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पन्नू की हत्या की साजिश पर पहली बार बोले मोदी

२० दिसम्बर २०२३

गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की विफल साजिश में भारतीय अधिकारी के शामिल होने के अमेरिकी दावों पर पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रतिक्रिया दी है.

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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीतस्वीर: India's PM Press Office/ UPI Photo/IMAGO

अमेरिकी नागरिक और खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की विफल साजिश का अमेरिका द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद पहली बार भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रतिक्रिया दी है.

ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्‍स को दिए इंटरव्‍यू में मोदी ने कहा "अगर कोई हमें कोई सबूत देता है तो हम निश्चित रूप से इस पर गौर करेंगे." मोदी ने साथ ही कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध मजबूत हैं.

पिछले महीने अमेरिका के न्याय विभाग ने एक भारतीय नागरिक पर पन्नू की हत्या की विफल साजिश का मुकदमा दायर किया था. अमेरिकी अधिकारियों का कहना था कि 52 वर्षीय निखिल गुप्ता भारत सरकार के एक कर्मचारी के साथ मिलकर काम कर रहा था.

यह अधिकारी सुरक्षा और जासूसी के लिए जिम्मेदार है. अधिकारियों ने आरोप लगाया कि गुप्ता ने इस अधिकारी के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची थी.

स्वर्ण मंदिर में कनाडा के पीएम

मोदी ने कहा सबूत देने पर विचार करेंगे

अखबार को दिए इंटरव्‍यू में मोदी ने कहा, "अगर भारतीय साजिश के बारे में कोई भी सबूत दिया जाता है तो हम इस पर निश्चित रूप से विचार करेंगे." मोदी ने आगे कहा, "अगर हमारे किसी नागरिक ने कुछ भी अच्‍छा या बुरा किया है तो हम उस पर विचार करने के लिए तैयार हैं. हमारी प्रतिबद्धता कानून के शासन के प्रति है."

इससे पहले पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था यह "चिंता का विषय" और "भारत सरकार की नीति के विपरीत" है. विदेश मंत्रालय ने कहा था कि एक उच्च स्तरीय कमेटी इस मामले के सभी पहलुओं की जांच कर रही है.

अमेरिका के न्याय मंत्रालय ने 29 नवंबर को जारी एक बयान में कहा था भारतीय मूल के निखिल गुप्ता ने न्यूयॉर्क में खालिस्तानी नेता पन्नू की हत्या के लिए एक व्यक्ति को भाड़े पर लिया था. कोर्ट में पेश दस्तावेजों के मुताबिक गुप्ता को भारतीय अधिकारी से निर्देश मिले थे.

निखिल गुप्ता को जून में चेक रिपब्लिक में गिरफ्तार किया गया था और उसके अमेरिका प्रत्यर्पण की प्रक्रिया चल रही है.

इस बीच चेक रिपब्लिक के न्याय मंत्रालय ने कहा है कि निखिल गुप्ता का मामला भारतीय सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र से बाहर है. दरअसल पिछले हफ्ते निखिल गुप्ता के परिवार ने भारतीय सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दी थी और मांग की थी कि केंद्र सरकार इसमें हस्तक्षेप करे. 

हाल के महीनों में खालिस्तान का मुद्दा काफी गर्म हुआ है
हाल के महीनों में खालिस्तान का मुद्दा काफी गर्म हुआ हैतस्वीर: Ines Pohl/DW

भारतीय नागरिक पर लगा है आरोप

न्याय विभाग ने कहा था कि जिस व्यक्ति को कथित तौर पर निशाना बनाने की साजिश की गई थी वह "भारत सरकार का मुखर आलोचक है और एक अमेरिकी-आधारित संगठन का नेतृत्व करता है जो खालिस्तान की मांग करता है."

पन्नू कनाडाई और अमेरिकी नागरिक है. अमेरिका में रह कर पन्नू सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) नाम का संगठन चलाता है. यह संगठन सिखों के लिए अलग खालिस्तान की मांग करता है. इसे 2007 में अमेरिका में स्थापित किया गया था. इसका संस्थापक पन्नू ही है. पन्नू ने पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की है और फिलहाल अमेरिका में वकालत कर रहा. वह एसएफजे का कानूनी सलाहकार भी है.

इससे पहले व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा था अमेरिका में एक सिख अलगाववादी की हत्या की कथित साजिश को वह "बहुत गंभीरता" से ले रहा है और उसने इस मुद्दे को भारत सरकार के समक्ष उठाया है.

इसी साल कनाडा और भारत के बीच राजनयकि तनाव बढ़ गया था, जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडाई नागरिक हरदीप निज्जर की हत्या के मामले में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया था. हालांकि भारत ने ट्रूडो के आरोपों को खारिज कर दिया था. साथ ही भारत ने कहा था कि इस संबंध में उसके साथ कनाडा ने कोई भी ठोस सबूत साझा नहीं किया है.

मोदी ने फाइनेंशियल टाइम्‍स से कहा कि भारत "विदेशों में बसे कुछ चरमपंथी समूहों की गतिविधियों को लेकर चिंतित है." मोदी ने कहा," ये अतिवादी तत्व अभिव्यक्ति की आजादी की आड़ में धमकियां देते हैं और हिंसा को भड़काते हैं."

एए/सीके एपी, रॉयटर्स)