टाइगर रिजर्व में महिलाएं बनेंगी नेचर गाइड
२२ मार्च २०२१जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में एक नई पहल की जा रही है, जिसके तहत भारत में पहली बार किसी टाइगर रिजर्व में 50 महिलाएं नेचर गाइड के रूप में और 50 महिलाएं जिप्सी चालक के रूप में पर्यटकों को सफारी करवाएंगी. नेशनल पार्क और वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी में कौशल विकास के माध्यम से पांच हजार युवकों और पांच हजार युवतियों को गाइड के रूप में तैयार किया जाएगा. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अगले पर्यटन सत्र के लिए 50 अतिरिक्त जिप्सियों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा. इनमें महिला जिप्सी चालक का पंजीकरण किया जाएगा, इन 50 जिप्सियों का संचालन महिलाओं की तरफ से ही किया जाएगा.
उतराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के मुताबिक इन महिलाओं को 'वीर चंद्र सिंह गढ़वाली' योजना के अंतर्गत जिप्सी खरीद करने के लिए जरूरी वित्तीय मदद दी जाएगी. विश्व वानिकी दिवस के मौके पर रावत ने कहा राज्य सरकार ने वन और जन की दूरी कम करने की पहल की है.
उत्तराखंड सरकार के मुताबिक राज्य में वन संरक्षण और संवर्धन में राज्य की महिलाओं की सीधी भागीदारी सुनिश्चित करने और इसके फलस्वरूप स्वरोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए कौशल विकास के माध्यम से स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा.
वनमंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के मुताबिक महिलाओं को नेचर गाइड बनाने का भारत में यह पहला प्रयोग है. वन प्रशासन के मुताबिक इसके माध्यम से महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं. आज महिलाएं 25 हजार रूपए महीना कमा रही हैं. रावत ने कहा इंस्टीट्यूट में नेचर गाइड की निशुल्क ट्रेनिंग दी जाएगी और कई और लोगों को रोजगार मिलेगा.
उतराखंड के वन अधिकारियों ने बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के लिए इस पर्यटन सत्र में 73 नेचर गाइडों का चयन कर 15 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया, जिनमें 8 महिला नेचर गाइडों को भी शामिल किया गया. जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ईको टूरिज्म की गतिविधियों में पहली बार महिलाएं शामिल हुई हैं. हर नेचर गाइड को हर महीने करीब 25 हजार रूपए वेतन मिलेगा.