हमारा मिशन: खुले दिमाग के लिए निष्पक्ष जानकारी
२२ सितम्बर २०२०हमारा मिशन: खुले दिमाग के लिए निष्पक्ष जानकारी
दुनिया भर में, लोकतंत्र को चुनौती दी जा रही है और स्वतंत्रता पर हमले हो रहे हैं. उन देशों में जहां ताकत वाले लोग समाचारों को नियंत्रित करते हैं, लोगों को बुरे विकल्पों में से चुनने के लिए मजबूर किया जाता है. यही कारण है कि हमने दुनिया भर में 180 से अधिक देशों में निष्पक्ष जानकारी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देकर निरंकुशता को चुनौती देना अपना मकसद बना लिया है. हम निरंकुश लोगों की रातों की नींद हराम कर रहे हैं.
हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन कैसे करते हैं
डीडब्ल्यू संकटों, मानवाधिकार हनन के शिकारों और हालात सुधारने के प्रयास करने वाली पहलकदमियों पर रोशनी डालकर और इन मुद्दों पर अधिक से अधिक बहस को बढ़ावा देकर बोलने की आजादी और मीडिया की स्वतंत्रता से जुड़े जटिल मुद्दों को कवर करने की कोशिश करता है.
अपनी रिपोर्टों, कार्यकर्ताओं, शिक्षाविदों, कलाकारों, कार्टूनिस्टों और दुनिया के कोने कोने के लेखकों के साथ इंटरव्यू के जरिए हम उन मुद्दों पर नजर रखते हैं जो बोलने की आजादी और विचारों की आजादी से जुड़े हैं.
2015 से डीडब्ल्यू फ्रीडम ऑफ स्पीच अवार्ड के जरिए डीडब्ल्यू उन लोगों का सम्मान कर रहा है जो अभिव्यक्ति की आजादी के लिए रोज रोज के संघर्ष में शामिल हैं. विजेताओं में मुखर पत्रकार, जेल में डाले गए ब्लॉगर और ऐसे लोग शामिल हैं जो स्वतंत्र मीडिया के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे हैं.
सब तक पहुंचे संदेश
पहले की तुलना में अब ज्यादा लोग आसानी से बात कर सकते हैं और जानकारी हासिल कर सकते हैं. हालांकि यह बात आसानी से भुलाई जा सकती है कि कई ऐसी जगहें हैं जहां लोगों को विरोधी विचारों के लिए सजा दी जाती है और सूचना के मुक्त प्रवाह को रोका जाता है. डीडब्ल्यू ने सेंसरशिप से लड़ाई को अपने मूल सिद्धांत में शामिल किया है और समाज को प्रभावित करने वाले मुद्दों और समस्याओं के बारे में जरूरी सूचना हर जगह के लोगों को आवाज देने के लिए निरंतर काम कर रहा है.
कई देशों में सरकार बुनियादी ढांचे पर इस तरह नियंत्रण रखती है जिससे कि सूचनाओं को या तो सेंसर किया जा सके या फिर पूरी तरह से रोका जा सके. यही वजह है कि डीडब्ल्यू हमेशा ऐसे तरीकों पर काम करता है जिनसे सेंसरशिप को तोड़ कर लोगों तक सूचना पहुंचाई जाए. उदाहरण के लिए ऐसे देशों में जहां सरकारें स्वतंत्र समाचार को रोकती या बाधित करती हैं वहां के लोग डीडब्ल्यू के कंटेंट को सुरक्षा के साथ बिना पहचान बताए ओपेन टेक्नोलॉजी फंड और टोर प्रोजेक्ट की मदद से हासिल कर सकते हैं. डीडब्ल्यू ने एक प्रॉक्सी तैयार किया है जिसके जरिए डीडब्ल्यू.कॉम के वेब कंटेंट को टोर नेटवर्क के वेब एड्रेस के जरिए हासिल किया जा सकता है.
टोर के जरिए यानी द ओनियन रूटिंग के जरिए पहुंचाई जाने वाली वेबसाइटों को ओनियन एक्सटेंसन के जरिए पहचाना जा सकता है. इसके लिए फायरफॉक्स आधारित खास टोर ब्राउजर की जरूरत होती है. डॉयचे वेले के अलावा अब तक न्यू यॉर्क टाइम्स और बीबीसी ही ऐसी मीडिया वेबसाइटें हैं जो ओनियन वेब एड्रेस मुहैया कराती हैं.
पिछले दशक से डीडब्ल्यू सेंसरशिप को तोड़ने वाले एक और सिस्टम साइफन का भी इस्तेमाल कर रहा है. यह अलग अलग प्रोक्सी सर्वरों के नेटवर्क का इस्तेमाल करता है. एक तरह से यूजर और ऑनलाइन सोर्स के बीच मध्यस्थ के रूप में. इस तकनीक के साथ चीन और ईरान जैसे देशों के यूजरों को भरोसेमंद स्रोतों से निष्पक्ष समाचार हासिल करने की शक्ति मिलती है.
इस तकनीक में शामिल होकर हमने दुनिया को संदेश दिया है: डीडब्ल्यू फ्री इंटरनेट को बढ़ावा देना और निष्पक्ष समाचार पूरी दुनिया के लोगों तक पहुंचाने की कोशिशें कभी बंद नहीं करेगा.
