रिफ्यूजियों को रेगिस्तान में छोड़ने के आरोप
१६ जुलाई २०१८नाइजर एक राहत अधिकारी के मुताबिक अल्जीरिया ने करीब 600 आप्रवासियों को सहारा के रेगिस्तान में छोड़ा. ये लोग किसी तरह जान बचाकर नाइजर पहुंचने में सफल रहे. रेगिस्तान में भटकने वाले इन अफ्रीकी आप्रवासियों के पास खाना और पानी करीब करीब ना के बराबर था.
यूएन माइग्रेशन अधिकारियों की रिपोर्ट में भी अल्जीरिया पर ऐसे ही आरोप लगाए गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक अल्जीरिया सरकार ने आप्रवासियों को सहारा रेगिस्तान में भेजना जारी रखा है. दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तान सहारा को जीवन के लिए सबसे दुश्वार जगहों में गिना जाता है. गर्मियों में वहां तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है. दूर दूर तक न तो पानी मिलता है, न ही छांव.
यूएन के अधिकारियों के मुताबिक अल्जीरिया ने अब तक 16 अफ्रीकी देशों के 13,000 से ज्यादा लोगों को रेगिस्तान में छोड़ा है. उन्हें रेगिस्तान में मरने के लिए मजबूर किया गया. इस बारे में एक के बाद एक रिपोर्टें सामने आने के बाद अल्जीरिया को यह कार्रवाई रोकनी पड़ी है.
अल्जीरिया में मानवीय सहायता कार्यक्रमों से जुड़े एक कर्मचारी के मुताबिक सरकार जेल में रिफ्यूजियों को जमा कर रही है. फिर उन्हें जत्थों में बांटकर रेगिस्तान में छोड़ा जा रहा है. कई लोगों के साथी रास्ते में ही मारे गए.
अफ्रीकी संघ ने अल्जीरिया ने तुरंत यह कार्रवाई बंद करने की मांग की है. अल्जीरिया की सरकार इन आरोपों को खारिज कर रही है. ह्यूमन राइट्स वॉच और समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्टों के बाद अल्जीरिया ने स्थानीय पत्रकारों को रिफ्यूजी कैंपों में जाने की अनुमति दी. लेकिन पत्रकारों को सिर्फ एक सीमा तक ही जाने दिया गया. उन्हें बर्खास्त किए गए रिफ्यूजियों के कैंपों तक नहीं जाने दिया गया.
(यातना, बलात्कार, भुखमरी, यूरोप पहुंचने का सपना देखने वाले अफ्रीकी लोग, लीबिया में ऐसी बर्बरता का सामना करते हैं. उन्हें ऐसा लगता है जैसे वे नर्क में आ गए हों.)
ओएसजे/एनआर (एपी, एएफपी)