धरती की ओर बढ़े सौर तूफान
१२ सितम्बर २०१४इस तूफान के कारण सिर्फ निजी इलेक्ट्रॉनिक्स में ही गड़बड़ नहीं होगी बल्कि उत्तरी ध्रुव पर दिखाई देने वाले ऑरोरा में बढ़ोतरी होगी. बताया जा रहा है कि शुक्रवार देर रात से लेकर शनिवार सुबह तक ये ध्रुवीय रोशनी चमचमाएगी. अमेरिका के राष्ट्रीय सामुद्रिक और पर्यावरण कार्यालय में अंतरिक्ष मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाले केंद्र के निदेशक थोमास बैर्गेर ने बताया, "इन सौर गतिविधियों से राष्ट्रीय संरचना को कोई अकल्पनीय नुकसान होने की आशंका नहीं है. लेकिन हम इन घटनाओं को ध्यान से देख रहे हैं. अच्छी बात यह है कि इन तूफानों के कारण शुक्रवार की रात उत्तरी अमेरिका में चमकीली ऑरोरा रोशनी दिखाई देगी."
सोमवार से ही छोटे सौर तूफान से शुरुआत हुई और फिर बहुत ताकतवर एक्स क्लास के तूफान बुधवार शाम को दर्ज किए गए. रिपोर्टों के मुताबिक ये दोनों तूफान सोलर डिस्क के केंद्र में दिखाई देने वाले सौर धब्बों से निकले हैं. इनके कारण सूरज की बाहरी सतह कोरोना से बड़ी मात्रा में लपटें बाहर निकलीं और इनकी दिशा धरती की तरफ थी.
बैर्गेर ने बताया कि इसके कारण होने वाली गड़बड़ी एक से पांच के मानक पर मॉडरेट से स्ट्रॉन्ग चुंबकीय तूफान पैदा हो सकते हैं. इनका स्तर जी2 और जी3 बताया गया है. उन्होंने कहा कि ऐसा कम ही हुआ है कि एक के बाद एक दो तूफान धरती की ओर आए हों. बैर्गेर ने आशंका जताई कि ध्रुवीय इलाकों में इसका असर बहुत ज्यादा भी हो सकता है.
धरती के गर्भ में भी चुंबक है और सूरज ने भी धरती की ओर चुंबकीय तूफान ही भेजा है इसलिए एक चुंबक की दूसरे चुंबक से मुलाकात है. और वह एक दूसरे से कैसे मिलेंगे इस पर निर्भर करेगा कि जियोमैग्नेटिक तूफान कितना तीव्र होगा.
सूरज अपनी 11 साल की चक्रीय गतिविधियों के चरम पर है. हालांकि फिलहाल सोलर मैक्स कहे जाने वाले इस समय की गतिविधियां उतनी तीव्र नहीं हैं. सोलर साइकल में धरती की ओर आने वाले सौर तूफानों की संख्या सामान्य तौर पर 100 से 200 तक हो सकती है.
एएम/आईबी (एएफपी, रॉयटर्स)