1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

विकीलीक्स के खुलासे में राजीव

८ अप्रैल २०१३

विकीलीक्स ने कुछ पुराने कूटनीतिक दस्तावेज जारी किए हैं और इनसे 1970 के दशक में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हथियारों के एक सौदे में बिचौलिए की भूमिका निभाने की बात सामने आई है.

https://p.dw.com/p/18Bf9
तस्वीर: AP

विकीलीक्स से मिली जानकारियों के आधार पर भारत के प्रमुख अखबार द हिंदू ने खबर छापी है कि स्वीडेन के कारोबारी समूह साब स्कैन्डिया ने राजीव गांधी को विगेन लड़ाकू विमान बिकवाने में मदद करने के लिए नौकरी पर रखा था. इस जानकारी के पीछे अमेरिकी दूतावास के राजनयिक दस्तावेजों को आधार बनाया गया है.

उस वक्त राजीव गांधी राजनीति में नहीं आए थे और कमर्शियल पायलट के रूप में काम कर रहे थे. तब उनकी मां इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं. इन दस्तावेजों में कहा गया है कि राजीव गांधी साब स्कैंडिया के लिए प्रमुख बिचौलिए के रूप में काम कर रहे थे. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तक उनकी पहुंच की वजह से उन्हें पैसा दिया गया. यह जानकारी स्वीडिश दूतावास के अधिकारियों ने अमेरिकी अधिकारियों को दी, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने न तो इसकी पुष्टि की और न ही इसे खारिज किया. इन दस्तावेजों में एक अमेरिकी राजनयिक ने कहा है, "हम यह सोच सकते हैं कि एक ट्रांसपोर्ट पायलट पर किसी लड़ाकू जहाज के जानकार के रूप में भरोसा नहीं किया जा सकता लेकिन अगर हम किसी ट्रांसपोर्ट पायलट के बारे में बात कर रहे हैं तो शायद उसके पास कोई और ज्यादा उपयोगी योग्यता हो सकती है."

Wikileaks Internet Enthüllungsplattform
तस्वीर: picture-alliance/dpa

इंदिरा गांधी की मौत के बाद राजीव गांधी राजनीति में उतरे और भारत के प्रधानमंत्री बने. इसी दौरान उन पर स्वीडेन की तोप बनाने वाली कंपनी बोफोर्स के साथ घोटाले का आरोप लगा. इस मामले में गांधी परिवार के नजदीकी को कथित रूप से बिचौलिए के रूप में एक बड़ी रकम सौदा कराने के लिए दी गई. साब स्कैंडिया आखिरकार अपने जहाज भारत को बेचने में नाकाम रहा. ब्रिटेन में बनी जगुआर को भारतीय वायु सेना के लिए खरीदने का फैसला हुआ.

विकीलीक्स ने सोमवार को 1970 के दशक के करीब 17 लाख अमेरिकी राजनयिक और खुफिया दस्तावेज जारी किए हैं. इन्हें इस तरह से जारी किया गया है कि कोई भी जानकारी कीवर्ड डाल कर ढूंढी जा सकती है. विकीलीक्स को शुरू करने वाले जूलियन असांज ने फिलहाल लंदन में इक्वाडोर के दूतावास में शरण ले रखी है और वहां रहकर भी उन्होंने इन दस्तावेजों को रिलीज करने में बड़ी भूमिका निभाई है. उनके साथ स्थानीय प्रेस एसोसिएशन ने भी काम किया है. इन दस्तावेजों के जरिए यह बताने की कोशिश की गई है कि दुनिया भर के मामलों में अमेरिका का दखल कितना ज्यादा है.

Julien Assange Videokonferenz Video Ecuador UN Generalversammlung New York USA
तस्वीर: dapd

जूलियन असांज को अमेरिकी हितों के खिलाफ काम करने का खामियाजा भी भुगतना पड़ा है. उनके खिलाफ कई जगहों पर मुकदमे चल रहे हैं. इस बीच विकीलीक्स ने शनिवार को ऑस्ट्रेलिया के चुनावों में कम से कम तीन राज्यों में अपने उम्मीदवार खड़े करने की योजना बनाई है. विकीलीक्स ने कहा है कि अगर असांज चुनाव जीत जाते हैं और उन्हें संसद की सीट पर बैठने नहीं दिया जाता है तो दुनिया में बड़ी "शर्मिंदगी" होगी. ऑस्ट्रेलिया में जन्मे असांज ने पिछले साल ही एलान किया था कि वह सीनेट के चुनाव में खड़े होंगे और इक्वाडोर के दूतावास में छिपे रह कर भी वह अपनी इस योजना को आगे बढ़ा रहे हैं. असांज के वकील ग्रेग बार्न्स को उनका नया प्रचार निदेशक नियुक्त किया गया है. उन्होंने बताया कि विकीलीक्स पार्टी ने 14 सितंबर को ऑस्ट्रेलिया के तीन राज्यों में होने वाले चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहचान कर ली है.

एनआर/एमजे (एएफपी)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी