बे-सहारा हो सकती है फोर्स इंडिया
६ फ़रवरी २०१६सहारा के संस्थापक सुब्रतो रॉय मार्च 2014 से जेल में बंद हैं. मामला सुप्रीम कोर्ट में है. कोर्ट ने साफ कहा है कि कंपनी के संस्थापक 360 अरब रुपये लौटाने के बाद ही सलाखों से बाहर आ सकेंगे.
असल में जून 2011 में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सहारा ग्रुप को गैरकानूनी तरीके से जुटाए गए पैसे निवेशकों को लौटाने का आदेश दिया. सहारा ने यह पैसा ओएफसीडी के जरिए जुटाया. ओएफसीडी एक ऋणपत्र है, जिसे जारी कर कंपनी अपनी पूंजी बढ़ाती है. इसे जारी करने वाला निवेशकों को ऋणपत्र की अवधि पूरी होने तक ब्याज देता है. अक्टूबर में प्रतिभूति पुनर्विचार ट्रिब्यूनल ने भी सहारा ग्रुप की दो अनलिस्टेड कंपनियों को छह हफ्ते के भीतर 17,656.53 करोड़ रुपये लौटाने का आदेश दिया. इसके खिलाफ सहारा कंपनी सुप्रीम कोर्ट गई और बुरी तरह फंस गई. तब से ब्याज की रकम बढ़ती जा रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2012 को सहारा ग्रुप को आदेश दिया था कि वे निवेशकों के 24,000 करोड़ रुपये लौटाए. अदालत के मुताबिक यह पैसा गैरकानूनी ढंग से जुटाया गया. सहारा तीन महीने के भीतर पैसा नहीं लौटा सका. कोर्ट ने इसे अवमानना करार दिया और सहारा श्री को न्यायिक हिरासत भेज दिया. फिलहाल वह जेल में हैं. अब रकम बढ़कर सूद समेत 360 अरब रुपये हो चुकी है.
सहारा की फोर्स इंडिया फॉर्मूला टीम में हिस्सेदारी है. भारत के शराब कारोबारी विजय माल्या फोर्स इंडिया के सह स्वामी हैं. इसके अलावा सहारा ग्रुप का न्यू यॉर्क में प्लाजा होटल है. लदंन में ग्रॉसवेनर हाउस और मुंबई का सहारा स्टार होटल भी कंपनी की संपत्ति है. सहारा श्री को बाहर निकालने के लिए अब कई चीजें बाजार में है.
सहारा के वकील गौतम अवस्थी के मुताबिक विदेशों की तीन संपत्तियों के मामले में डील तय हो चुकी है. इस सौदे से 23 अरब रुपये आएंगे. कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट से बाकी संपत्तियों को बेचने की भी अनुमति मांगी है. कंपनी चाहती है कि सहारा स्टार होटल और फोर्स इंडिया की हिस्सेदारी बेच दी जाए. उम्मीद है कि इन दोनों सौदों से कंपनी 30 अरब रुपये जुटा पाएगी.
मर्सिडीज के इंजन पर दौड़ती फोर्स इंडिया टीम पिछले फॉर्मूला वन चैंपियनशिप में पांचवें स्थान पर रही. टीम के ड्राइवर मेक्सिको के सेर्गेई पेरेज और जर्मनी के निको हुल्केनबर्ग हैं. प्रदर्शन के लिहाज से टीम वाहवाही बटोर रही है. लेकिन विजय माल्या और सहारा श्री की माली हालत नाजुक होने का असर फोर्स इंडिया की रफ्तार पर ब्रेक लगा सकता है. सहारा पर जहां चिट फंड के जरिए धोखाधड़ी का मुकदमा चल रहा हैं, वहीं विजय माल्या को अपनी डूब चुकी एयरलाइन किंगफिशर का बकाया चुकाना है.