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भांग को वैध करने से फायदा या नुकसान

२९ जनवरी २०२२

बेहतर सेक्स और कोविड-19 से बचाव बनाम संज्ञानात्मक क्षमता में कमी और दीर्घकालिक नुकसान, विज्ञान उस समय बंटा नजर आता है जब भांग के पौधे के फायदे और नुकसान की चर्चा होती है, खासकर युवाओं में.

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तस्वीर: Bildagentur-online/Hermes Images/picture alliance

भांग के डोप, वीड, गांजा, मारिजुआना, कैनेबिस आदि कई नाम हैं. इस मध्य एशियाई पौधे और इसके लाभों के बारे में लोग हजारों वर्षों से परिचित हैं. यूं तो इसका उपयोग रस्सी और वस्त्रों के उत्पादन के लिए भी किया जाता है, लेकिन भांग की प्रसिद्धि इसके मादक और औषधीय गुणों के लिए है.

स्वतंत्र रूप से की गई ग्लोबल ड्रग सर्वे 2021 के मुताबिक, विश्व स्तर पर कैनेबिस अल्कोहल के बाद और निकोटीन से पहले दूसरा सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला साइकोएक्टिव पदार्थ है. किशोर और युवा वयस्क सबसे अधिक भांग का सेवन करते हैं.

कभी नशीली दवाओं का खतरनाक दरवाजा कहे जाने वाल भांग को हाल के वर्षों में काफी हद तक सार्वजनिक स्वीकृति मिली है. बहुत से देशों में मनोरंजन के लिए की जाने वाली इसकी खपत अब कानूनी बना दी गई है.

बेहतर सेक्स और कोविड से सुरक्षा?

तो क्या भांग एक खतरनाक नशीली दवाओं का दरवाजा है या फिर रामबाण? पिछले कुछ महीनों में इस बारे में अनगिनत अध्ययन प्रकाशित हुए हैं, जिनमें से कुछ भयानक जोखिमों पर प्रकाश डालते हैं जबकि दूसरे भांग के पौधे और इसके अलग अलग पदार्थों के  लाभों पर प्रकाश डालते हैं.

अल्मेरिया विश्वविद्यालय के रिसर्चरों की हाल ही में प्रकाशित एक स्पेनिश अध्ययन में पाया गया कि भांग के उपभोक्ताओं में यौन क्रिया में सुधार होता है और वे बेहतर संभोग का अनुभव करते हैं.

शोधर्ताओं के मुताबिक, "यह सुधार आमतौर पर चिंता और शर्म में कमी के साथ जुड़ा हुआ है जो यौन संबंधों को सुविधाजनक बनाता है.” दूसरे शब्दों में: जो लोग शराब पीने या धूम्रपान करने से अपना संकोच खो देते हैं वे बेहतर सेक्स कर सकते हैं.

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भांग के कई इस्तेमाल हैं.तस्वीर: Fabian Sommer/dpa/picture alliance

ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी के अमेरिकी रिसर्चरों ने हाल ही में कैनबिनोइड्स को COVID-19 को रोकने और इलाज करने के तरीके के रूप में प्रस्तावित किया क्योंकि वे वायरस को कोशिकाओं में प्रवेश करने से रोकते हैं और संभावित रूप से कोरोनावायरस संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करते हैं.

रिसर्चरों की रिपोर्ट जर्नल ऑफ नेचुरल प्रोडक्ट्स में छपी है. रिसर्चरों को अध्ययन से पता चला है कि एसिड सीबीजीए (कैनबिगेरोलिक एसिड) और सीबीडीए (कैनाबीडियोलिक एसिड) स्पाइक प्रोटीन को बांधते हैं और सार्स सीओवी -2 को कोशिकाओं में प्रवेश करने से रोकते हैं. भांग में आमतौर पर पाए जाने वाले टेट्राहाइड्रोकैनाबिनोल (THC) के विपरीत, CBGA और CBDA साइकोएक्टिव नहीं हैं.

इस चमत्कारी पौधे के पक्ष में ठोस तर्क की बात करें तो साइकोएक्टिव THC बेहतर सेक्स को प्रेरित करता है और कैनेबिस एसिड COVID-19 से बचाता है.

गांजा पीने से दीर्घकालिक एकाग्रता की समस्या होती है

हालांकि यह इतना आसान नहीं है क्योंकि भांग के उपयोग से लंबे समय में संज्ञानात्मक हानि भी हो सकती है, खासकर उन युवाओं में जिनका दिमाग अभी भी विकसित हो रहा है.

