समुद्र की नई गहराइयों में पहली बार मिली मछलियां
४ अप्रैल २०२३यह खोज एक जापानी और ऑस्ट्रेलियाई संयुक्त वैज्ञानिक अभियान दल ने की. दल के मुख्य वैज्ञानिक ऐलन जेमिसन ने बताया कि जापान ट्रेंच में समुद्र में 8,022 मीटर नीचे कैमरा ट्रैप लगाए थे जिनमें दो स्नेल मछलियां देखी गई हैं.
इस ट्रैप को यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया और टोक्यो यूनिवर्सिटी ऑफ मरीन साइंस की एक टीम ने दो महीनों के एक अभियान के तहत लगाया था. यह मछलियां सुडोलीपारिस बेल्येवी प्रजाति की हैं और 8,000 मीटर से नीचे पाई जाने वाली पहली मछलियां हैं.
10 साल तक चलने वाला अध्ययन
यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मछलियां कितनी बड़ी थीं लेकिन अभी तक इस प्रजाति की अधिकतम लंबाई करीब 11 सेंटीमीटर दर्ज की गई है. अभियान दल ने डीएसएसवी प्रेशर ड्रॉप से दूर से संचालित होने वाले कैमरा समुद्र में उतारे थे.
इन कैमरों ने दक्षिणी जापान के तट के परे समुद्र में 8,336 मीटर गहराई में एक अज्ञात स्नेल मछली की प्रजाति को भी पाया. यह अभियान धरती पर सबसे गहराई में रहने वाली मछलियों पर 10 साल तक चलने वाले एक अध्ययन का हिस्सा है.
जेमिसन ने बताया, "यह इलाका खोज के लिए असाधारण था; यहां इतने सारे जीव हैं, यहां तक की एकदम गहराई तक भी." जेमिसन मिंडेरू-यूडब्लयूए डीप सी रिसर्च सेंटर के संस्थापक भी हैं.
उनका मानना है, "हम लोगों को दो या तीन साल की छोटी उम्र से ही बताना शुरू कर देते हैं कि गहरा समुद्र एक भयानक रूप से डरावनी जगह है जहां हमें बिल्कुल नहीं जाना चाहिए और जैसे जैसे हम बड़े होते हैं यह मान्यता हमारे अंदर और मजबूत होती चली जाती है."
उन्होंने यह भी कहा, "हम इस बात को समझते नहीं हैं कि गहरा समुद्र मूलभूत रूप से धरती का अधिकांश हिस्सा है और हमें यह समझने में संसाधन लगाने चाहिए कि वहां क्या है, वह इलाका कैसे काम करता है और हम उसे कैसे प्रभावित करते हैं."
सीके/एए (रॉयटर्स)