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राजनीतिइस्राएल

इस्राएल का दक्षिणपंथ की ओर बढ़ना कितना विभाजनकारी हो सकता है

तानिया क्रेमर (येरूशलम)
३० दिसम्बर २०२२

इस्राएल की नई सरकार को अब तक की सबसे ज्यादा राष्ट्रवादी और धर्म पर जोर देने वाली सरकार माना जा रहा है. विश्लेषकों को चिंता है कि इसकी वजह से देश के भीतर विभाजन बढ़ेगा और फलस्तीन-इस्राएल संघर्ष भी और बढ़ सकता है.

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बेन्यामिन नेतान्याहू
बेन्यामिन नेतान्याहू तस्वीर: AMIR COHEN/AP/picture alliance

करीब एक साल तक विपक्ष में रहने के बाद प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतान्याहू की सत्ता में वापसी हो चुकी है. एक नवंबर को हुए संसदीय चुनाव के करीब दो महीने बाद इस्राएल की नई सरकार गुरुवार को शपथ ग्रणह करने की तैयारी कर रही है. चार साल से भी कम समय में यह पांचवां चुनाव था.

इस्राएल की इस नई सरकार के दक्षिणपंथी रुख की आशंकाओं के बीच, राष्ट्रपति आइजक हर्जोग ने हाल ही में कहा था कि अगली सरकार ‘ऐसी होनी चाहिए जो कि इस्राइल के सभी नागरिकों की सेवा करे, जिन्होंने उसे वोट दिया हो, उनकी भी और जिन्होंने न दिया हो, उनकी भी.'

दोबारा सत्ता में आने के लिए रूढ़िवादी लिकुड पार्टी के 73 वर्षीय नेतान्याहू को दो अति कट्टरपंथी पार्टियों और तीन धुर-दक्षिणपंथी दलों का गठबंधन बनाना पड़ा और इस गठबंधन ने चुनाव में मिलकर 14 सीटें जीती हैं.

अरब इस्राएल में कब दोस्ती होगी

कभी इस्राइली राजनीति में चरमपंथी समझे जाने वाले बेजालिल स्मोट्रिक (रिलीजियस जियोनिज्म पार्टी), इतामार बेन-ग्विर (ओत्ज्मा येहुदित) और अवी माओज (नोम) अब इस्राइल की मुख्य धारा की राजनीति में पहुंच गए हैं और गठबंधन बनने से पहले ही देश और विदेश में जनमत का ध्रुवीकरण कर चुके हैं.

नई सरकार बस्ती निर्माण योजना यानी सेटलमेंट को आगे बढ़ाएगी

मंगलवार को इस्राइली संसद क्नेसेट ने तथाकथित डेरी लॉ नामक कानून पारित किया. इस कानून का नामकरण अति कट्टरपंथी शास पार्टी के नेता एरे डेरी के नाम पर किया गया है. यह संशोधन उन्हें सरकार में मंत्री के रूप में नियुक्ति की अनुमति देता है, बावजूद इसके कि वो कर अपराधों में दोषी पाए गए हैं और उन्हें निलंबन की सजा भी हो चुकी है.

डेरी और स्मोट्रिक दोनों ही रिलीजियस जियोनिज्म पार्टी से हैं और उम्मीद की जा रही है कि दोनों को ही बारी-बारी से वित्त मंत्री बनाया जा सकता है. इस बीच, डेरी स्वास्थ्य और गृहमंत्रालय संभालेंगे. वहीं इस संशोधन को वापस लेने के लिए इस्राइल के नागरिक अधिकार समूहों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है.

इस तथ्य पर विशेष ध्यान दिया गया है कि इस्राइल में बस्ती निर्माण आंदोलन यानी सेटलर मूवमेंट का हिस्सा रहे स्मोट्रिक को एक अन्य संशोधन के जरिए उस सिविल एडमिनिस्ट्रेशन एजेंसी का नियंत्रण सौंप दिया गया है जो कि रक्षा मंत्रालय के अधीन काम करती है.

यह एजेंसी पश्चिमी किनारे पर इस्राइली और फलस्तीनी दोनों ही क्षेत्रों के प्रशासन का काम देखती है और फलस्तीनी इस क्षेत्र को अपने देश के हिस्से के रूप में लेना चाहते हैं. यह संशोधन C क्षेत्र में यहूदी बस्तियों के विस्तार के संदर्भ में उन्हें व्यापक अधिकार देता है और यह क्षेत्र पूरे पश्चिमी किनारे का करीब 60 फीसद है. आलोचकों का कहना है कि इस संशोधन का परिणाम इस इलाके के ‘वास्तविक विलय' के रूप में सामने आ सकता है.

जॉर्डन घाटी क्या इस्राएल के कब्जे में जाएगी?

येरूशलम स्थित हिब्रू विश्वविद्यालय में राजनीतिशास्त्री मजीडियन रहत कहते हैं, "धुर दक्षिणपंथियों की विचारधारा ही वृहत्तर इस्राइल की है.”

‘वृहत्तर इस्राइल' दक्षिणपंथी विचारधारा का हिस्सा है जिसका मतलब इस्राइल के अधीन जॉर्डन नदी से लेकर भूमध्यसागर तक की पूरी जमीन है. इसमें पश्चिमी किनारे का वो हिस्सा भी शामिल है जिस पर इस्राइल ने कब्जा किया हुआ है. रहत कहते हैं, "उनके मुताबिक, यह उनकी पवित्र भूमि है और यहां जो कुछ भी है, उस पर उन्हीं का अधिकार है.”

