सोमालिया के पास जहाज हाईजैक, 15 भारतीय सवार
५ जनवरी २०२४एमवी लीला नॉरफोक, लाइबेरिया के झंडे वाला जहाज है. अपहरण के समय उस पर कम-से-कम 15 भारतीय क्रू सदस्य सवार थे. समाचार एजेंसी एएनआई ने भारतीय सैन्य अधिकारियों के हवाले से बताया कि भारतीय नौसेना को 4 जनवरी की शाम इस अपहरण की खबर मिली.
नौसेना ने एक बयान में बताया कि जहाज ने 'यूनाइटेड किंगडम मेरीटाइम ट्रेड ऑपरेशन्स पोर्टल' पर एक संदेश भेजा, जिसमें बताया गया कि 4 जनवरी की शाम हथियारों से लैस पांच-छह अज्ञात लोग जहाज पर सवार हो गए थे.
सुरक्षित हैं जहाज के कर्मी
बयान में यह भी बताया गया कि भारतीय युद्धक जहाज 'आईएनएस चेन्नई' को डाइवर्ट कर इस जहाज की मदद के लिए तैनात कर दिया गया है. 5 जनवरी को नौसेना का एक विमान भी अपहृत जहाज के ऊपर से उड़ा.
विमान ने जहाज के क्रू के साथ संपर्क स्थापित किया और यह जानकारी हासिल की कि वह सभी सुरक्षित हैं. विमान, जहाज की गतिविधि पर नजर बनाए हुए है और आईएनएस चेन्नई भी उसकी तरफ बढ़ रहा है.
नौसेना के एक प्रवक्ता कमांडर मेहुल कार्णिक के मुताबिक क्रू के सदस्यों ने बताया कि वो अपने स्ट्रॉन्ग रूम में हैं और जहाज को वहीं से चला रहे हैं. नौसेना ने यह भी बताया कि इलाके में मौजूद दूसरी एजेंसियों के साथ तालमेल बनाकर स्थिति पर करीबी नजर रखी जा रही है.
किसी भी समूह ने अभी तक हाईजैक की जिम्मेदारी नहीं ली है. इस इलाके में यमनी हूथी बागियों के हमले के बाद जहाजों की आवाजाही को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं. ईरान समर्थित हूथी बागियों ने गजा में फिलिस्तीनीयों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए लाल सागर में भी ड्रोन और मिसाइल हमले किए हैं.
बढ़ा हुआ है तनाव
इन हमलों के बाद कई जहाजों को रास्ता बदलना पड़ा है. पिछले महीने भारत के तट से 370 किलोमीटर दूर 'एमवी केम प्लूटो' टैंकर पर एक ड्रोन से हमला हुआ था. अमेरिका ने इस हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया, लेकिन ईरान के विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों को "निरर्थक" बताया था.
हालात देखते हुए भारतीय नौसेना ने भी अरब सागर में अपनी निगरानी बढ़ा दी है. पिछले महीने नौसेना ने इस इलाके में कई युद्धक जहाज तैनात कर दिए थे. कुछ ही दिनों पहले नौसेना ने कहा था कि उसने उत्तरी और मध्य अरब सागर में बड़ी संख्या में मछली पकड़ने वाली नावों की छानबीन की है और कुछ जहाजों पर तो जा कर छानबीन भी की है.
बढ़ी हुई निगरानी पर पिछले महीने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया था, "भारत पूरे हिंद महासागर इलाके में एक नेट सुरक्षा मुहैया कराने वाले की भूमिका निभाता है. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इस इलाके में समुद्री व्यापार, समुद्र की सतह से उठ कर आसमान की ऊंचाइयों को छुए."
सीके/एसएम (रॉयटर्स, एएफपी, एपी)