यह निष्कर्ष हाल ही में जर्नल एडिक्शन  में प्रकाशित दस बड़े अध्ययनों के एक नए विश्लेषण में फिर से दिखाया गया है. करीब 43 हजार लोगों पर किए गए परीक्षणों के आधार पर मिले शोध निष्कर्षों के मुताबिक, भांग के नशे से हल्के स्तर की संज्ञानात्मक हानि यानी मदहोशी आ सकती है. यह तब होता है जब टीएचसी का सेवन काफी ज्यादा मात्रा में किया जाता है. यह निर्णय लेने के कौशल, अनुचित प्रतिक्रियाओं को दबाने की क्षमता या पढ़कर और सुनकर कुछ सीखने की क्षमता, साथ ही साथ एक मानसिक कार्य को पूरा करने के लिए आवश्यक समय को प्रभावित करता है. ये दिक्कतें नशे की अवधि के बाद भी बनी रह सकती हैं.

मॉन्ट्रियल विश्वविद्यालय में मानसिक रोग विभाग में एसोसिएट क्लिनिकल प्रोफेसर अलेक्जेंडर ड्युमेस इस रिसर्च के सह-लेखकों में से हैं. वो कहते हैं, "युवावस्था में भांग के उपयोग से शैक्षिक योग्यता कम हो सकती है और वयस्कों में उनकी कार्यशीलता प्रभावित हो सकती है. नियमित और ज्यादा मात्रा में इसका उपयोग करने वालों में ये परिणाम और बदतर हो सकते हैं.”

औसतन, जो वयस्क किशोरावस्था में बहुत अधिक भांग का सेवन करते हैं, वे बुद्धि परीक्षणों में खराब प्रदर्शन करते हैं और स्कूल या विश्वविद्यालय में कम सफल होते हैं. लेकिन इन दोनों के बीच में कोई एक सीधा संबंध अभी तक सिद्ध नहीं हुआ है. यह अभी भी विवादास्पद है कि क्या वयस्कों में भांग के उपयोग के दीर्घकालिक परिणाम हो सकते हैं?

युवा मस्तिष्क के लिए खासतौर पर जोखिम है

हालांकि इस बारे में कोई भी दुविधा नहीं है कि भांग सेवन से युवा मस्तिष्क पर दुष्प्रभाव पड़ता है क्योंकि 20-25 साल की उम्र तक के युवाओं का मस्तिष्क पूरी तरह से परिपक्व नहीं हुआ रहता.

किशोर उम्र के भांग सेवन करने वालों का सेरेब्रल कॉर्टेक्स तुलनात्मक रूप से कुछ क्षेत्रों में काफी पतला रहता है. यह निष्कर्ष 800 किशोर युवकों के मस्तिष्क स्कैन के आधार पर निकाला गया है जो पिछले साल जून में JAMA Psychiatry पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन का हिस्सा थे.

मनोविकृति का खतरा बढ़ जाता है

भांग का अत्यधिक सेवन मानसिक विकृति को बढ़ा देता है, खासकर युवाओं में.

जो लोग रोजाना धूम्रपान के जरिए गांजे का सेवन करते हैं, उनमें उन लोगों की तुलना में मानसिक विकार होने की संभावना तीन गुना अधिक होती है, जिनका भांग से कोई संपर्क नहीं होता है. साल 2019 में पूरे यूरोप में एक अध्ययन के आधार पर यह पता चलता है.

उल्म विश्वविद्यालय के मनोरोग अस्पताल के शोधकर्ताओं ने भी साल 2011 से 2019 की समयावधि में ऐसे मामलों में मनोविकृति में आठ गुना वृद्धि देखी जिसके लिए उन्होंने अन्य बातों के अलावा कई जोड़ों में THC सामग्री में उल्लेखनीय वृद्धि को जिम्मेदार ठहराया.

एक ब्रिटिश अध्ययन से पता चला कि यूरोप में, भांग में साइकोएक्टिव THC की मात्रा साल 2006 और 2016 के बीच 8 फीसदी से दोगुनी होकर 17 फीसदी हो गई.

THC का नशीला प्रभाव कैनबिडिओल (CBD) से कम किया जाता है. सीबीडी का उपयोग कैंसर, मल्टीपल सेलेरोसिस और गठिया जैसे सूजन, दर्द सिंड्रोम के रोगियों में दर्द को कम करने में भी किया जाता है. हालांकि ब्रिटिश अध्ययन के मुताबिक, सड़क पर बिकने वाली भांग में सीबीडी की मात्रा काफी कम है.

