'हमने नहीं कहा मोदी को ईमानदार'
१८ मार्च २०१४व्हिसलब्लोअर वेबसाइट ने मोदी के नेतृत्व की स्टाइल पर अमेरिकी दूतावास की कई टिप्पणियां भी विस्तार से जारी की है. असांज के नाम से की जा रही टिप्पणियां असल में गुजरात के कांग्रेस नेता मनोहर सिंह जडेजा ने की थी. जडेजा ने अमेरिकी दूतावास के एक अधिकारी से कहा था कि गुजरात के मुख्यमंत्री "बहुत लोकप्रिय" हैं क्योंकि समझा जाता है कि वह बिलकुल "भ्रष्ट नहीं होने वाले" है और काम पूरा कर सकते हैं.
वेबसाइट के मुताबिक, "विकीलीक्स के किसी दस्तावेज में नहीं कहा गया है कि मोदी इनकरप्टिबल हैं बल्कि ये कहा गया है कि वह लोकप्रिय इसलिए हैं कि लोग उन्हें भ्रष्टाचारहीन मानते हैं."
वेबसाइट ने बताया है कि महाराष्ट्र में बीजेपी कम्यूनिकेशन सेल की सह संयोजक प्रिया गांधी इस "नकली अनुमोदन" को फैला रही हैं. जिसका इस्तेमाल मोदी के ऑनलाइन समर्थक कर रहे हैं और इसे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार मोदी के लिए बहुत ऊंचा आंक रहे हैं.
विकीलीक्स की सफाई ऐसे समय आई है जब बीजेपी के कुछ समर्थक गुजरात में असांज के हवाले से कह रहे हैं कि "अमेरिका मोदी से इसलिए डरा हुआ है क्योंकि उन्हें भ्रष्ट नहीं किया जा सकता."
इसके जवाब में बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है, "हमें मोदी जी के बारे में विकीलीक्स या असांज का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए."
विकीलीक्स ने मोदी के बारे में 2006 के दूसरे अमेरिकी केबलों का खुलासा भी किया है जिसमें अमेरिकी दूतावास ने मोदी के काम करने के तरीके की आलोचना की है. केबल के मुताबिक, "इस बारे में मतभेद हैं कि यदि मोदी राष्ट्रीय राजनीति में उतरते हैं तो नेतृत्व की स्टाइल उन्हें फायदा दिलाएगी या नुकसान पहुंचाएगी. लोगों में मोदी पसंदीदा हो सकते हैं. कुल मिला वह अकेले चलने वाले, अविश्वासी व्यक्ति हैं. वह सहयोग और सहमति के बदले डरा धमका कर काम करना पसंद करते हैं. वह रुखे हैं और दूसरों को नीचा दिखाते हैं और उच्च स्तरीय पार्टी अधिकारियों के प्रति भी कई बार अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं. वे ताकत बटोरते हैं."
हालांकि अमेरिकी दूतावास ने इसमें जोड़ा कि उनकी पूरी बातचीत में समझ में आया कि मोदी ईमानदार व्यक्ति हैं, जिन्होंने दूसरे नेताओं की तरह अपनी हैसियत का इस्तेमाल कर खुद के परिवार और खुद को अमीर नहीं बनाया." दूतावास के मुताबिक, "अधिकतर लोग यह भी कहते हैं कि मध्य और निचले स्तर पर होने वाला भ्रष्टाचार भी उन्होंने खत्म किया."
विकीलीक्स ने 2006 के अमेरिकी केबल का खुलासा किया है. उस समय मुंबई के अमेरिकी कंसुल जनरल माइकल एस ओवेन मोदी से मिले थे.
एएम/एमजे (पीटीआई)