यूरोपीय संघ मानव तस्करी पर लगाम कसेगा
२२ मार्च २०११ब्रसेल्स में विदेश मंत्रियों की बैठक में फैसला लिया गया कि यूरोपीय संघ के सदस्य देश मानव तस्करी के मामले में तेजी से काम करेंगे, इस आरोप में पकड़े जाने पर सजा ज्यादा दी जाएगी और पीड़ितों की सुरक्षा का ज्यादा ध्यान रखा जाएगा.
सोमवार को ब्रसेल्स में हुई बैठक में मानव तस्करी की परिभाषा को विस्तृत किया गया है. जो मानव तस्करी को उकसाएगा उसके लिए भी अब कड़ी सजा का प्रावधान है. यूरोपीय आयोग के मुताबिक हर साल कई हजार लोगों को यूरोपीय देशों में अवैध तरीके से लाया जाता है. इनमें से 40 फीसदी देह व्यापार में ढकेल दिए जाते हैं जबकि 30 फीसदी लोगों से कड़े शारीरिक श्रम करवाए जाते हैं.
मानव तस्करी के दोषी पाए गए लोगों को अब 5 से 10 साल कैद की सजा हो सकती है. और कड़ी सजा का प्रावधान उन लोगों के लिए है जो बच्चों की तस्करी में लिप्त हैं या जो पीड़ितों को जान से मारने की धमकी देते हैं.
नए नियमों के कारण यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के अधिकार बढ़ जाएंगे. इस वजह से वह अपराधियों को उनके देश के बाहर किए अपराधों की भी सजा दे सकेंगे. इलके अलावा लोगों को अवैध तरीके से यूरोपीय संघ में लाने वाले विदेशी मानव तस्करों पर वे मुकदमा चला सकेंगे.
ब्रिटेन और डेनमार्क ने अपने नियमों में कोई बदलाव नहीं किया है. इन दोनों देशों ने अपने नियमों को काफी बताया है.
नवंबर में यूरोपीय संघ ने एक वेबसाइट शुरू की जिससे मानव तस्करी में फंसे पीड़ितों को मदद की जा सके और इस क्रूर व्यापार को रोका जा सके. यूरोपीय संघ की गृह मामलों की आयुक्त सिसिलिया माल्मस्ट्रोएम ने कहा, यूरोपीय संघ में आधुनिक दास प्रथा अब भी जारी है.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः महेश झा