जर्मनी में शादियां ज्यादा हुईं और कम हुए तलाक
२९ जून २०२३जर्मनी में सरकारी आंकड़े जुटाने वाले विभाग डिस्टाटिस के मुताबिक 2021 के मुकाबले पिछले साल हुई शादियों में 9.2 फीसदी का इजाफा हुआ. कुल 390,743 शादियां दर्ज हुईं जबकि 2021 में यह संख्या 357,785 थी जो पिछले बहत्तर सालों में सबसे कम थी.
इस बढ़ोत्तरी की वजह पर बात करते हुए डिस्टाटिस की अधिकारी बेटिना सोमर ने कहा, "शायद बहुत सारे ऐसे जोड़े जो शादी करना चाहते थे उन्होने इसे अगले साल पर टाल दिया."
डिस्टाटिस का अंदाजा है कि पिछले दो सालों में करोना के चलते लगाई गई पाबंदियों के खत्म होने के बाद आई शादियों में तेजी अब थम जाएगी. यही वजह है कि 2022 की ज्यादा शादियों को "कैचअप इफेक्ट" कहा जा रहा है यानी भरपाई करने की कोशिश.
लगातार घटते तलाक
एक तरफ ज्यादा शादियां हुईं तो दूसरी तरफ तलाक के मामलों में 3.8 फीसदी की कमी आई है. 2022 में तलाक के 137,353 मामले दर्ज हुए. सोमर इस पर कहती हैं कि 2019 को छोड़ दें तो तलाक की संख्या में 2012 से लगातार कमी आई है. हालांकि वो यह भी कहती हैं कि इसमें करोना की कितनी भूमिका है ये कहना अभी मुश्किल है.
जर्मनी में अब शादी भी देर से और तलाक भी
आंकड़ों के मुताबिक तलाक लेने वालों में से करीब अठारह फीसदी ऐसे जोड़े हैं जो कम से कम पच्चीस साल से शादीशुदा हैं. सिर्फ 2022 में हुए तलाक के मामलों की बात करें तो ज्यादातर जोड़े औसतन पंद्रह साल विवाहित रहे जबकि पच्चीस साल पहले ये औसत बाहर साल और चार महीने था.
खास बात यह भी है कि ज्यादातर मामलों में विवाहित जोड़े में से एक की मर्जी से ही तलाक की अर्जी दाखिल हुई. ऐसा करीब 90 फीसदी मामलों में हुआ जबकि केवल सात फीसदी मामलों में दोनों ने अर्जी दी.
2021 के मुकाबले पिछले साल समलैंगिक शादियों में तलाक के मामले दस फीसदी बढ़े हैं. 2017 में जर्मनी में पहली समलैंगिक शादी हुई थी. इसके बाद 2018 में यहां समलैंगिक शादियों की संख्या में काफी बढ़त देखी गई थी.
शादी, बच्चे और तलाक
तलाक के मामले घटे जरूर हैं लेकिन फिर भी जिन जोड़ों की शादियां खत्म हुईं उनके बच्चों की जिंदगी पर तो इसका असर हुआ ही. डिस्टाटिस ने अपने आंकड़ों में यह भी देखा कि 2022 में तलाक लेने वाले आधे से ज्यादा जोड़ों के बच्चे अठारह साल से कम के हैं.
इसी तरह तलाकशुदा लोगों में से आधे ऐसे हैं जिनका एक बच्चा है. लगभग 39.7 फीसदी लोगों के दो बच्चे हैं जबकि केवल 11.2 प्रतिशत लोग ही ऐसे हैं जिनके तीन बच्चे हैं.
कुल मिलाकर शादियां टूटने से करीब 115,800 बच्चों की जिंदगी पर असर पड़ा. हालांकि जर्मनी में कानून इस बात के हक में है कि शादी टूटने के बाद भी बच्चे का संपर्क दोनों अभिभावकों से होना चाहिए. बच्चों को पालने का हक किसी एक को तब तक नहीं दिया जाता जब तक इसके लिए आवेदन ना किया जाए.
रिपोर्टः स्वाति बक्शी (डीपीए)