बांग्लादेश से अवैध आप्रवास को लेकर भारत चिंतित
१३ जनवरी २००९बांग्लादेश में अवामी लीग के सत्ता में आने के बाद अब भारत ने फिर बंगलादेशी घुसपैठ का मुद्दा उठाना शुरू कर दिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की कमान संभालने के बाद पी चिदंबरम इस विषय को काफ़ी गंभीरता से ले रहे हैं. रविवार को उन्होंने नई दिल्ली में कहा कि बांग्लादेशियों के अवैध रूप से भारत में आने के कारण असम और पश्चिम बंगाल में आबादी का स्वरूप बदल रहा है. उन्होंने कहा कि हर माह काफ़ी बड़ी संख्या में बांग्लादेशियों को वीसा जारी किया जाता है लेकिन इस बात पर निगरानी रखने की कोई व्यवस्था नहीं है कि ये बांग्लादेशी भारत में आने के बाद वापस जाते हैं या नहीं.
चिदंबरम ने स्पष्ट किया कि उनकी निगाह में इस बात का कोई महत्व नहीं है कि भारत में गैर-कानूनी तरीके से आने वालों का धर्मं क्या है. बिना वैध वीसा के भारत में आने वाला हिंदू है या मुसलमान, इसका कोई महत्व नहीं है. वह बांग्लादेशी है और वैध वीसा के बगैर उसे भारत नहीं आना चाहिए. उन्होंने इस प्रकार की अवैध घुसपैठ रोकने की ज़रूरत को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि सीमा पर इस विषय में क्या व्यवस्था है, वह इस बारे में जांच-पड़ताल कर रहे हैं.
माना जाता है कि राजधानी दिल्ली में कम से कम साढ़े तीन लाख बांग्लादेशी अवैध रूप से रह रहे हैं. उन्हें भ्रष्ट पुलिसकर्मियों और राजनीतिक तत्वों की ओर से भी संरक्षण मिलता है. हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने भी इस विषय में अपनी चिंता प्रकट की थी.
केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम के बांग्लादेशी घुसपैठ पर दिए गए बयान से स्वाभाविक रूप से अवैध रूप से भारत में रह रहे बांग्लादेशियों को निकालने का अभियान तेज़ होगा. अभी यह भी स्पष्ट नहीं कि बांग्लादेश की नयी सरकार की इस बयान पर किस प्रकार की प्रतिक्रिया आएगी. कुछ समय पहले चिदंबरम बांग्लादेश में सक्रिय भारत-विरोधी उग्रवादी संगठनों के बारे में भी बयान दे चुके हैं.