना निरंतर कम हो रहा है. एक तरफ शादियों में कमी आ रही है तो दूसरी तरफ इसके नतीजे में बच्चों के पैदा होने की संख्या भी लगातार नीचे जा रही है. 2023 में कुल मिला कर 6,93,000 बच्चे जर्मनी में पैदा हुए. इससे एक साल पहले यह संख्या 7,38,819 थी. एक साल की अवधि में ही इसमें 6.2 फीसदी की कमी आई है.
जर्मनी में शादियां कम हुईं और ज्यादा हुए तलाक
पूर्वी जर्मनी में तो पैदा होने वाले बच्चों की संख्या 9.2 फीसदी कम हुई है. 2023 में यहां सिर्फ 78,300 बच्चे पैदा हुए जबकि 2022 में यह संख्या 86,227 थी. पश्चिमी जर्मनी की तुलना में यह कमी बहुत ज्यादा है, जहां एक साल पहले के 6,16,863 बच्चों की तुलना में पिछले साल 5,81,000 बच्चे पैदा हुए. इसका मतलब है लगभग 5.9 फीसदी की कम.
शादियों की घटती संख्या
बच्चों के कम पैदा होने की बड़ी वजह शादियों का कम होना भी है. जर्मनी के संघीय सांख्यिकी विभाग से मिले शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक 2023 में शादियों की संख्या में 7.6 फीसदी की कमी आई है. पिछले साल कुल मिला कर 3,61,000 शादियां हुईं जबकि 2022 में 3.90,743 जोड़ों ने शादी के बंधन में बंधने का फैसला किया था.
परिवार के विकल्प तलाशता जर्मन समाज
जर्मनी में शादी और बच्चों के आंकड़े रखने की शुरुआत 1950 में हुई थी. उसके बाद से 2023 में शादियों की संख्या दूसरी सबसे कम संख्या है. इसके पहले 2021 में 3,57,785 शादियां हुई थीं. 2021 में शादियों के कम होने के पीछे कोरोना वायरस की महामारी के चलती लगी भारी पाबंदियां थीं.
पिछले साल जो 3,61,000 शादियां पूरे जर्मनी में हुई उनमें 3,51,800 शादियां ही पुरुष और महिला के बीच हुईं. 9,200 शादियां समान लिंग वाले जोड़ों के बीच हुई हैं. शादियों के मामले में भी पूर्वी जर्मनी का रिकॉर्ड पश्चिमी जर्मनी के मुकाबले काफी ज्यादा कमी दिखा रहा है.
2022 में पूर्वी जर्मनी के 56,971 जोड़ों ने शादी की थी जबकि 2023 में यह संख्या घट कर 51,800 पर आ गई . इसके मुकाबले पश्चिमी जर्मनी में यह संख्या 2022 के लिए 3,21,431 और 2023 में करीब 2,97,700 थी.
सिमटती आबादी की समस्या
विकसित देशों में आबादी का सिकुड़ना या पर्याप्त तेजी से नहीं बढ़ना लगातार एक नई समस्या के रूप में उभर रहा है. जापान इससे सबसे ज्यादा प्रभावित है और धीरे धीरे जर्मनी भी उसी राह पर बढ़ रहा है. इसकी वजह से कई तरह की समस्याएं सामने आ रही हैं. एक तरफ काम करने के लिए लोग नहीं मिल रहे हैं तो दूसरी तरफ बुजुर्गों का ध्यान रखने की समस्या है. जर्मनी में कुशल कामगारों के साथ ही कई और तरह के कामों के लिए भी लोग नहीं मिल रहे हैं. बहुत से काम तो अब पूरी तरह मशीनों या फिर विदेशियों पर निर्भर हो गए हैं.
पहली शादी के लिए जर्मनी में इंतजार और लंबा हुआ
बीते सालों में जर्मनी ने इन्हीं समस्याओं से निबटने के लिए विदेशी लोगों का जर्मनी में बसना आसान बनाने की प्रक्रिया शुरू की है. इसके तहत कई तरह के नियमों में छूट दी जा रही है और विदेशियों के लिए सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं. हालांकि इतने भर से भी समाधान नहीं निकाला जा सका है.
आबादी के घटने या फिर पर्याप्त रूप से नहीं बढ़ने के पीछे कई कारण है. बदलते सामाजिक परिवेश और ढांचे में लोग अपनी स्वतंत्रता, करियर और जीवनशैली को ज्यादा अहमियत दे रहे हैं. ना सिर्फ शादियां कम हो रही हैं, बल्कि शादी करने की उम्र भी बढ़ रही है.
एनआर/एए (डीपीए)