सीरियाई में प्रदर्शनकारियों पर हमला
२४ मार्च २०११अपुष्ट रिपोर्टों के मुताबिक देरा शहर में हुई फायरिंग में दर्जनों लोग मारे गए हैं. बताया जा रहा है कि तफास अस्पताल में कई शव पड़े हुए हैं. एक चश्मदीद ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा, ''शव सड़कों पर पड़े हुए हैं. हमें नहीं पता कि कितने लोग मारे गए.'' एक अन्य चश्मदीद ने कहा, ''हमें पता ही नहीं चला कि गोलियां कहां से चलाई गई. कोई भी इस हालत में नहीं था कि गिर रहे लोगों को अपने साथ ले जा सके.''
लोगों के मुताबिक शहर की ऊंची इमारतों में मास्क पहने हुए निशानेबाज दिख रहे हैं. शाम होते ही गलियों में अपने बच्चों के शवों के आस पास रोते बिखलते लोग दिख रहे हैं. मस्जिद के लाउडस्पीकरों से एलान किया जा रहा है कि जिन लोगों के रिश्तेदार मारे गए हैं, वो क्लीनिक जाकर शव ले लें.
बुधवार को देरा की मस्जिद में सैकड़ों सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी जमा हुए. इनमें बड़ी संख्या में युवा भी थे. पहले सुरक्षाबलों ने उन्हें एक जगह पर रोके रखा और आधी रात के वक्त फायरिंग शुरू कर दी. बताया जा रहा है कि रात को इलाके की बिजली और टेलीफोन सेवाएं काट दी गई. इसके बाद अल्लाह हो अकबर की आवाजें सुनाई पड़ी और फिर गोलियां चलने लगीं.
इंटरनेट साइट यूट्यूब पर जारी हुए एक वीडियो में एक युवा सुरक्षाबलों से कह रहा है, ''भाई कृपा करो, गोली मत चलाओ. ये देश मेरे और तुम्हारे लिए काफी बड़ा है.''
ऐसी भी रिपोर्टें है कि सैनिकों से भरे 20 ट्रक एक दूसरे शहर के निकले हैं. देरा को सीरिया की सत्ताधारी बाथ पार्टी का गढ़ माना जाता रहा है. लेकिन जॉर्डन सीमा से सटा यह शहर हाल के दिनों में राजनीतिक हलचल का केंद्र बना हुआ है.
राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ प्रदर्शन देरा से शुरू हुए हैं. दो करोड़ की आबादी वाले देश भ्रष्टाचार और एक पार्टी शासन के खिलाफ छह दिन से प्रदर्शन हो रहे हैं. आम लोग शिया प्रेम के खिलाफ भी खुलकर बोल रहे हैं. ईरान और चरमपंथी संगठन हिज्बुल्लाह के खिलाफ नारे लगा रहे हैं.
नारों में कहा जा रहा है, ''सम्मानित सीरियाई लोगों ईरान और हिज्बुल्लाह पर भरोसा मत करो.'' सीरिया की विदेश नीति की भी आलोचना हो रही है. सीरिया की विदेश नीति में शिया देशों के प्रति झुकाव और साझेदारी की कोशिशें साफ दिखाई पड़ती हैं.
संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और फ्रांस ने सीरिया सरकार की निंदा की है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने कहा कि सीरिया सरकार की हिंसक कार्रवाइयों की पारदर्शी जांच होनी चाहिए. वहीं अमेरिका ने कहा है कि सीरिया शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ हिंसा न करे. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने प्रदर्शनों का लोगों का अधिकार बताया है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: आभा एम