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मीडिया

पाकिस्तान: एक और पत्रकार पर हमला

२६ मई २०२१

इस्लामाबाद में सेना की आलोचना करने के लिए जाने जाने वाले पत्रकार असद अली टूर पर बंदूक लिए तीन लोगों ने हमला कर दिया. यह दो महीनों में पत्रकारों पर हमले की दूसरी घटना है.

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Asad Ali Toor pakistanischer Journalist
तस्वीर: Privat

असद अली टूर पाकिस्तानी टीवी चैनल 'आज टीवी' के एक लोकप्रिय कार्यक्रम के प्रोड्यूसर हैं और यूट्यूब पर "असद अली टूर अनसेंसर्ड" नाम से अपना चैनल भी चलाते हैं. उन्होंने पुलिस को एक बयान में बताया कि कम से कम तीन अज्ञात बंदूकधारी मंगलवार रात इस्लामाबाद में उनके घर में घुस आए. हमलावरों ने अली का मुंह बंद कर दिया, हाथ-पांव बांध दिए, उन्हें मारा पीटा और फिर घायल छोड़ कर चले गए. अली का अभी एक अस्पताल में इलाज चल रहा है. बताया जा रहा है कि उनकी हालत स्थिर है. 

टूर अपने वीडियो कार्यक्रमों में ऐसे मुद्दों पर खबरें और चर्चा ले कर आते हैं जिनसे पाकिस्तान में मुख्यधारा की मीडिया बच कर रहती है. माना जाता है कि पाकिस्तान की सेना एक कड़ी सेंसरशिप नीति की मदद से मुख्यधारा की मीडिया पर अपना नियंत्रण बनाए रखती है. टूर पर हुआ हमला 2018 में प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार बनने के बाद से पत्रकारों पर लगातार हो रहे हमलों की श्रृंखला का एक हिस्सा है. सेना पर उन चुनावों में भी हस्तक्षेप करने का आरोप है.

Matiullah Jan
पत्रकार मतिउल्ला जान जिनका पिछले साल जुलाई में इस्लामाबाद में अपहरण कर लिया गया थातस्वीर: Privat

पिछले महीने इस्लामाबाद में ही बंदूकधारियों ने एक और पत्रकार अबसार आलम पर उसके घर के बाहर गोली चला कर उसे घायल कर दिया. यह पत्रकार भी सेना की बेबाक आलोचना के लिए मशहूर हैं. पिछले साल टूर और दो और पत्रकारों के खिलाफ सेना को बदनाम करने के लिए एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया था, लेकिन इस्लामाबाद के एक हाई कोर्ट ने इन आरोपों को खारिज करने के आदेश दे दिए थे.

पिछले साल जुलाई में पत्रकार मतिउल्ला जान का इस्लामाबाद से अपहरण कर लिया गया था. उन्हें किसी अज्ञात ठिकाने पर घंटों यातनाएं दी गईं और उसके बाद एक सुनसान सड़क पर छोड़ दिया गया. बीते सालों में देश में कई पत्रकारों पर हमले हुए हैं लेकिन कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं की मांगों के बावजूद कभी भी किसी मामले में ना तो जांच पूरी हुई और ना किसी को हिरासत में लिया गया.

सीके/एए (डीपीए)

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