अब मिलेगी भांग वाली चॉकलेट
८ अगस्त २०१०कुछ अमेरिकी कंपनियां चॉकलेट में भारत की खांटी भांग मिलाने की तैयारी कर रही हैं. फिलहाल इस भांग वाली चॉकलेट को अमेरिका में बेचा जाएगा, लेकिन जल्दी ही इसे भारत भी लाया जा सकता है. इसका नाम होगा - भांगः द ऑरिजनल कैनाबीस चॉकलेट. न्यू मेक्सिको की एक चॉकलेट बनाने वाली कंपनी ने तो इसके ट्रेडमार्क के लिए भी अर्जी डाल दी है. अगर उसे ट्रेडमार्क मिल जाता है तो फिर भांग शब्द का प्रयोग कोई और चॉकलेट के लिए नहीं कर पाएगा.
भांग की भारत में पारंपरिक अहमियत है. होली और शिवरात्रि पर यहां भांग पीने का चलन है. इसे भारत में उपलब्ध भांग के पौधे से बनाया जाता है. पीने के अलावा चिलम या हुक्के के जरिए भी लोग भांग लेते हैं और यह नशीले पदार्थों की श्रेणी में आता है. अब इसके नशे को चॉकलेट कंपनियां भुनाना चाहती हैं.
चॉकलेट निर्माता स्कॉट जे वान रिक्सल दो तरह की भांग की चॉकलेट बेचना चाहते हैं. फिलहाल वह अमेरिका में इसे उतारना चाहते हैं, लेकिन बाद में अगर नियमों के तहत इजाजत मिली तो वह भारतीयों को भी इसका स्वाद चखाना चाहते हैं.
एक ईमेल के जवाब में रिक्सल ने कैलिफॉर्निया से न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि इस नई चॉकलेट के लिए बाजार बहुत बड़ा है क्योंकि अब तक इस तरह की भांग वाली चॉकलेट उपलब्ध नहीं है.
रिक्सल ने 'भांग चॉकलेट कंपनी इंक' नाम से एक अलग कंपनी ही बना डाली है. चॉकलेट को प्रचारित करने के लिए वह टी शर्ट और बेसबॉल कैप जैसी चीजें बेच रहे हैं. इन पर लिखा है भांग चॉकलेट. वह बताते हैं, "हां हमारे पास ऐसी बहुत सारी चीजें हैं जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध होंगी."
जब उनसे भारत में चॉकलेट बेचने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "भांग को लेकर भारत में कानून क्या कहता है, उससे मैं ज्यादा परिचित नहीं हूं. लेकिन मैं ऐसा करना चाहूंगा."
रिक्सल अभी दो तरह की चॉकलेट बेचना चाहते हैं. एक होगी टीएचसी फ्री. टीएचसी यानी टेट्राहाइड्रोकैनाबिनॉल भांग का वह हिस्सा होता है जिसकी वजह से नशा होता है. दूसरी तरह की चॉकलेट ब्लैक लेबल होगी और इसमें टीएचसी की मात्रा ज्यादा होगी.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः उ भट्टाचार्य