कब पकड़े जाएंगे किसानों पर कार चढ़ाने के आरोपी
६ अक्टूबर २०२१उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसक घटना के तीन दिन बाद एक भी आरोपी पकड़ा नहीं गया है और ना ही किसी से पुलिस की पूछताछ हुई है. रविवार को हुई हिंसा में चार किसान समेत आठ लोगों की मौत हुई थी. इस हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार भी मारा गया था.
आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने अपनी कार किसानों पर चढ़ा दी. मंगलवार को कई लोगों ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा किया जिसमें एक जीप किसानों को रौंदते हुए आगे बढ़ती दिख रही है. इसी जीप के पीछे दो और कार गुजरती है. उस दौरान किसान पैदल चल रहे थे और जीप उनको पीछे से टक्कर मारती है. कुछ किसान जीप की चपेट में आए और कुछ टक्कर से इधर-उधर गिर गए.
किसानों का अंतिम संस्कार
हादसे में मारे गए किसानों का अंतिम संस्कार करा दिया गया है. हालांकि एक मृतक गुरविंदर सिंह के परिजनों ने दोबारा पोस्टमॉर्टम की मांग की थी और अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया था. परिवार का आरोप है कि गुरविंदर की मौत गोली लगने से हुई है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट "गलत" है. गुरविंदर का बीती रात पोस्टमॉर्टम हुआ और बुधवार तड़के अंतिम संस्कार किया गया.
सोमवार को भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने प्रशासन के साथ मिलकर तनाव को कम करने की कोशिश की थी और गुस्साए किसानों को मनाने के लिए लखीमपुर खीरी पहुंचे थे. यूपी पुलिस ने आशीष के खिलाफ हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है, जिस पर किसानों का आरोप है कि वह एक एसयूवी चला रहा था. लेकिन पुलिस ने इस बात से इनकार किया था कि इस घटना में गोलियां चलाई गईं, जिससे हिंसा हुई और चार अन्य लोगों की मौत हो गई.
लखीमपुर कांड पर सियासी उबाल
मृतक किसानों के परिजनों से मिलने की कोशिश में कई नेता लखीमपुर जाना चाह रहे हैं लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार उन्हें वहां धारा 144 का हवाला देते हुए जाने से रोक रही है. कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को यूपी पुलिस गिरफ्तार कर सीतापुर के पीएसी गेस्ट हाउस में अस्थायी जेल में रखा हुआ है. गेस्ट हाउस के बाहर कांग्रेस समर्थक प्रियंका के समर्थन में जुटे हुए हैं. प्रियंका ने आरोप लगाया है कि उन्हें बिना किसी कारण या कानूनी नोटिस के अवैध तरीके से रखा गया है.
पुलिस ने प्रियंका के खिलाफ सीतापुर में धारा 144 तोड़ने समेत आईपीसी की अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है.
मंगलवार को ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लखनऊ एयरपोर्ट से बाहर नहीं जाने दिया गया और वे एयरपोर्ट के भीतर धरने पर बैठ गए. उन्होंने कहा कि वे किसानों से मिलने के लिए जाना चाहते हैं. लेकिन तृणमूल कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस को चकमा देते हुए मृतक किसान लवप्रीत सिंह के परिवार से मिलने में कामयाब हो गया. प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि जब पुलिस ने उन्हें रोका तो उन्होंने खुद को पर्यटक बताया.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने लखीमपुर की घटना की तुलना जलियांवाला कांड से की है और कहा है कि इसकी कीमत बीजेपी को चुकानी होगी.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार को पांच नेताओं के साथ लखीमपुर जाना चाहते थे लेकिन यूपी सरकार ने धारा 144 का हवाला देते हुए इसकी इजाजत नहीं दी. राहुल ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया "देश में आज लोकतंत्र नहीं तानाशाही है." उन्होंने कहा, "हम पीड़ित परिवार से मिलना चाहते हैं. सिर्फ हमें रोका जा रहा है. मंत्री और उनके बेटे पर कार्रवाई नहीं हो रही है." राहुल ने आरोप लगाया कि किसानों पर हमले किए जा रहे हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने पत्रकारों से कहा है कि जल्द से जल्द दोषियों को पकड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि लखीमपुर का सच सामने लाकर रहेंगे. उन्होंने राहुल पर निशाना साधते हुए कहा, "सिखों पर नरसंहार कांग्रेस ने किया था."
मंत्री ने क्या कहा
केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ने निजी चैनल एनडीटीवी से बातचीत में यह कबूल किया है कि जिस कार ने किसानों को रौंदा वह उनकी है. साथ ही उन्होंने कहा कि कार में उनका बेटा आशीष सवार नहीं था. अजय मिश्रा का कहना है कि घटना वाले दिन उनका बेटा किसी और आयोजन में शामिल था और हिंसक वारदात में वह शामिल नहीं है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार को हुई हिंसा की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है. छह सदस्यों वाली एसआईटी मामले की जांच करेगी. प्रदेश सरकार ने मारे गए लोगों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है और मामले की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे. विपक्षी नेताओं की मांग है कि जांच वर्तमान जज से कराई जाए.
इस बीच मंगलवार को दो वकीलों ने लखीमपुर हिंसा की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से कराने की अपील की है.