विविधता बढ़ाता है संवाद
बीते कुछ सालों में अरब जगत में मीडिया का परिदृश्य और उसकी भागीदारी नाटकीय रूप से बदली है, और यह सिर्फ युवाओं में ही नहीं है. हर चीज विकसित हो रही है. एक तरफ जहां लोग तकनीकी रूप से संवाद और चर्चा के लिए ऐप, सोशल मीडिया और मोबाइल कम्युनिकेशन में ज्यादा खुल रहे हैं वहीं दूसरी तरफ उनमें बहस से खुद को दूर करने की भी इच्छा पैदा हो रही है.
जफर टॉक इसको बदलना चाहता है. यह एक टॉक शो है जो हर किसी को बोलने की आजादी देता है, उन लोगों को भी जिन्हें अरब जगत में कभी नहीं सुना जाता और खासतौर से उन मुद्दों को जिन्हें दूसरे चैनल नहीं उठाते. यह सामाजिक राजनीतिक मुद्दों पर मेहमानों के बीच विवादित बहस की गुंजाइश देता है. यहां अलग अलग देशों से आने वाले मेहमान अलग विचारों का प्रतिनिधित्व करते हैं. हर शो के आखिर में स्टूडियो में मौजूद दर्शक और इस कार्यक्रम को देखने वाले लोगों को वोट दे कर मौका मिलता है यह बताने का कि किस मेहमान ने अपने विचारों को सबसे ज्यादा प्रभावशाली तरीके से रखा. यह किसी विषय पर लोगों की अलग अलग दृष्टिकोण को बांटने, अपने विचार रखने और संवाद शुरू करने का एक बढ़िया मंच है.
जफर टॉक एक इंटरएक्टिव टॉक शो है जो अरबी बोलने वाले लोगों की विविधता को दिखाता है. होस्ट अब्दुल करीम इलाके में अलग अलग विचार रखने वाले मेहमानों को एक निष्पक्ष और जीवंत चर्चा के लिए बुलाते हैं, इसके साथ ही रिसर्च, तथ्य और आंकड़ों की मदद से बड़ी तस्वीर दिखाने की कोशिश होती है. आप इंस्टाग्राम, फेसबुक और यूट्यूब पर जफर टॉक को फॉलो कर ताजा जानकारी ले सकते हैं.
मुद्दों का चित्रण
क्या लेबनान के नागरिक यूक्रेनी नागरिकों की तुलना में अपनी राय डिजिटल प्लेटफॉर्मों पर ज्यादा रखते हैं? #स्पीकअपबैरोमीटर डीडब्ल्यू एकेडमी का एक प्रोजेक्ट है जो कुछ देशों में डिजिटल भागीदारी, अभिव्यक्ति की आजादी और सूचनाओं तक पहुंच के बीच संबंधों की पड़ताल करता है. इन देशों में डीडब्ल्यू एकेडमी मीडिया डेवलपमेंट के प्रोजेक्टों पर स्थानीय सहयोगी संगठनों के साथ काम करती है.
इन देशों में डिजिटल भागीदारी की मौजूदा स्थिति के साथ ही नई संभावनाओं और जोखिम की पहचान के लक्ष्य के साथ #speakup बैरोमीटर मीडिया संस्थानों, गैरसरकारी संगठनों और दूसरे लोगों के विकास में मदद करता है ताकि डिजिटलाइजेशन, अभिव्यक्ति की आजादी और सूचना तक मुक्त रूप से पहुंच को बेहतर बनाया जा सके.
मीडिया फ्रीडम नेवीगेटर
आपके देश में मीडिया कितनी स्वतंत्र है? मीडिया फ्रीडम नेवीगेटर मीडिया की आजादी के अलग अलग आंकड़ों की समीक्षा करता है. मीडिया की आजादी के आंकड़े देखने के लिए आप दुनिया के नक्शे पर जाकर हर देश के बारे में आंकड़े देख सकते हैं साथ ही सूचकांकों की पृष्ठभूमि भी.
गलत जानकारियों के समंदर में विश्वसनीयता
तुर्की में पत्रकारिता का काम मुश्किल होता जा रहा है. डीडब्ल्यू ने बीबीसी, फ्रांस24 और वॉयस ऑफ अमेरिका के साथ मिल कर एक यूट्यूब चैनल शुरू किया ताकि तुर्की बोलने वाले लोगों तक विश्वसनीय सूचना पहुंचाई जा सके और उन्हें अपनी राय बनाने में मदद मिले.
यूट्यूब चैनल +90 को यह नाम तुर्की के आईएसडी कोड से यह नाम मिला है. यह स्वतंत्र और भरोसेमंद सूचना देता है साथ ही बोलने की आजादी और बहुत सारे मुद्दों पर अलग अलग विचारों का सम्मान करता है. सबसे ज्यादा स्ट्रीम हुए वीडियो में से कुछ का जर्मन में भी अनुवाद किया गया और इन्हें दसियों लाख बार देखा गया. +90 ऐसे मुद्दों को कवर करता है जो आमतौर पर तुर्की की मीडिया से गायब रहते हैं, मसलन शरणार्थी, समलैंगिक और महिला अधिकार. इन मुद्दों की गहराई से पड़ताल करके +90 तेजी से बदलते देश में रोजमर्रा के जीवन को संतुलित करने की कोशिश कर रहा है.
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