विनाश का संकेत है कीटों की घटती संख्या
१९ अक्टूबर २०१७जर्मनी के 63 नेचर रिजर्वों को कीट पतंगों की गिनती की गई. जांच में डरावनी तस्वीर सामने आई. 1989 से अब तक जर्मनी में तीन चौथाई उड़ने वाले कीट खत्म हो चुके हैं. वैज्ञानिकों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि उड़ने वाले कीटों की बहुत कम संख्या से पूरा जैव विविधता तंत्र खत्म हो सकता है. हॉलैंड के राडबाउड यूनिवर्सिटी के लीड रिसर्चर हंस डे क्रून कहते हैं, "इतने बड़े इलाके में उड़ने वाले कीटों की इतनी तेजी से घटती संख्या बहुत ही चेतावनी भरी खोज है.
तितली और मधुमक्खियों समेत उड़ने वाले सारे कीट पौधों के परागण में अहम भूमिका निभाते हैं. परागण की वजह से फल और सब्जियां पैदा होती हैं. कीटों की गिरती संख्या का असर सीधा पंछियों पर पड़ेगा. कई पंछी इन्हीं कीटों को खाते हैं. और इस तरह विनाश का चक्र शुरू हो जाएगा. हंस डे क्रून के मुताबिक, "पूरा इको सिस्टम खाने और परागण के लिए इन कीटों पर निर्भर है, इनकी वजह से कीट खाने वाले पंछियों की संख्या घटेगी और अंत में स्तनधारियों तक इसका असर पड़ेगा."
शोध के सह लेखक कास्पर हालमन कहते हैं, "ये सारे संरक्षित इलाके थे और ज्यादातर पूरी तरह प्राकृतिक रिजर्व थे. इसके बावजूद यह नाटकीय गिरावट सामने आई है."
वैज्ञानिकों को आशंका है कि ऐसा कीटनाशकों की वजह से हुआ है. हंस डे क्रून के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने कीटनाशकों का कम से कम इस्तेमाल करने की अपील की है. यूरोप और उत्तरी अमेरिका के बड़े हिस्से से तितलियां बड़ी संख्या में गायब हो चुकी है.
(प्राकृतिक संसाधनों की विविधता)
ओएसजे/एमजे (एएफपी)