फेसबुक ने बदला खुद को
२४ मई २०१६मई की शुरूआत में ही फेसबुक के साथ काम कर चुके एक पूर्व कांट्रेक्टर ने कंपनी पर आरोप लगाया था कि उसके संपादक जान बूझकर रूढ़िवादी विचारों को दबा रहे हैं. इन आरोपों को तकनीकी समाचारों की न्यूज वेबसाइट गिजीमोडो ने छापा था. हालांकि इस पत्रिका ने इस पूर्व कांट्रेक्टर की पहचान नहीं बताई थी.
इस रिपोर्ट पर रिपब्लिकन सांसद जॉन थून ने फेसबुक को एक पत्र लिखकर खबरों के चुनाव की प्रक्रिया का खुलासा करने की मांग की थी. साउथ डकोटा से सीनेटर थून ने राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया के दौरान पक्षपातपूर्ण खबरों के प्रसार के आरोप लगाए और फेसबुक से उनका जवाब देने की अपील की. अमेरीकी सांसद थून ने दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग साइट से पारदर्शिता बरतने की मांग भी की थी.
यह आरोप फेसबुक के एक फीचर 'ट्रेंडिंग टॉपिक्स' के बारे में था. 'न्यूज फीड' से इतर यह फेसबुक का एक ऐसा फीचर है जिसमें अधिकतर फेसबुक यूजर ताजा खबरों पर नजर रखते हैं.
सांसद के पत्र के दो दिन बाद फेसबुक के जनरल कांउसेल कॉलिन स्ट्रेच ने कंपनी की ओर से एक लंबे ब्लॉग पोस्ट में सांसद के पत्र और कंपनी पर लगे आरोपों का जवाब दिया है. कंपनी का कहना है कि उसने इस पूरे मामले की जांच की है. अंदरूनी जांच में 'ट्रेंडिग टॉपिक्स' के लिए समाचारों के चयन में इस तरह का कोई भी राजनीतिक पक्षपात सामने नहीं आया है. ट्रेंडिंग टॉपिक्स पहचान के आधार पर खुद ब खुद विषय चुनता है.
फेसबुक की इस जांच में किन्हीं राजनीतिक वजहों से खबरों, विषयों या स्रोतों को नहीं दबाया गया है. फेसबुक सामान्यतया ऐसी तकनीकी प्रक्रियाओं को सार्वजनिक नहीं करता है. हालांकि फेसबुक ने एहतियातन अपने 'ट्रेंडिंग टॉपिक्स' सेक्शन की कुछ प्रक्रियाओं में बदलाव किए हैं.
पिछले हफ्ते फेसबुक के मुख्य कार्यकारी मार्क जकरबर्ग ने कंजरवेटिव पार्टी के दर्जन भर से अधिक नेताओं से इस सिलसिले में मुलाकातें की थीं.
आरजे/आरपी (रायटर्स)