सत्ता में आने के बाद सबसे पहले ये करेंगे जो बाइडेन
राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के पोपुलिज्म के आगे डेमोक्रैटिक जीत की कोई उम्मीद नहीं कर रहा था, लेकिन चाहते बहुत सारे लोग थे. अब नई सरकार से उम्मीदें भी बड़ी हैं.
जलवायु संधि
राष्ट्रपति ट्रंप ने ओबामा बाइडेन के दौर में हुई पेरिस जलवायु संधि से बाहर निकलने का फैसला किया था. यह फैसला पिछले हफ्ते लागू भी हो गया. राष्ट्रपति बाइडेन इस फैसले को पलट देंगे.
विश्व स्वास्थ्य संगठन
राष्ट्रपति ट्रंप ने कोरोना महामारी के बीच में ही विश्व स्वास्थ्य संगठन से भी निकलने का फैसला किया था. कोरोना महामारी से लड़ना बाइडेन और कमला हैरिस की प्राथमिकता है.
बहुल कैबिनेट
जीत के बाद जो बाइडेन ने वादा किया है कि उनकी सरकार अब तक की सबसे बहुल सरकार होगी. उनके सलाहकार अब इसके हिसाब से अलग अलग समुदायों के योग्य लोगों की खोज में लगे हैं.
ईरान नीति
ओबामा के शासनकाल में ईरान के साथ भी उसके विवादित परमाणु कार्यक्रम पर एक समझौता हुआ था जिसे ट्रंप ने एकतरफा तरीके से छोड़ दिया. बाइडेन के राष्ट्रपति बनने से उसमें बदलाव की संभावना है.
चीन के साथ संबंध
हालांकि अमेरिका और पश्चिमी विश्व ने अब मान लिया है कि चीन सिर्फ सहयोगी नहीं बल्कि प्रतिद्वंद्वी भी है. चीन के साथ अमेरिका के रिश्ते एकदम पहले जैसे तो नहीं होंगे, लेकिन बातचीत के लहजे में नरमी आ सकती है.
कश्मीर का मुद्दा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रपति ओबामा के साथ अच्छे संबंध थे, लेकिन ट्रंप के साथ और भी अच्छे. डेमोक्रैटिक सांसदों ने कश्मीर पर भारत सरकार का साथ नहीं दिया है. उन्हें समझाने की जिम्मेदारी अब अधिकारियों पर होगी.
जर्मनी और अमेरिका
राष्ट्रपति ट्रंप अपने कार्यकाल में जर्मनी पर बहुत आक्रामक रहे हैं. चाहे रक्षा बजट बढ़ाने का मुद्दा रहा हो या नॉर्थस्ट्रीम-2 गैस पाइपलाइन का. वे जर्मन कारों पर शुल्क बढ़ाने की धमकी भी देते रहे हैं. जर्मनी को बाइडेन काल में बेहतर रिश्तों की उम्मीद है.