बाढ़ की चपेट में महाराष्ट्र और केरल
९ अगस्त २०१९दक्षिण भारत के केरल में बारिश के कारण भारी भूस्खलन और बाढ़ आई है और कई इलाकों का संपर्क राज्य के बाकी हिस्सों का संपर्क कट गया है. अधिकारियों के मुताबिक बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर ले जाया गया है.
बाढ़ के कारण कोच्चि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विमानों की आवाजही बंद हो गई है. इसे रविवार तक के लिए बंद कर दिया गया है. केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने कहा है कि पहाड़ी इलाके मुन्नार में भूस्खलन की स्थिति गंभीर है. अधिकारी लोगों तक राहत पहुंचाने के सभी उपायों पर विचार कर रहे हैं. विजयन ने कहा है, "इस आपदा से निपटने के लिए सभी इंतजाम किए जा रहे हैं."
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक कम से कम दो लोगों की भूस्खलन में मौत हुई है और 70 से ज्यादा घर पूरी तरह गिर गए हैं. इस आपदा में दर्जनों लोगों के घरों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है. केरल में पिछले दो दिनों से हो रही लगातार बारिश में 20 लोगों के मरने की खबरें आई हैं.
महाराष्ट्र में पिछले एक सप्ताह से बारिश का कहर जारी है. लगातार हो रही बारिश से जहां कोल्हापुर में 14 लोगों की मौत हो गई. वहीं सांगली में बचाव दल की एक नाव डूबने से 12 लोगों की मौत हो गई है. यह जानकारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने गुरुवार को दी. फड़णवीस ने सतारा और पुणे सहित बाढ़ से प्रभावित इलाकों के हवाई सर्वेक्षण के बाद पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान उनके साथ कैबिनेट मंत्री चंद्रकांत पाटिल, गिरीश महाजन और एकनाथ शिंदे भी मौजूद थे.
उन्होंने कहा, "स्थिति बहुत विकट है, और उचित समय पर इस क्षेत्र में राष्ट्रीय आपदा घोषित की जाएगी." कोल्हापुर में जहां पिछले कुछ दिनों में बारिश के कारण 14 मौतें दर्ज की जा चुकी हैं, वहीं गुरुवार की सुबह सांगली के ब्रह्मनाल गांव में बाढ़ पीड़ितों के बचाव में जुटी नाव के डूबने से कम से कम 12 लोग डूब गए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीआरएफ की 13 टीमों के साथ ही राज्य आपदा निवारण टीम, भारतीय सेना, 14 नौसेना दल, एक तटरक्षक दल, वायु सेना और स्थानीय एजेंसी के 10 हजार से अधिक कर्मचारी दो जिले में युद्ध स्तर पर लोगों को बचाने में जुटे हुए हैं. उन्होंने कहा कि बचाव कार्य में बाधा आ रही है, क्योंकि अधिकांश क्षेत्रों में अभी भी जल स्तर कम नहीं हो रहा है.
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र पर अब तक 1.35 लाख से अधिक लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से बचाकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है. वहीं हजारों लोग अभी भी भोजन, पेयजल, दवाई, बिजली और अन्य आवश्यक चीजें न मिलने पर जूझ रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुणे-बेंगलुरु हाईवे को साफ करने के प्रयास जारी हैं, ताकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जल्द राहत सामग्री भेजने के अलावा लोगों की आवाजाही आसान हो सके.
महाराष्ट्र के कई इलाकों में ईंधन की भी कमी हो रही है क्योंकि कई जिलों का संपर्क राज्य के बाकी हिस्से से कट गया है. भारत के पश्चिमी और दक्षिणी राज्यों के कई जिलों में स्कूल कॉलेज सोमवार से ही बंद हैं. मुंबई में दूध और सब्जी की आपूर्ति पर भी बाढ़ का असर हुआ है क्योंकि बाढ़ से प्रभावित कई जिलों से इसकी आपूर्ति होती है.
एनआर/ओएसजे (आईएनएस, रॉयटर्स)