क्रिकेट के मक्का से बॉक्सिंग के अखाड़े तक
३० नवम्बर २०१२शुक्रवार रात होने वाले मुकाबले से पहले 34 साल के फ्लिंटॉफ ने माना कि वह थोड़े घबराये हुए हैं. 97.98 किलोग्राम वजनी फ्लिंटॉफ का सामना 23 साल के अमेरिकी मुक्केबाज रिचर्ड डॉसन से है. मुकाबले से ठीक पहले धमाकेदार क्रिकेटर रहे फ्लिंटॉफ ने कहा, "अगर मैं यह कहूं कि मैं बिल्कुल नहीं घबराया हूं तो ये गलत होगा. क्रिकेट खेलने से पहले भी मैं नवर्स होता था लेकिन इससे मुझे फायदा हुआ."
लंबाई में छह फुट चार इंच के फ्लिंटॉफ से छोटे होने के बावजूद डॉसन ज्यादा वजनी है. फ्लिंटॉफ का यह पहला बॉक्सिंग मुकाबला है जबकि डॉसन अब तक दो मुकाबले जीत चुके हैं. चुनौतियों से वाकिफ पूर्व ऑलराउंडर ने स्काई न्यूज से बातचीत में कहा, "इस बड़ी चुनौती को लेते ही आलोचनाएं होंगी, शंकाएं होंगी. मैं पूरी तरह मुकाबले पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं, देखिए क्या होता है. क्रिकेटर के तौर पर मैंने कभी अखबार ज्यादा नहीं पढ़े. मैं उसमें सहज रहना चाहता हूं जो मैं कर रहा हूं."
अमेरिकी मुक्केबाज ने फ्लिंटॉफ को अपने इरादे जता दिए है. चेतावनी भरे अंदाज में डॉसन ने कहा, "यह मेरा काम है. उनके लिए यह शौक है. वह मेरे परिवार का खाना छीन रहे हैं."
फ्लिंटॉफ के क्रिकेट के सर्वकालीन महान ऑलराउंडरों में गिना जाता है. उनके चलते 2005 और 2009 इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर एशेज सीरीज जीती. 1998 से 2009 तक क्रिकेट के मैदान पर गेंदबाजी और बल्लेबाजी से विरोधियों के पसीने छुड़ाने वाले फ्लिंटॉफ बीते तीन साल से मुक्केबाजी का अभ्यास कर रहे हैं.
उन्हें पूर्व विश्व विजेता मुक्केबाज शेन मैकगुइगन और बैरी फ्लिंटॉफ ट्रेनिंग दे रहे हैं. बैरी उनके पिता हैं. मैकगुइगन का कहना है फ्लिंटॉफ को कोचिंग देने के पीछे लोकप्रियता का कोई लालच नहीं है. मैकगुइगन मानते हैं कि फ्लिंटॉफ एक कद्दावर व्यक्तित्व के युवा हैं जो बॉक्सिंग में भी जबरदस्त प्रदर्शन कर सकता है.
ओएसजे/एजेए (एएफपी)