विशेषज्ञों का कहना है कि किशोरावस्था में नियमित और उच्च टीएचसी का उपयोग ना केवल मनोविकृति को अचानक बढ़ा सकता है बल्कि चिंता, विकार, भ्रम या अवसाद भी पैदा कर सकता है. हालांकि, यह विवादास्पद बना हुआ है कि क्या इन विकारों को ट्रिगर करने के लिए भांग का उपयोग जिम्मेदार है या फिर ऐसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं वाले युवा भांग के भारी सेवन के प्रति अधिक संवेदनशील हैं.

बढ़ती सार्वजनिक स्वीकृति

जोखिमों और दुष्प्रभावों के साथ-साथ कानूनी प्रतिबंधों के बावजूद, भांग यूरोप में युवाओं के बीच सबसे लोकप्रिय अवैध दवा है. शराब और तंबाकू जैसी अन्य लोकप्रिय दवाएं जर्मनी और कई अन्य देशों में कानूनी रूप से खरीदी और उपभोग की जा सकती हैं. हालांकि वे भी किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य और संबंधों के साथ-साथ पूरे समाज को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं.

भांग को वैध बनाने के बारे में दुनिया के कई हिस्सों में चल रही बहस से पता चलता है कि लोगों की नजर में दवा के तौर पर इसकी स्वीकृति बढ़ रही है.

जर्मनी की नई सरकार भी भांग को वैध बनाना चाहती है. सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (एसपीडी), ग्रीन्स और नवउदारवादी फ्री डेमोक्रेटिक पार्टी (एफडीपी) के बीच हुए साझा समझौते के मुताबिक, "हम लाइसेंस प्राप्त दुकानों में मनोरंजक उद्देश्यों के लिए वयस्कों को भांग के नियंत्रित वितरण की शुरुआत करेंगे. यह गुणवत्ता नियंत्रण को सक्षम करेगा, दूषित पदार्थों के वितरण को रोकेगा और नाबालिगों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा. चार वर्षों में, हम कानून और इसके सामाजिक प्रभाव का मूल्यांकन करेंगे.”

वैध बनाने से बेहतर गुणवत्ता?

जर्मन राजनेताओं का कहना है कि वैध बनाने से इस पदार्थ की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है. हाल के वर्षों में, दूषित भांग का सेवन काफी आम हो गया है. जर्मन गांजा एसोसिएशन के अनुसार, इसमें अक्सर रेत, चीनी, कांच या मसालों की मिलावट की जाती है.

इसके अलावा, गली में बिकने वाली ज्यादातर भांग में सक्रिय सिंथेटिक तत्व होते हैं. ये तथाकथित सिंथेटिक कैनबिनोइड्स टीएचसी की तुलना में काफी अधिक खतरनाक हैं क्योंकि वे दवा के प्रभाव को तेज करते हैं. इनके सेवन से उपभोक्ता भ्रम और मदहोशी के शिकार हो सकते हैं.

भांग को अक्सर समाज और राजनीति एक खतरनाक दवा के प्रवेशद्वार के रूप में दिखाया किया जाता है. हालांकि यह साबित करना मुश्किल है कि भांग का उपयोग करने वाले अनिवार्य रूप से नशीली दवाओं की ओर प्रेरित होते हैं. ये बात और है कि भांग का उपयोग करने वाले अधिकांश लोगों ने पहले शराब और तंबाकू का सेवन किया है. इसलिए इन दो कानूनी दवाओं को गेटवे ड्रग्स होने की अधिक संभावना माना जा सकता है.

भांग को वैध बनाने की मांग का समर्थन करने वालों का कहना है कि टीएचसी सामग्री पर कानूनी सीमा और नशीली दवाओं के अनिवार्य लेबलिंग के साथ-साथ डिक्रिमिनलाइजेशन के साथ इसे वैध बना कर कानूनी, राज्य-नियंत्रित औषधालयों के माध्यम से दवा वितरित किए जाने पर स्वास्थ्य जोखिम को काफी कम कर सकता है.

भांग को वैध बनाने की वकालत करने वालों का कहना है कि अगर इसका उपयोग करने वाले युवा छिपकर नहीं रहना चाहते हैं, तो इसका मतलब यह भी होगा कि चिकित्सा और रोकथाम सेवाएं अधिक खुले तौर पर प्रदान की जा सकती हैं. युवा लोग भांग के सेवन के जोखिमों के बारे में जान सकते हैं और कानूनी प्रतिशोध के डर के बिना घर और स्कूल में अपने मुद्दों पर बात कर सकते हैं.

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