ईरान के राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की विमान दुर्घटना में मौत
२० मई २०२४63 वर्षीय रईसी के साथ इस हादसे में ईरान के विदेश मंत्री और कई अन्य अधिकारी भी मारे गए हैं. रविवार को उत्तर पश्चिमी ईरान के पहाड़ी इलाके में रईसी का हेलीकॉप्टर खराब मौसम के कारण हादसे का शिकार हो गया था.
सरकारी मीडिया की रिपोर्टों में कहा गया है कि राष्ट्रपति का हेलीकॉप्टर एक पहाड़ी इलाके में लापता हो गया. इसके बाद खोज अभियान शुरू किया गया. इसमें ड्रोनों और खोजी कुत्तों की मदद भी ली जा रही है. लेकिन रिपोर्टों के मुताबिक इस काम में अंधेरे और बारिश की वजह से बाधाएं आ रही हैं.
रविवार को यह हादसा पश्चिमोत्तर ईरान में उस वक्त हुआ, जब रईसी अपने पड़ोसी देश अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव से मिलकर लौट रहे थे. दोनों ने मिलकर एक बांध का उद्घाटन किया था.
दूर-दराज इलाके में हुआ हादसा
जिस इलाके में यह हादसा हुआ है, वहां सड़क नहीं है. बारिश की वजह से कीचड़ भी हो गई है. ऐसे में, वहां सिर्फ पैदल पहुंचा जा सकता था. इसलिए राहत और बचाव दल को वहां पहुंचने में कई घंटे लग गए.
इब्राहिम रईसी को ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अल खमेनेई के उत्तराधिकारियों में गिना जाता था. ऐसे आरोप भी लगाए जाते हैं कि 1988 में हजारों लोगों की हत्याओं में रईसी ने भी मदद की थी. राष्ट्रपति बनने के बाद रईसी ने देश की परमाणु संवर्द्धन नीति को बढ़ाया और हाल ही में इस्राएल पर हमले जैसा बड़ा कदम भी उठाया था.
रईसी की मौत ऐसे वक्त में हुई है जबकि देश ना सिर्फ अन्य सरकारों के साथ उलझा हुआ है बल्कि अंदरूनी हालात भी नाजुक हैं.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर अफसोस जाहिर किया है. सोशल मीडिया साइट एक्स पर उन्होंने कहा कि ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहिम रईसी की त्रासद मौत से उन्हें बड़ा आघात लगा है.
मोदी ने लिखा, "भारत-ईरान संबंधों को मजबूत करने में उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और ईरान के लोगों के साथ हैं. इस दुख की घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है.”
कौन थे इब्राहिम रईसी?
रईसी खुद एक मौलवी थे और संयुक्त राष्ट्र में एक बार उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत कुरान को चूमकर की थी. तब लोगों ने कहा था कि उनका भाषण एक नेता का नहीं बल्कि इस्लामिक धर्मगुरु का भाषण था.
कट्टरपंथी धड़े से आने वाले रईसी 2017 में हसन रूहानी से चुनाव हार गए थे जिन्हें उदारपंथी माना जाता था. 2021 में वह चुनाव लड़े और राष्ट्रपति बन गए. हालांकि कई विशेषज्ञों ने कहा कि उन्हें राष्ट्रपति बनवाने के लिए खमेनेई ने उनके विरोधियों को सलीके से रास्ते से हटवाया था.
रईसी जब राष्ट्रपति बने तो परमाणु संधि को लेकर ईरान अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के साथ उलझा हुआ था. उनके पूर्ववर्ती रूहानी ने यह समझौता किया था लेकिन तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने यह समझौता तोड़ दिया था.
उसके बाद से अमेरिका और ईरान के बीच लगातार तनाव जारी है जिसके कारण जो बाइडेन प्रशासन ने भी ईरान पर कई प्रतिबंध लगाए हैं.
वीके/सीके (डीपीए, रॉयटर्स)