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"रोहिंग्या मुसलमानों को वापस ले म्यांमार"

२३ अक्टूबर २०१७

बांग्लादेश के दौरे पर गयीं भारत की विदेश मंत्री ने कहा है कि म्यांमार को रोहिंग्या मुसलमानों को वापस लेना चाहिए ताकि एशिया में एक दशक से चले आ रहे सबसे बड़े शरणार्थी संकट को दूर किया जा सके. 

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Indien Sushma Swaraj in Neu-Delhi
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/K. Kishore

भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज बांग्लादेश की यात्रा पर हैं और रविवार को प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात के दौरान उन्होंने यह बात कही. बांग्लादेश ने रोहिंग्या मुसलमानों के लिए अपनी सीमाएं खोल दी हैं और अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि तटवर्ती इलाके कॉक्स बाजार में रोहिंग्या लोगों को अस्थायी शिविर लगाने दें. इस साल 25 अगस्त के बाद से करीब 6 लाख से ज्यादा रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार के रखाइन प्रांत से भाग कर बांग्लादेश पहुंचे हैं. समाचार एजेंसी यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश के मुताबिक सुषमा स्वराज ने कहा है, "म्यांमार अपने नागरिकों को वापस ले...यह बांग्लादेश के लिए एक बड़ा बोझ है. बांग्लादेश कब तक इसे सहन करेगा? इस संकट का स्थायी समाधाना होना चाहिए."

सुषमा स्वराज ने बांग्लादेश के विदेश मंत्री एएच महमूद अली से भी मुलाकात की और कहा कि भारत म्यांमार में हिंसा से चिंतित है. मानवाधिकार संगठनों ने शरणार्थियों से बात की है जिनका कहना है कि म्यांमार के सुरक्षाबल लोगों को बेतहाशा मार रहे हैं, औरतों से बलात्कार कर रहे हैं और गांवों को जला रहे हैं जिसके कारण रोहिंग्या भागने पर मजबूर हुए हैं.

सुषमा स्वराज ने यह भी कहा कि भारत ने म्यांमार में अल्पसंख्यक के रूप में रोहिंग्या मुसलमानों को मान्यता दिलाने के लिए सुझाये गये उपायों को लागू करने का समर्थन किया है. स्वराज ने कहा कि म्यांमार में रोहिंग्या लोगों को नागरिकता नहीं दी जाती और व्यवहारिक रूप में वे राज्यविहीन हैं. सुषमा स्वराज ने अपने बयान में यह भी कहा है कि संकट से जूझ रहे रखाइन प्रांत में आर्थिक गतिविधियां तेज करने से समस्या हल हो सकती है. बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने भारत से म्यांमार पर "निरतंर दबाव बनाने" की अपील की है ताकि रोहिंग्या संकट का एक शांतिपूर्ण हल निकाला जा सके.

रोहिंग्या संकट पर भारत का रुख बदलने से चीन के म्यांमार को समर्थन देने की नीति पर भी फर्क पड़ेगा. चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के एक अधिकारी ने शनिवार को कहा कि उनका देश म्यांमार को "शांति और स्थिरता बनाए रखने" में सहयोग देगा और उसके कदमों की निंदा करने वाले देशों में शामिल नहीं होगा.

चीन ने हिंसा और आतंकवादी गतिविधियों की निंदा की है और स्थिति को संभालने के लिए उठाये गये कदमों का समर्थन किया है. पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग में उप मंत्री गुओ येझोउ ने रोहिंग्या मुसलमानों के हमले के बारे में यह बात कही है.

एनआर/एके (एपी)