राफायल सौदे की धीमी चाल
२६ जुलाई २०१३इस बातचीत के दौरान पाकिस्तान और अफगानिस्तान की स्थिति पर भी चर्चा हुई. खासकर 2014 में अमेरिकी सैनिकों के वहां से जाने के बाद के हालात के बारे में दोनों मंत्रियों ने बात की. माना जा रहा है कि भारत के रक्षा मंत्री एके एंटनी और फ्रांस के रक्षा मंत्री जां यीव्स ले द्रियान के बीच 90 मिनट की बातचीत के दौरान राफायल के सौदे पर भी बात हुई.
दोनों मंत्रियों की इस बैठक में ले द्रियान ने भारत को अप्रैल में रिलीज किए गए रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े श्वेत पत्र के बारे में जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया इस तरह की जानकारी पहले फ्रांस सिर्फ ब्रिटेन और अमेरिका को ही देता रहा है. फ्रांसीसी रक्षा मंत्री के दौरे में किसी भी समझौते पर दस्तखत नहीं हुए.
30 हजार करोड़ के मैत्री मिसाइल डिफेंस सिस्टम पर भी इस बैठक के दौरान चर्चा होने की बात कही जा रही है. दोनों देशों के बीच 126 मल्टीरोल कॉम्बेट एयरक्राफ्ट सौदा अभी तक का सबसे बड़ा सौदा है. भारत राफायल विमानों के सौदे पर फूंक फूंक कर कदम रख रहा है. हस्ताक्षर होने पर यह देश का सबसे बड़ा रक्षा सौदा होगा. दोनों पक्ष इस सौदे पर बातचीत जल्दी खत्म करना चाहते हैं. हालांकि इस साल के आखिर से पहले इसके पूरा होने की संभावना कम है क्योंकि रुपया कमजोर है और सौदा जटिल.
राफायल विमानों को बनाने वाली कंपनी डेसॉ ने भी जोर दिया कि दोनों देशों के बीच 126 राफायल युद्धक विमानों का सौदा जल्दी होना चाहिए.
भारत ने जनवरी 2012 में राफायल विमानों को खरीदने के लिए बातचीत शुरू की थी. प्रतिद्वंद्वी सप्लायर कंपनियों के बीच टक्कर भी कड़ी थी. अब सितंबर से पहले तो यह सौदा होता दिखाई नहीं दे रहा. मामले से जुड़े लोगों की शिकायत है कि पूरे सौदे में हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स की औद्योगिक भूमिका पर विवाद के कारण सौदे में देर हो रही है. वैसे भारत सरकार का कहना है कि मतभेद खत्म हो गए हैं और सौदे पर जल्दी ही फैसला हो सकता है.
एएम/एनआर (पीटीआई, रॉयटर्स)