मुंबई पुलिस की गिरफ्त में समुद्री लुटेरे
४ अप्रैल २०२४सोमालिया तट से चालक दल के 23 पाकिस्तानी सदस्यों के साथ एक ईरानी नाव का अपहरण करने के आरोप में मुंबई पुलिस ने 9 समुद्री लुटेरों को गिरफ्तार कर लिया है.
भारतीय नौसेना ने 29 मार्च को समुद्री डकैती रोधी अभियान के तहत 12 घंटे से अधिक की कार्रवाई के बाद अपहृत ईरानी जहाज अल-कंबर और उसके चालक दल को बचा लिया था. इस ऑपरेशन में आईएनएस सुमेधा और गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस त्रिशूल शामिल थे.
नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने मीडिया से कहा, "आईएनएस त्रिशूल 3 अप्रैल को मुंबई पहुंचा और भारतीय कानूनों, विशेष रूप से समुद्री डकैती रोधी अधिनियम 2022 के अनुसार आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए सभी नौ समुद्री लुटेरों को स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया."
12 घंटे तक चली कार्रवाई
मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने भी इसकी पुष्टि की और कहा कि येलो गेट पुलिस स्टेशन में आपराधिक साजिश, अपहरण और सबूतों को नष्ट करने, समुद्री डकैती विरोधी अधिनियम और शस्त्र अधिनियम से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस अधिकारी ने कहा, "नौ आरोपियों की मेडिकल जांच भी कराई गई है और उन्हें गुरुवार को अदालत में पेश किया जाएगा."
28 मार्च की देर रात नौसेना के अधिकारियों को संभावित समुद्री डकैती की घटना के बारे में जानकारी मिली जिसके बाद अरब सागर में दो जहाजों को तैनात किया गया. यमन के सोकोट्रा तट पर अपहृत ईरानी नौका को रोक लिया गया.
अधिकारियों ने कहा कि घटना के समय मछली पकड़ने वाला जहाज सोकोट्रा से लगभग 90 समुद्री मील दक्षिण पश्चिम में था. बताया गया कि नौ हथियारबंद समुद्री डाकुओं ने जहाज का अपहरण कर लिया था.
नौसेना के एक प्रवक्ता ने कहा, "आईएनएस सुमेधा ने 29 मार्च के शुरुआती घंटों के दौरान एफवी अल-कंबर को इंटरसेप्ट किया और बाद में मिशन में गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस त्रिशूल भी जुड़ गया."
नौसेना के अधिकारियों ने शुरू में तो घोषणा करके डाकुओं को आत्मसमर्पण करने और बंधकों को रिहा करने का निर्देश दिया. अधिकारियों ने बताया कि हालांकि समुद्री लुटेरों ने जहाज नहीं रोका और भागने की कोशिश की.
पाकिस्तानी चालक दल के बयान लेगी पुलिस
12 घंटे से अधिक समय तक चली कार्रवाई के बाद समुद्री डाकू मछली पकड़ने वाले जहाज के डेक पर गए और संकेत दिया कि वे आत्मसमर्पण कर रहे हैं.
इस जहाज के चालक दल के सदस्यों में 23 पाकिस्तानी नागरिक थे. पुलिस ने बताया कि नौसेना अधिकारियों को देखते ही समुद्री लुटेरों ने अपने हथियार समुद्र में फेंक दिए.
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वे पाकिस्तानी दूतावास को पत्र लिखकर जहाज पर सवार 23 चालक दल के सदस्यों को उनके बयान दर्ज करने के लिए बुलाने के लिए कहेंगे.