सहारा के करोड़ों निवेशकों को मिल सकता है रिफंड
१८ जुलाई २०२३केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 18 जुलाई को विशेष रूप से इस अभियान के लिए बनाये गए एक पोर्टल की शुरुआत की. 'सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल' के जरिये उन करोड़ों निवेशकों को उनके पैसे वापस दिलाने की कोशिश की जाएगी जिनके पैसे सहारा समूह में हुए घोटाले के उजागर होने के बाद फंस गए थे.
रिफंड पाने के लिए निवेशकों को इस पोर्टल पर जा कर अपने निवेश की, जिस बैंक खाते में रिफंड चाहिए उस खाते की और अपने आधार नंबर की जानकारी देनी होगी. यह सुनिश्चित करना होगा कि बैंक खाता और मोबाइल नंबर दोनों आधार से जुड़े हुए हों.
अभी दिल्ली दूर है
इस कदम से सहारा में फंसे हुए अपने निवेश के वापस लौटने का इंतजार कर रहे करोड़ों निवेशकों की मदद तो होगी, लेकिन अभी सभी निवेशकों के पूरे निवेश को लौटाने की व्यवस्था किया जाना बाकी है.
शाह ने बताया कि सहारा समूह की चार समितियों - सहारा क्रेडिट, सहारायान यूनिवर्सल, हमारा इंडिया क्रेडिट और स्टार्स मल्टीपर्पस सहकारी समिति - में करीब 1.78 करोड़ लोगों के लगभग 30,000 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं.
अभी इसमें से सिर्फ 5,000 करोड़ लौटाने की ही व्यवस्था हो पाई है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने सहारा-सेबी फण्ड में से 5,000 करोड़ ही सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार (सीआरसीएस) को देने का आदेश दिया था.
फिर जाना होगा सुप्रीम कोर्ट
शाह ने बताया कि इस पोर्टल के जरिये सबसे पहले 10,000 रुपये या उससे ज्यादा निवेश करने वाले एक करोड़ निवेशकों को 10,000 रुपये प्रति निवेशक लौटाए जाएंगे. सरकार ने वादा किया है कि सत्यापन होने के बाद 45 दिनों के अंदर आवेदकों के पैसे उनके खातों में डाल दिए जाएंगे.
5,000 करोड़ रुपये खत्म हो जाने पर बाकी निवेशकों के भी पैसे लौटाने के लिए पैसों की व्यवस्था करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अपील की जाएगी. सहारा-सेबी फंड में करीब 24,000 करोड़ रुपये हैं.
जून 2011 में सेबी ने सहारा समूह को गैरकानूनी तरीके से जुटाए गए पैसे निवेशकों को लौटाने का आदेश दिया था. फिर 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा को आदेश दिया था कि वे निवेशकों के 24,000 करोड़ रुपये लौटाए.