रूस: भारतीय लोगों को खरकीव से रूसी सीमा तक पहुंचाएंगे
२ मार्च २०२२अलीपोव ने नई दिल्ली में एक प्रेस वार्ता के दौरान रूस के यूक्रेन पर हमले को लेकर भारत के रुख की सराहना की और हिंसा के बीच यूक्रेन में फंसे हुए भारतीय छात्रों की मदद का आश्वासन भी दिया. अलीपोव पिछले हफ्ते ही नई दिल्ली पहुंचे. उन्होंने अभी तक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपना परिचय पत्र भी नहीं दिया है.
उन्होंने प्रेस वार्ता की शुरुआत ही खरकीव में मंगलवार को मारे गए भारतीय छात्र नवीन की मृत्यु पर शोक प्रकट करते हुए की. उन्होंने नवीन की मृत्यु की जांच करवाने का और वहां फंसे बाकी भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करवाने का आश्वासन दिया.
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भारत का आभारी रूस
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि रूस भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए खरकीव से रूसी सीमा तक एक गलियारा बनाने पर विचार कर रहा है. अलीपोव की प्रेस वार्ता के पहले रूस ने दावा किया था कि उसकी सेना का खरकीव पर कब्जा हो चुका है.
पूरे मसले पर भारत के रुख की सराहना करते हुए उन्हें कहा, "हम भारत के संतुलित रुख के लिए आभारी हैं...भारत मौजूदा संकट की गहराई को समझता है और पूरी स्थिति की पेचीदगियों को समझता है. भारत का संयुक्त राष्ट्र में निरपेक्ष रवैया है और हम उम्मीद करते हैं कि यह ऐसा ही बना रहेगा."
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उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिमी देशों द्वारा रूस के खिलाफ लागू किए गए प्रतिबंधों के बावजूद भारत और रूस के व्यापारिक संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. अलीपोव ने कहा, "हमारे पास पश्चिमी प्रक्रियाओं से स्वतंत्र व्यवस्था भी मौजूद है. हमें कोई चिंता नहीं है. यह बस मौजूदा और भविष्य की स्थिति के अनुसार ढलने का सवाल है."
"फिर खड़ा होगा रूस"
उन्होंने विशेष रूप से एस400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद को लेकर कहा कि इस समझौते पर कोई असर नहीं पड़ेगा. अलीपोव ने आगे भी भारत से व्यापारिक रिश्ते जारी रखने की उम्मीद जताई और कहा कि रूस की तरफ से कुछ नहीं बदला है.
यूक्रेन पर रूस के रवैये का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि "जो हो रहा है उससे उनकी सरकार का दिल दुखता है और वो यूक्रेन के लोगों पर खुद को जबरदस्ती थोपना नहीं चाहती...लेकिन उसके लिए कोई विकल्प छोड़ा नहीं गया."
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पश्चिमी प्रतिबंधों के रूस के असर पर बोलते हुए अलीपोव ने कहा, "रूस हमेशा राख हो कर फिर खड़ा होता आया है. मुझे इस बात पर कोई शक नहीं है कि रूस फिर खड़ा होगा. हमारी अर्थव्यवस्था स्थिर है और हम जिस दबाव का सामना अभी कर रहे हैं और भविष्य में करेंगे उसे हम सह लेंगे."