बुधवार को, नेतान्याहू की लिकुड पार्टी ने स्पष्ट किया कि इस्राइल की नई सरकार की मुख्य प्राथमिकताओं में से बस्तियों बस्तियों का विस्तार भी होगा. उनके बयान के मुताबिक, "सरकार इस्राइल के हर हिस्से में आगे बढ़ेगी और विकास करेगी. इनमें गैलिली, नेगेव मरुस्थल, गोलन हाइट्स और जूडिया और पश्चिमी किनारे के समरिया इलाके भी शामिल हैं.”

पिछले दशकों में इस्राइल की सभी सरकारों ने पश्चिमी किनारे के कब्जे वाले हिस्सों में बस्तियों के निर्माण का विस्तार किया है. नई गठबंधन सरकार इस विस्तार को और बढ़ा सकती है और छोटी बस्तियों में स्थित चौकियों को वैध बनाने पर जोर दे सकती है. दरअसल, अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक, ये बस्तियां अवैध हैं. इस्राइल इसे विवादित निर्णय मानता है.

बेन ग्विर चाहते हैं कि पुलिस पर उनके अधिकार को बढ़ाया जाए

बुधवार को क्नेसेट ने एक और विवादास्पद गानून पारित किया. हालांकि यह कानून धुर दक्षिणपंथियों की परिकल्पना की तुलना में काफी नरम है. इस कानून का नामकरण राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री के रूप में नामित इतामार बेन ग्विर के नाम पर किया गया है और इसके जरिए उन्हें पुलिस पर नियंत्रण के लिए और व्यापक अधिकार मिल जाएंगे.

मिथक जो बनते हैं यहूदी विरोध की वजह

बेन ग्विर अपने अति दक्षिणपंथी विचारों के लिए जाने जाते हैं और अतीत में नस्लवाद के लिए उकसाने और कच आतंकी समूह का समर्थन करने के आरोप में दोषी ठहराए जा चुके हैं. कच आतंकी समूह को अमेरिका और इस्राइल में प्रतिबंधित किया गया है.

चुनाव प्रचार अभियान के दौरान बेन ग्विर ने वादा किया था कि अपराध प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस की कमी को दूर किया जाएगा और आतंक के मामले में सख्त रवैया अपनाया जाएगा. उनका कहना था कि वो चाहते हैं कि पत्थर फेंकने वाले प्रदर्शनकारियों पर पुलिस को गोली चलाने की अनुमति मिले और सुरक्षा बलों को कानूनी संरक्षण दिया जाए.

विश्लेषकों को एक और मुद्दा चिंतित किए हुए है और वह है एक अन्य धुर दक्षिणपंथी होमोफोबिक और अरब विरोधी नोम पार्टी को सरकार में शामिल करना. पार्टी के प्रमुख अवी माओज क्नेसेट में अपनी पार्टी के अकेले प्रतिनिधि हैं और उम्मीद है कि उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय के अधीन बनाए गए एक नए पद "नेशनल ज्यूश आइडेंटिटी” में डिप्टी मिनिस्टर बनाया जा सकता है.

इस नए पद के पास इस्राइली स्कूलों में पाठ्यक्रम के अलावा पढ़ाई जाने वाली सामग्री पर अधिकार होगा और इससे उसे स्कूलों में पढ़ाने के लिए गैर सरकारी निकायों पर भी नियंत्रण करने का अधिकार मिल सकेगा.

LGBTQ विरोधी रुख के लिए जाने जाने वाले माओज का कहना है कि वो यरुसलम में आयोजित होने वाली वार्षिक समलैंगिक गौरव परेड को निरस्त करना चाहते हैं और ‘पारिवारिक मूल्यों' को बहाल करना चाहते हैं. लेकिन नेतान्याहू बार-बार अपनी इस बात को दोहरा रहे हैं कि समलैंगिक समुदाय को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा.

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाओं को खामोश कर दिया गया है

किसी भी संभावित विवादास्पद नीति परिवर्तन, मसल- सर्वोच्च न्यायालय की शक्ति पर अंकुश लगाने या भेदभाव-विरोधी कानूनों में संशोधन करने के लिए धुर दक्षिणपंथी दलों के वादों ने इस्राइल के उदारवादी लोगों, नागरिक अधिकार समूहों और व्यवसायियों को पहले ही सचेत कर दिया है. यह इस्राइल और उसके निकटतम सहयोगियों के बीच भी तनाव पैदा कर सकता है, लेकिन अब तक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खामोशी छाई हुई है. 

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने दिसंबर की शुरुआत में कहा था कि संयुक्त राज्य अमेरिका ‘किसी भी ऐसे कार्य का स्पष्ट रूप से विरोध करना जारी रखेगा जो दो-राज्यों के समाधान की संभावनाओं को कमजोर करता है. इसमें बस्तियों का निर्माण भी शामिल है जो कि पश्चिमी किनारे पर कब्जे की ओर जाता है.'

कई अमेरिकी मीडिया समूहों को दिए साक्षात्कार में, नेतान्याहू ने राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री के लिए बेन-ग्विर की अपनी विवादास्पद पसंद का बचाव किया है. नेतान्याहू ने यह भी कहा कि वे सिर्फ उनके गठबंधन सहयोगी ही नहीं बल्कि वे भी उनके नियंत्रण में होंगे. उनका कहना है, "वे मेरे साथ शामिल हो रहे हैं. मैं उनके साथ शामिल नहीं हो रहा हूं.”