फिर एकजुट हो रहे हैं ब्रेक्जिट विरोधी
१९ अक्टूबर २०१८ब्रेक्जिट का विरोध कर रहे उत्तरी आयरलैंड के कार्यकर्ताओं ने हाल ही में विपक्ष के नेताओं से मुलाकात की. इसके बाद प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने संसद में कहा, ''दोबारा जनमत संग्रह नहीं कराया जाएगा.'' ब्रेक्जिट पर देश बंटा है और बहुत से लोगों को अभी भी उम्मीद है कि ब्रिटेन का यूरोपीय संघ से बाहर निकलना रोका जा सकता है. लेकिन टेरीजा मे जनमत संग्रह के नतीजे को लागू करना चाहती हैं, "आम लोगों ने 2016 में ब्रेक्जिट के पक्ष में वोट दिया था और सरकार उसे पूरा करेगी."
उत्तरी आयरलैंड के डोयर फिन के मुताबिक, ''हमारी पीढ़ी के लिए ब्रेक्जिट से ज्यादा खतरनाक कुछ भी नहीं है.'' दरअसल उत्तरी आयरलैंड ब्रेक्जिट को लेकर हो रही वार्ताओं के केंद्र में है. यूरोपीय संघ और ब्रिटेन दोनों ही ब्रिटेन के हिस्से में आने वाले उत्तरी आयरलैंड और आयरलैंड गणराज्य के बीच खुली सीमा सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं. आयरलैंड में दशकों से चली आ रही तनातनी के बाद लोगों को अब डर है कि स्थिति में किसी प्रकार के परिवर्तन से उत्तरी आयरलैंड में चल रहा शांति का प्रयास भंग हो जाएगा.
ब्रेक्जिट का डर
फिन के 16 वर्षीय साथी का कहना है, ''हमने अतीत में हुई हिंसा कभी नहीं देखी है.'' फिन के मुताबिक, ''ब्रेक्जिट से सभी डरे हुए हैं और कोई भी युवा वापस पीछे नहीं जाना चाहता है.'' दूसरे जनमत संग्रह को न कराने को लेकर टेरीजा मे की जिद से यूरोपीय संघ के पक्षधर विचलित नहीं हुए हैं. अलग-अलग दलों के हजारों लोग पीपुल्स वोट कैंपेन को समर्थन देकर जनमत संग्रह की मांग कर रहे हैं.
पीपुल्स वोट कैंपेन का कहना है कि करीब एक लाख समर्थक जून की रैली में आए थे. अभियान दल को उम्मीद है कि शनिवार का मार्च और बड़ा व बेहतर होगा. मुख्य विपक्षी दल लेबर पार्टी से लंदन के मेयर सादिक खान, लिबरल डेमोक्रैटिक नेता विंस केबल, यूरोपीय संघ समर्थक एना सुब्री व टेरीजा मे की कंजरवेटिव पार्टी की सारा वोलास्टन इस मार्च में आएंगे और लोगों को संबोधित करेंगे.
टेरीजा मे ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने ब्रेक्जिट पर अमल के समय को 21 महीने से एक साल और बढ़ा दिया है. एना सुब्री का इस पर कहना है कि मे ऐसा फैसला करने पर मजबूर थीं क्योंकि उनकी सरकार आयरलैंड को खुली सीमा देने के मुद्दे पर बंटी हुई है. साथ ही यूरोपीय संघ से भविष्य में व्यापार सौदे को सुरक्षित करने के मुद्दे पर सरकार विफल साबित हुई है. सुब्री ने ट्वीट किया, ''ब्रेक्जिट का वादा टूटा है''. वह लोगों को शनिवार के मार्च में शामिल होने के लिए कह रही हैं.
बंटा है ब्रिटेन
अपने संदेशों में लंदन के मेयर सादिक खान का कहना है कि या तो टेरीजा मे ब्रिटेन को एक खराब ब्रेक्जिट डील की ओर ले जा रही हैं या यह कोई डील है ही नहीं. उनका कहना है, "यह दोनों ही परिस्थितियां टेरीजा में द्वारा किए गए वादों से कोसों दूर हैं.'' दैनिक 'द इंडिपेंडेंट' द्वारा शुरू किए गए एक ऑनलाइन पीटिशन में करीब नौ लाख लोगों ने दोबारा जनमत संग्रह कराए जाने का समर्थन किया है. यह आंकड़ा देखने में बड़ा लगता है कि लेकिन प्रधानमंत्री मे का यूरोपीय संघ समर्थकों को कहना है कि करीब 1.74 करोड़ लोगों ने यूरोपीय संघ छोड़ने के लिए वोट दिया है.
2016 में हुए जनमत संग्रह में 52 फीसदी लोगों ने यूरोपीय संघ छोड़ने के पक्ष में वोट दिया था. पीपुल्स वोट ने हालांकि अभी तक विस्तार से यह नहीं बताया है कि वह कैसे दोबारा वोट लेगा, क्या सवाल होंगे या दो मतों का कैसे मेल किया जाएगा. अभियान दल ने चेतावनी दी है कि यूरोपीय संघ को मार्च में ब्रिटेन अलविदा कर सकता है. इसके साथ ही भविष्य में बातचीत जारी रखने का भरोसा दे सकता है.
लेबर की दुविधा
लेबर सांसद क्रिस लेसली का कहना है कि ऐसे अंधकारमय ब्रेक्जिट से ब्रिटेन किसी भी डील पर नहीं पहुंच रहा है. इसमें स्पष्टता नहीं है. महत्वपूर्ण है कि लेबर पार्टी के वामपंथी नेता जेरेमी कोर्बिन पीपुल्स वोट रैली को संबोधित नहीं करेंगे. कोर्बिन समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं को डर है कि अगर उन्होंने नए मत का समर्थन किया तो उनकी पार्टी को संसदीय सीटें खोनी पड़ सकती हैं. उत्तरी और मध्य इंग्लैंड में लेबर पार्टी का दबदबा है और उन्होंने 2016 में ब्रेक्जिट का समर्थन किया था.
ब्रेक्जिट को लेकर चल रही राजनीति के बीच लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के राजनैतिक विश्लेषक साइमन हिक्स का ट्वीट दिलचस्प है. उन्होंने पिछले हफ्ते ट्वीट किया, ''पीपुल्स वोट कैंपेन का कोई नतीजा नहीं निकलेगा जब तक वे वोटर्स को छोड़कर उनके वैध मुद्दों पर काम करना न शुरू करें.''
वीसी/एमजे (डीपीए)