बंगाल में जहरीली शराब पीकर 126 मरे
१५ दिसम्बर २०११जिलाधिकारी नारायण स्वरूप निगम के अनुसार मंगलवार को साउथ 24 परगना जिले के मोगराहाट में जहरीली शराब पीने के बाद मजदूर बीमार होने लगे. निगम ने कहा है कि गुरुवार सुबह तक मरने वालों की संख्या 126 हो गई है और दर्जनों लोग अभी भी अस्पताल में हैं. अपने गांव से छह लोगों को अस्पताल पहुंचाने वाले अनवर हसन मुल्ल ने भारतीय मीडिया से कहा, यह बहुत अफसोसजनक घटना है, पुलिस इसे रोकती क्यों नहीं?
पुलिस अधिकारी सुरजीत पुरकायस्थ ने कहा है कि पुलिस ने मेथेनॉल मिली शराब बनाने और बेचने के सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है. घटना से गुस्साए स्थानीय लोगों ने इलाके की शराब की दुकानों में तोड़फोड़ की. जहरीले मेथेनॉल का इस्तेमाल ईंधन और गर्माहट पैदा करने वाले द्रव के रूप में भी किया जा जाता है.
प्रांत की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार उन्होंने कहा, "मैं अवैध शराब बनाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना चाहती हूं." लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि यह एक सामाजिक समस्या है और इसका मुकाबला अन्य कदमों के अलावा सामाजिक रूप से करना होगा.
शराब की लत
मंगलवार देर शाम मगराहाट स्टेशन के पास स्थित देशी शराब के अवैध ठेके पर संग्रामपुर, मगराहाट और निसापुर क्षेत्र के मजदूरों ने काम खत्म करने के बाद दस रुपए का अद्धा खरीदा था और शराब पी थी. इस अवैध शराब की कीमत वैध शराब की एक तिहाई है. देर रात अचानक उन लोगों की तबियत बिगड़ने लगी और उल्टी, पेट में दर्द व दस्त शुरू हो गयी.
यह घटना एक अन्य घटना के सिर्फ एक दिन बाद हुई है जिसमें पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक अस्पताल में आग लगने से 90 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. अवैध शराब पीने से भारत में हर साल दर्जनों लोगों की मौत होती है. 2009 में पश्चिमी भारत में जहरीली शराब पीने के कारण कम से कम 112 लोगों की मौत हो गई थी. एक आंकड़े के अनुसार धार्मिक और सांस्कृतिक वर्जनाओं के बावजूद भारत में लगभग 6 करोड़ लोगों को शराब की लत है. यह संख्या फ्रांस की आबादी के बराबर है. साइंस पत्रिका लांसेट के अनुसार भारत में पी जाने वाली दो तिहाई शराब अवैध रूप से बनाई जाती है.
रिपोर्ट: एपी, पीटीआई/महेश झा
संपादन: ईशा भाटिया