स्टेम सेल रिसर्च को ओबामा की हरी झंडी
९ मार्च २००९अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का एलान तो वैज्ञानिक रिसर्च से जुड़ा है लेकिन इसे लेकर अमेरिका में राजनीति और तीखी होने के आसार भी बढ़ गए हैं.
राष्ट्रपति बराक ओबामा के अपने कार्यकाल के शुरूआती दिनों के चुनिंदा बड़े एलानों में से एक ये भी था. स्टेम सेल्स यानी भ्रूण कोशिकाओं की रिसर्च को लेकर अमेरिका में बड़ा तूफ़ान रहा है. और धार्मिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं का एक बड़ा धड़ा इस तरह की रिसर्चों के ख़िलाफ़ रहा हैं जिनमें मनुष्य शरीर के अंगों से भ्रूण कोशिका निकालकर एक नयी कोशिका बनाये जाने को लेकर अपार अध्ययन चल रहे हैं. इस वर्ग का कहना है कि इससे विज्ञान प्रकृति के साथ छेड़छाड़ की तरफ़ बढ़ेगा और उसे रोकना मुश्किल होगा.
लेकिन वैज्ञानिक और चिकित्सा जगत के विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की रिसर्च से कई लाईलाज और जानलेवा बीमारियों और अंग प्रत्यारोपण जैसी जटिलताओं में भारी मदद मिल सकती है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने इस बारे में आदेश जारी कर दिए हैं और कहा है कि वो पूरी शिद्दत से नयी रिसर्च को बढ़ावा देंगें.
ध्यान रहे कि वैटिकन ने भी स्टेम सेल रिसर्च की आलोचना की है. ओबामा ने इस बारे में जु़डी तमाम भ्रांतियों और आशंकाओं के जवाब में भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार इस रिसर्च का इस्तेमाल मानव क्लोनिंग यानी प्रतिकृति बनाने के लिए नहीं होने देगी. लेकिन अगर किसी विनाशकारी बीमारी को समझने या उसका इलाज इस रिसर्च से मुमकिन हो सकता है तो क्यों नहीं.
2001 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने स्टेम सेल रिसर्च को दी जा रही सरकारी आर्थिक सहायता रोक दी थी. ओबामा ने कहा कि पिछले आठ साल में इतने सारे वैज्ञानिक, शोधकर्ता, डॉक्टर और अन्वेषक मरीज़ और दूसरे असहाय लोग इस बारे में लड़ते रहे हैं और उम्मीद करते रहे हैं.
बहरहाल विशुद्ध रूप से वैज्ञानिक आधार वाले इस काम को लेकर ओबामा के एलान के बाद राजनीति और तेज़ हो गयी है. पहले से ही आर्थिक राहत पैकेज को लेकर ओबामा की खिंचाई कर रहे विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी ने ओबामा को इस मामले पर नए सिरे से घेरने का मन बना लिया है.