सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश जारी
१४ नवम्बर २०१९
भारत की सर्वोच्च अदालत ने केरल के सबरीमाला मंदिर केस को 7 जजों की बड़ी पीठ को भेज दिया है. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई थी. हालांकि सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं का प्रवेश जारी रहेगा. पिछले फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को मंजूरी दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि धर्म के सर्वमान्य नियमों के मुताबिक ही परंपरा होनी चाहिए. गुरुवार को सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का मामला कोर्ट ने 3-2 के बहुमत से बड़ी बेंच को सौंपा है.
मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का सवाल
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा पूजा स्थलों में महिलाओं का प्रवेश सिर्फ इस मंदिर तक ही सीमित नहीं है. सदियों से सबरीमाला मंदिर में 10 से लेकर 50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर मनाही थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले फैसले में पलटते हुए महिलाओं को मंदिर में प्रवेश और पूजा करने की इजाजत दी थी.
कुछ महिलाओं ने सदियों से चली आ रही परंपरा को चुनौती दी थी, रूढ़िवादी हिंदू संगठनों से उनकी तीखी बहस भी हुई, विरोध प्रदर्शन हुए और उसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट जा पहुंचा. पिछले साल सितंबर में पांच जजों की बेंच ने महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर लगी रोक को हटा दिया था साथ ही कहा था कि यह पूजा के समानता का अधिकार है. इस फैसले के खिलाफ भगवान अयप्पा के कुछ भक्तों ने विरोध जताया और महिलाओं के मंदिर में प्रवेश की कोशिश को नाकाम करने की कोशिश की. पिछले साल सितंबर में आए फैसले के बाद दर्जन भर महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश की कोशिश की लेकिन उनमें से सिर्फ दो महिलाएं ही कामयाब हो पाई, वह भी पुलिस की मौजूदगी में ऐसा हो पाया.
एए/एनआर (रॉयटर्स)
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