मोदी का जन्मदिन, बीजेपी का प्रचार
१७ सितम्बर २०२१प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 71 साल के हो गए. मोदी के जन्मदिन की तैयारी बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने काफी दिन पहले ही शुरू कर दी थी. बीजेपी शासित राज्यों ने भी इस मौके पर कई दिनों तक चलने वाले कार्यक्रम की शुरूआत की है. उत्तर प्रदेश में सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लगभग 40 लाख लाभार्थी शुक्रवार को मोदी को उनके 71वें जन्मदिन की बधाई देते हुए पोस्टकार्ड भेज रहे हैं.
मोदी को उनके जन्मदिन पर बधाई दी जा रही है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंड ने ट्विटर पर लिखा, "भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं. मेरी शुभेच्छा है कि आप स्वस्थ रहें और दीर्घायु प्राप्त कर ‘अहर्निशं सेवामहे' की अपनी सर्वविदित भावना के साथ राष्ट्र सेवा का कार्य करते रहें."
बीजेपी का जश्न
बीजेपी ने मोदी का जन्मदिन भव्य तरीके से मनाने का कार्यक्रम पहले से ही तय कर रखा था. इसके लिए पार्टी ने 20 दिनों के एक देशव्यापी अभियान की योजना भी बनाई है. इसे सेवा और समर्पण अभियान नाम दिया गया है. ये अभियान 7 अक्टूबर तक चलेगा. कुछ राज्यों में मुफ्त में राशन, रक्तदान और पेड़-पौधे भी लगाए जा रहे हैं.
इसी क्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को भोपाल के स्मार्ट पार्क में 'जनकल्याण और सुराज अभियान' के तहत आजादी के 75वें वर्ष और मोदी के जन्मदिन पर पौधे लगाए.
मोदी के जन्मदिन के मौके पर विशेष कोरोना वैक्सीन अभियान चलाया गया. कई राज्यों में मोदी के जन्मदिन के मौके पर बड़े पैमाने पर टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने शुक्रवार देर शाम तक ढाई करोड़ टीकाकरण की भविष्यवाणी की है.
रोजगार की मांग
दूसरी ओर युवा कांग्रेस ने मोदी के जन्मदिन के मौके पर विरोध प्रदर्शन किया और 17 सितंबर को बतौर राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस के रूप में मनाया. पार्टी के कार्यकर्ताओं ने देश के कई प्रमुख शहरों में विरोध प्रदर्शन किया. चंडीगढ़ में युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने रोजगार की मांग करते हुए पकौड़े तले और बूट पॉलिश की.
पिछले कई दिनों से 17 सितंबर के दिन को राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस के रूप में मनाने की तैयारी कई संगठनों ने की हुई थी. शुक्रवार को ट्विटर पर हैशटैग मोदी रोजगार दो, हैशटैग राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस ट्रेंड करता नजर आया.
मुद्दे जो गर्म हैं
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश में ऑक्सीजन संकट खड़ा हो गया था और अस्पतालों में बिस्तर कम पड़ गए थे. उस दौरान केंद्र सरकार की काफी आलोचना की गई थी और आरोप लगाया गया था कि सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं की थी. ऐसे में मोदी का जन्मदिन इस तरह से मनाने का मकसद उन कड़वी यादों को पीछे छोड़ना हो सकता है.
आने वाले कुछ महीनों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और जनता के बीच बेरोजगारी, महंगाई और कोरोना से चौपट अर्थव्यवस्था अहम मुद्दे माने जा रहे हैं.
तीन नए कृषि कानून के खिलाफ भी पिछले साल से किसान दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और बीजेपी किसानों की नाराजगी को भी दूर करने की कोशिश में पूरी तरह से जुटी हुई है लेकिन अब तक वह इसमें कामयाब नहीं हो पाई है.