विजय दिवस की परेड में पुतिन के निशाने पर यूरोप
९ मई २०२३नाजी जर्मनी पर जीत की 78वीं सालगिरह के मौके पर भारी सुरक्षा के बीच राष्ट्रपति पुतिन ने परेड देखने आए लोगों और सैनिकों को संबोधित कर कहा, "आज सभ्यता एक बार फिर निर्णायक बिंदु पर पहुंच गई है. हमारी जन्मभूमि के खिलाफ एक असल युद्ध छेड़ दिया गया." पुतिन ने 14 महीने पहले यूक्रेन पर हमले का आदेश दिया था. इस हमले के संदर्भ में उन्होंने कहा, "लेकिन हमने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद को पीछे धकेल दिया है. हम डोनबास के लोगों की रक्षा और अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे."
पश्चिमी देशों पर निशाना
पुतिन ने एक बार फिर दोहराया कि यूक्रेन पश्चिमी देशों का "बंधक" बन गया है जो रूस को ध्वस्त करना चाहते हैं. यूक्रेन को रूस पश्चिमी देशों के औजार के रूप में देखता है और दावा करता है कि रूस को तबाह करने, उसका इतिहास बदलने और पारंपरिक मूल्यों को खत्म करने की कोशिश की जा रही है. पुतिन ने कहा, "उनका उद्देश्य रूस को तोड़ना और तबाह करना है."
रूस ने यूक्रेन के खिलाफ 24 फरवरी को हमला शुरू किया था. रूस बार बार बिना किसी आधार के यह दावा करता है कि पश्चिमी देश रूस के लिए खतरा बन रहे हैं. हाल के महीनों तक रूस यूक्रेन पर हमले को महज "विशेष सैन्य अभियान" का नाम देता आया था. विजय दिवस की परेड के कुछ दिनों पहले से ही रूसी सेना ने यूक्रेन पर हमले तेज कर दिये हैं. राजधानी कीव सहित यूक्रेन के कई शहरों पर पिछले कई दिनों से मिसाइलों की बरसात हो रही है. मंगलवार की सुबह होने से पहले रूस ने यूक्रेन पर 25 मिसाइलें दागी. यूक्रेनी सेना के मुताबिक एयर डिफेंस सिस्टम की मदद से यूक्रेन ने इनमें से 23 मिसाइलों को बेकार कर दिया. हालांकि फिर भी नुकसान हुआ है.
सीमित रहा परेड
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इस साल मॉस्को की परेड में 8,000 सैनिक हिस्सा ले रहे हैं. इनमें वो सैनिक भी हैं जिन्हों ने हाल ही में यूक्रेन की लड़ाई में हिस्सा लिया. इस बार की परेड में एयर शो नहीं हुआ. हालांकि वहां का मौसम टेलिविजन पर दिखाई जा रही तस्वीरों में साफ नजर आ रहा है.
परेड में कुछ बख्तरबंद गाड़ियां तो थीं लेकिन प्रमुख टैंक नदारद थे. टैंकों के परेड में शामिल नहीं होने के बारे में आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी गई. बीते कुछ सालों में रूस प्रमुख रूप से अर्माता (T-14) टैंक को परेड में शामिल करता रहा है. यह नया टैंक है और रूसी मीडिया ने अप्रैल में खबर दी थी कि इन टैंकों को पहली बार यूक्रेन युद्ध में इस्तेमाल होगा.
इस साल परेड में तो पहले तो किसी विदेशी मेहमान के आने की उम्मीद नहीं थी लेकिन बेलारूस, कजाखस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान और अर्मेनिया के नेता समारोह में नजर आये हैं.
परेड से पहले ऐसी खबरें भी आ रही थीं कि सुरक्षा कारणों से इस साल की परेड रद्द की जा सकती है. रूसी राष्ट्रपति के दफ्तर क्रेमलिन के पास एक ड्रोन हमले के बाद इन खबरों को और बल मिला था. पिछले हफ्ते दो ड्रोन क्रेमलिन तक पहुंचने में कामयाब हो गये थे लेकिन फिर उन्हें मार गिराया गया. रूस ने इसके लिए यूक्रेन पर आरोप लगाया लेकिन यूक्रेन का कहना है कि यह सारी कवायद खुद रूस ने की थी.
रूस का सबसे बड़ा समारोह
हर साल रूस बड़ी धूमधाम से नाजी जर्मनी पर अपनी जीत का उत्सव मनाता है. इस दौरान पूरे देश में छुट्टी रहती है और यह रूस की सबसे बड़ी धर्मनिरपेक्ष छुट्टी है. रेड स्क्वेयर पर परेड की भी बड़ी जबर्दस्त तैयारी होती है. हालांकि इस साल समारोह फीका है.
रूसी मीडिया ने जानकारी दी है कि 9 मई की परेड इस साल 24 रूसी शहरों ने रद्द कर दिए हैं. इस बार जहां परेड हो रहे हैं वहां भी महज रस्म अदायगी ही हो रही है. परेड के दौरान आम लोग मारे गये रिश्तेदारों की तस्वीर लेकर सड़कों पर निकलते हैं, इसे इमोर्टल रेजिमेंट की परेड कहा जाता है इसे भी इस साल रद्द कर दिया गया है. कुछ लोग इसके पीछे सुरक्षा को कारण बता रहे हैं. हालांकि कुछ लोगों का यह भी कहना है कि ऐसा हुआ तो लोग यूक्रेन युद्ध में मारे गये लोगों की तस्वीरें लेकर सड़कों पर निकल जायेंगे और रूसी सरकार ऐसा नहीं चाहती.
एनआर/सीके(डीपीए, एपी)