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अपराध

रूसी मिसाइल से हुआ एमएच 17 पर हमला

२४ मई २०१८

यूक्रेन के ऊपर उड़ान भर रही फ्लाइट एमएच17 पर रॉकेट से हमला किया गया था. 298 लोगों की मौत के चार साल बाद अंतरराष्ट्रीय जांचकर्ताओं की विस्तृत रिपोर्ट आई है.

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Niederlande Rekonstruktion MH17
तस्वीर: Reuters/M. Kooren

2014 में मलेशिया एयरलाइंस का एम्सटरडम से कुआलालंपुर जा रहा विमान यूक्रेन के ऊपर किसी मिसाइल अटैक का निशाना बन गया था. मिसाइल का हमला इतना तेज था कि विमान हवा में टुकड़े टुकड़े हो गया. विमान में सवार सभी 298 लोग मारे गए. अंतरराष्ट्रीय जांच दल ने घटना के तकरीबन चार साल बाद दावा किया है कि विमान को निशाना बनाने वाली मिसाइल रूसी सेना की थी.

Flug MH17
लाखों टुकड़े जुटाकर तैयार किया विमान का ढांचातस्वीर: picture-alliance/AP Photo/P. Dejong

जांच दल के मुताबिक, मिसाइल पश्चिमी रूस में स्थित सेना के किसी बेस कैंप से दागी गई होगी. डच नेशनल पुलिस में आपराधिक मामलों के प्रमुख विल्बर्ट पॉलिसन ने कहा, "जांच दल इस नतीजे पर निकला है कि जिस मिसाइल से विमान एमएच17 को गिराया गया था वह रूस के शहर क्रुस्क के 53वीं एंटी-मिसाइल ब्रिगेड से दागी गई होगी." उन्होंने बताया कि जांच दल ने इस मामले की गहराई से छानबीन की. साथ ही घटनास्थल पर मिले सभी सबूतों के अलावा मामले से जुड़ी तस्वीरें, वीडियो और बयानों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है.

लेकिन रूस ने ऐसे सभी आरोपों से इनकार किया है. रूस की समाचार एजेंसी इंटरफैक्स ने देश के विदेश मंत्रालय के हवाला देते हुए कहा है कि रूस का विमान गिराने के पीछे कोई हाथ नहीं था.

Karte Flug MH17
विमान की आखिरी रडार लोकेशन

यूरोपीय कमीशन के प्रवक्ता ने इस मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि जांच दल को पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय सहयोग दिया जाएगा. कमीशन की प्रवक्ता माया कोसियान्सिक ने कहा, "हम रूस से पूरे मामले में सहयोग की अपील करेंगे." इस विमान में सवार अधिकतर यात्री डच नागरिक थे.

साल 2016 में जांचकर्ताओं ने कहा था कि विमान पर "बक मिसाइल" से निशाना साधा गया था. उस वक्त कहा गया था कि "बक मिसाइल" को रॉकेट लॉन्चर सिस्टम की मदद से दागा गया. हमले के बाद मिसाइल लॉन्च करने वाले सिस्टम को वापस रूस भेज दिया गया. उस वक्त, रूस ने इन सभी आरोपों को खारिज कर दिया था. साथ ही इस घटना के लिए यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया था. नीदरलैंड्स की अध्यक्षता में गठित इस जांच दल में मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम और यूक्रेन के अधिकारी भी शामिल थे.

एए/ओएसजे (डीपीए)