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जयशंकर: कनाडा में राजनयिकों को "डराया-धमकाया" गया

२७ फ़रवरी २०२४

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर कनाडा को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भारतीय राजनयिकों को कई तरह से डराया और धमकाया गया.

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भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकरतस्वीर: Johannes Simon/Getty Images

एस जयशंकर ने सोमवार को खालिस्तान समर्थकों को लेकर एक बार फिर बयान दिया. उन्होंने कहा कि विदेशी धरती पर खालिस्तान समर्थकों को पनाह देना या अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर उनका समर्थन करना सही नहीं है.

कनाडा के संबंध में विदेश मंत्री ने कहा कि भारत को कनाडा में वीजा जारी करना इसलिए निलंबित करना पड़ा क्योंकि उसके राजनयिकों को बार-बार "कई तरह से डराया-धमकाया गया" और हमें "उस समय कनाडाई तंत्र से बहुत कम कार्रवाई देखने को मिली."

पिछले साल लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर हिंसक प्रदर्शन हुआ था और अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित वाणिज्य दूतावास में आग लगाने की कोशिश हुई थी. इसको लेकर जयशंकर ने कहा भारत को उम्मीद है कि पिछले साल लंदन में उसके उच्चायोग और सैन फ्रांसिस्को में वाणिज्य दूतावास पर हुए हमलों में शामिल दोषियों के साथ-साथ कनाडा में भारतीय राजनयिकों को धमकी देने में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

पिछले साल सितंबर में भारत ने कनाडाई नागरिकों को वीजा जारी करना अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था, यह कदम कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के "शामिल होने की संभावना" के आरोपों के कुछ दिनों बाद आया था.

कनाडा में खालिस्तान समर्थक भारत के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए (फाइल तस्वीर)
कनाडा में खालिस्तान समर्थक भारत के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए (फाइल तस्वीर)तस्वीर: Ines Pohl/DW

खालिस्तान समर्थकों पर बोले जयशंकर

भारत ने कुछ सप्ताह बाद वीजा सेवाएं फिर से शुरू से शुरू कर दी थीं. भारत ने कनाडा के प्रधानमंत्री के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था और सबूत देने की मांग भी की थी. लेकिन कनाडा ने इस पर अब तक कोई सबूत नहीं दिए. भारत इस बात पर जोर देता आया है कि कनाडा के साथ उसका "मुख्य मुद्दा" उस देश में अलगाववादियों, आतंकवादियों और भारत विरोधी तत्वों को दी गई जगह का है.

एक निजी चैनल के कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि सैन फ्रांसिस्को में हमारे वाणिज्य दूतावास पर हमले के दोषियों को सजा दी जाएगी. हम उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद करते हैं जिन्होंने लंदन में हमारे उच्चायोग पर हमला किया था और हम उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद करते हैं जिन्होंने (कनाडा में) हमारे राजनयिकों को धमकी दी थी."

जयशंकर ने आगे कहा, "हम एक ऐसे स्तर पर पहुंच गए हैं, जब एक मंत्री के रूप में मैं राजनयिकों को उस तरह की हिंसा में उजागर करने का जोखिम नहीं उठा सकता. लेकिन अब स्थिति में सुधार हुआ है. अब हमने वीजा सेवा को सामान्य कर दिया है."

"अभिव्यक्ति की आजादी का दुरुपयोग"

कनाडा में खालिस्तान समर्थकों को दी गई जगह के सवाल पर उन्होंने उस देश में भारतीय मिशनों पर स्मोक बम फेंकने की घटनाओं का हवाला दिया. उन्होंने कहा, "वे (कनाडा) हमें बताते रहते हैं कि हम एक लोकतंत्र हैं. वहां बोलने की आजादी है और इसलिए लोग ये बातें कहते हैं."

उन्होंने कहा, "अभिव्यक्ति की आजादी उन राजनयिकों को डराने-धमकाने तक नहीं बढ़ सकती जो अपना काम कर रहे हैं. दूतावास और वाणिज्य दूतावासों पर स्मोक बम फेंकना, मित्र देश के खिलाफ हिंसा और अलगाववाद की वकालत करना अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है, यह अभिव्यक्ति की आजादी नहीं बल्कि इसका दुरुपयोग है."

पिछले साल 19 मार्च को लंदन में भारतीय उच्चायोग पर कुछ खालिस्तान समर्थकों ने हमला किया था, जबकि जुलाई में सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में आगजनी की कोशिश की गई थी.

पिछले साल जून में निज्जर की हत्या के बाद खालिस्तानी समर्थकों ने कई देशों में भारतीय दूतावासों को निशाना बनाया था. ऐसी रिपोर्टों हैं कि सितंबर में भारतीय राजनयिकों को कनाडा में धमकियों का सामना करना पड़ा था.