भ्रष्टाचार के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग
३१ जनवरी २०११मुंबई, नई दिल्ली और पुणे में प्रदर्शनकारी 'भारत भ्रष्टाचार के खिलाफ है' और 'इनफ इज इनफ' के नारों वाले बैनर ले जाते हुए दिखाई दिए. रैली का आयोजन महात्मा गांधी की पुण्य तिथि पर किया गया था. देश भर के शहरों में कई युवाओं ने रैलियों में हिस्सा लिया. दिल्ली में ही प्रदर्शनकारियों की संख्या 5,000 के करीब आंकी गई.
विरोध प्रदर्शनों के आयोजकों ने सरकार से मांग की है कि वे सारे घोटालों की जांच एक निष्पक्ष और स्वतंत्र एजेंसी से करवाएं और मामलों में फंसे राजनीतिज्ञों और ताकतवर अधिकारियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाए.
वकीलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और धार्मिक नेताओं के संगठन इंडिया अगेंस्ट करप्शन ने एक बयान में कहा, "हर राजनीतिक पार्टी ने हर बार, जब वह सरकार में आई है, अपने पद का दुरुपयोग किया है...ऐसा बहुत जरूरी है कि इस देश के नागरिक एक होकर व्यवस्थागत बदलावों के लिए एक हों. यह आंदोलन किसी भी पार्टी से न तो मिला हुआ है और न ही यह किसी पार्टी के खिलाफ है."
यूपीए की प्रमुख सोनिया गांधी ने हाल ही में कहा था कि भ्रष्टाचार एक बीमारी है जो भारत के समाज में फैल रही है. वॉशिंगटन स्थित संगठन फाइनैंशियल इंटेग्रिटी के मुताबिक 1947 से लेकर अब तक भारत ने 400 अरब से ज्यादा रुपए भ्रष्टाचार, यानी घूस और कर चोरी की वजह से खो दिए हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी
संपादनः एस गौड़