संगीत से संवरती है सुरा
२५ जून २०१३दक्षिण पश्चिम जर्मनी के वाइन वाले इलाके के किसान क्रिस्टियान बुत्स का कहना है कि वाइन को शास्त्रीय संगीत सुनाने से उसकी क्वालिटी बढ़ती है. होखश्टाट के वाइनग्रोवर बुत्स अपनी वाइन को 10 हफ्ते के फर्मेंटेशन प्रोसेस के दौरान योहानेस ब्राम्स के ललेबी से लेकर जॉर्ज बिजेट का कार्मेन तक सुनाते हैं. उनका मानना है कि तैयार हो रहे वाइन को इससे बेहतर बॉडी और स्वाद मिलता है.
क्रिस्टियान बुत्स की बातें कोरी बकवास नहीं, यह एक टेस्ट के नतीजे से साबित होती है. 25 भागीदारों के साथ कराए गए वाइन टेस्टिंग में वह वाइन पसंद की, जिसे संगीत के साथ फर्मेंट किया गया था. बुत्स कहते हैं, "म्यूजिक वाइन की बड़ी मांग है, वह बहुत जल्दी बिक जाता है."
अंगूर का रस निकालने के बाद वाइन बनने की प्रक्रिया में संगीत के इस्तेमाल का विचार वैज्ञानिक शोध पर आधारित है. इस पर किए गए अध्ययनों के अनुसार ध्वनि की तरंगें मानव शरीर में ऑटोनोमिक और इम्यून सिस्टम में परिवर्तन पैदा करती हैं. बुत्स का कहना है कि यदि संगीत हमारे स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है तो फिर उसका असर वाइन पर क्यों नहीं होगा.
40 वर्षीय वाइन एक्सपर्ट जिस इनर्जी साउंड सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं उसे बेल्थ थेरापिस्ट और संगीतकार डिर्क कोलबर्ग ने विकसित किया है. बुत्स का कहना है कि संगीत सुन सुन कर फर्मेंट होने वाले वाइन के भौतिक गुणों में कोई अंतर नहीं होता, लेकिन उनके स्वाद में बहुत विभिन्नता होती है. ध्वनि तंरगों के साथ विकसित होने वाली डॉर्नफेल्डर वाइन आखिरकार ज्यादा शक्तिशाली और सामान्य के मुकाबले ज्यादा गाढ़ी थी.
इलाके के दूसरे वाइन ग्रोवर भी अब बुत्स के कदमों पर चलने लगे हैं. इतना ही नहीं एक स्थानीय संस्थान इस पर रिसर्च भी कर रहा है. वाइन एक्सपर्ट वोल्फगांग फाइफर कहते हैं, "हम इस बात का कोई विश्लेषणात्मक या संवेदी सबूत नहीं पा सके हैं कि ध्वनि तरंगों का वाइन पर कोई असर होता है." हालांकि वे मानते हैं कि मामला बहुत जटिल है और वैज्ञानिक जवाब पाने में अभी सालों लगेंगे. हालांकि वैज्ञानिक विश्लेषण में कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं पाया गया है, लेकिन रिसर्चरों के लिए यह सवाल अहम है कि ध्वनि तरंगों का सामना करने वाले वाइन में फर्मेंटेशन के दौरान यीस्ट के सेल ज्यादा सक्रिय क्यों होते हैं?
वाइन बनाने वाले कुछ किसानों का मानना है कि स्पीकर से निकलने वाली ध्वनि तरंगें खमीर को मिलाने में मदद करती है और उसे चीनी खपाने के लिए खुद अपनी ऊर्जा नहीं लगानी पड़ती. इसके बदले चीनी खमीर के पास आता है और वह अपनी बची हुई ऊर्जा से वाइन को दूसरी तरह से फायदा पहुंचाता है. फाइफर कहते हैं, "वाइन में फर्मेंटेशन के दौरान क्या होता है, यह जानने के लिए और बहुत से परीक्षण करने की जरूरत है, क्योंकि हमारे पिछले परीक्षण ने जवाब देने से ज्यादा सवाल पैदा किए हैं."
इन परीक्षणों में जीव विज्ञानियों की भी दिलचस्पी है. बॉन यूनिवर्सिटी की मॉलेक्युलर बोटनिक्स इंस्टीट्यूट के फ्रांटिसेक बालुस्का कहते हैं, "इस बात के संकेत हैं कि पौधे इतने संवेदनशील होते हैं कि उनपर अलग अलग फ्रीक्वेंसियों का असर होता है. हमें अब तक पता नहीं है कि इसके क्या नतीजे होते हैं." अब तक यह बात न तो साबित हुई है और न ही गलत साबित हुई है कि संगीत बजाने से पौधों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. माइक्रोबायलॉजिस्ट बालुस्का कहते हैं, "इसका मतलब यह भी है कि इस बात के भी सबूत नहीं हैं कि यह काम नहीं करता."
एमजे/एजेए (डीपीए)