बोल्ट एंड कंपनी ने रिकॉर्ड रचा
४ सितम्बर २०११जमैका की शुरुआत खराब रही लेकिन आखिरी 100 मीटर की दौड़ में उसैन बोल्ट ने ऐसा प्रदर्शन किया कि बस सब दंग रह गए. बोल्ट ने रेस बिजली की गति से खत्म से की. उनकी असीम रफ्तार की वजह से जमैका ने पहली बार 4x100 मीटर रेस में विश्व कीर्तिमान बनाया. जमैका के एथलीटों ने 37.04 सेंकेंड में दौड़ खत्म कर दी. इससे पहले 37.10 सेकेंड का रिकॉर्ड था, जो 33 साल पहले रचा गया था.
तीसरे सेट तक अमेरिकी खिलाड़ी टक्कर देते दिखाई पड़े. लेकिन आखिरी सेट में जैसे ही बोल्ट आए, स्टेडियम का शोर नई ऊंचाई पर पहुंच गया, कैमरे के फ्लैश चमचमाने लगे. अमेरिकी धावक ने तिरछी नजर से बोल्ट को आगे निकलते देखा और मुंह भींचकर जोर लगाने की कोशिश भी की लेकिन तूफान भला कहां रुकता. बोल्ट आसानी से आगे निकले और काफी अंतर छोड़ते हुए रेस खत्म कर गए.
बोल्ट को तीनों साथियों का भी अच्छा सहयोग मिला. नेस्ता कार्टर खराब शुरुआत के बावजूद उबरे. माइकल फ्राटर ने 100 मीटर के चैंपियन योहान ब्लैक को बढ़िया हैंडओवर दिया. ब्लैक ने भी तेजी से दौड़ लगाई, बाकी काम चौथे सेट में 25 साल के उसैन बोल्ट ने कर दिया. यह पहला मौका रहा जब देगू में कोई विश्व कीर्तिमान बना है.
मायूसी से जीतते बोल्ट
छह फीट पांच इंच लंबे बोल्ट के लिए चैंपियनशिप की शुरुआत खराब रही. बीते रविवार को बोल्ट ने 100 मीटर की फर्राटा रेस जीती लेकिन बाद में पता चला कि उन्होंने गलत स्टार्ट लिया, जिसकी वजह से उनका नामांकन रद्द कर दिया गया. बोल्ट की जगह जमैका के योहान ब्लैक को स्वर्ण पदक मिला. बोल्ट के लिए ज्यादा दुखद बात यह रही कि आलोचक उनके रेसिंग करियर के खत्म होने की बात छेड़ने लगे. उनके खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणियां की जाने लगी.
बयानों के बजाए प्रदर्शन से जवाब देने वाले बोल्ट ने एक बार विरोधियों का मुंह बंद किया. शनिवार को उन्होंने जबरदस्त समय निकालते हुए 200 मीटर की रेस जीती और अगले ही दिन रिले रेस का रिकॉर्ड बना डाला.
बोल्ट का स्वर्णिम सफर
उसैन बोल्ट परिचय के मोहताज नहीं है. बड़े अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में अब तक वह 11 स्वर्ण पदक जीत चुके हैं. वर्ल्ड यूथ चैंपियशिप में नजर में आए बोल्ट बीजिंग ओलंपिक के दौरान अंतराष्ट्रीय स्तर पर चमके. 2008 में बीजिंग में उन्होंने अकेले तीन स्वर्ण पदक जीते. अगले ही साल बर्लिन में वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी रिकॉर्ड बनाते हुए सोने के तीन तमगे हासिल किए. बर्लिन में लोग बोल्ट के प्रदर्शन के ऐसे दीवाने हुए कि उन्हें जर्मनी की ऐतिहासिक दीवार का एक टुकड़ा दिया गया.
बर्लिन के बाद काफी समय तक बोल्ट किसी अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में हिस्सा नहीं ले सके. चोट के चलते वह करीब एक साल तक मैदान से दूर रहे. इस दौरान ताल ठोकते हुए कई नए धावक आए लेकिन बोल्ट ने फिर साबित कर दिया कि उन्हें जमैका का जादूगर क्यों कहा जाता है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: एन रंजन